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गमला सही होगा तो ज्यादा पनपेगा पौधा

घर चाहे छोटा हो या बड़ा, ज्यादातर लोग घरों में हरियाली के लिए गमलों का इस्तेमाल करते हैं। टेरस, बालकनी, खिड़कियां, लिविंग रूम या फिर छोटे से लॉन में भी आप गमलों को आसानी से रख सकते हैं। बाजार में अलग-अलग आकार और प्रकार के गमले मिलते हैं जिनमें आप छोटे बड़े फूलों के साथ फल और सब्जियां भी उगा सकते हैं। लेकिन गमलों की खरीदारी के दौरान बहुत जरूरी है की इस बात का ध्यान रखा जाए की आप किस तरह के पौधे और किस स्थान पर रखने के लिए गमला ले रहे हैं।

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गमला
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Published : Sep 14, 2021, 2:39 PM IST

आमतौर पर लोगों को इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है की वह गमले का चयन कैसे करें, जिसका नतीजा यह होता है की गलत गमले के कारण या तो पौधा पनप नहीं पाता है या फिर वह ज्यादा खाद और पानी की वजह से पनपने के बाद मर जाता है। हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से आप सही गमला चुन सकते हैं और कौन सा गमला किस स्थान के लिए आदर्श होता है।

कैसे चुनें सही गमला

किसी भी पौधे के लिए गमला चुनते समय जरूरी है की इस बात का ध्यान रखा जाय की गमले में पानी की निकासी सही है या नहीं। इसके अतिरिक्त रोपे जाने वाले पौधे के विकसित आकार की जानकारी लेकर ही गमला लेना चाहिए। गमला किस जगह रखा जाने वाला है, बाहर जहां सीधी धूप आती हो या फिर कमरे के अंदर, इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है।

कैसे चुनें सही आकार

बाजार में छोटे-छोटे कपनुमा गमलों से लेकर बड़े गमले भी मिलते हैं, जिनमें पेड़ तक उगाए जा सकते हैं। सही पौधे के लिए सही गमले का चयन जरूरी होता है। महालक्ष्मी नगर इंदौर के नर्सरी संचालक पवन सिंह बताते हैं की किसी भी पौधे के लिए गमले का चयन उस पौधे की जड़ों के आकार के अनुसार करना चाहिए। यदि गमले में ऐसे पौधे लगाए जाये जिनकी जड़ें बहुत बड़ी हों या ज्यादा फैलती हों, तो पौधे के विकास पर असर पड़ता है। इसलिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि आपको किस तरह के पौधे के लिए गमला खरीदना है। हम आपको बताते हैं कि किस तरह के पौधों के लिए कितने इंच गहराई वाला गमला आदर्श रहता है।

  1. 4 से 10 इंच: छोटे एकल कैक्टस और सक्यूलेनट्स के लिए इस आकार के पॉटस लिए जा सकते है। लेकिन, यदि आप एक पॉट में एक से ज्यादा सक्यूलेनट्स लगाना चाहते हैं तो ध्यान रहे की पॉट की चौड़ाई ज्यादा हो हैं।
  2. 10 इंच: इस तरह के गमले छोटी जड़ों वाली हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, स्ट्रॉबेरी, फैलने वाले छोटे फूल तथा छोटे आकार के डेकोरेटिव पौधों के लिए आदर्श होते हैं।
  3. 12 से 14 इंच: यदि आप गमलों में छोटा सा किचन गार्डन तैयार करना चाह रहे हैं और गाजर, पालक, छोटे आलू, और पत्ता गोभी, हरी मिर्च जैसी सब्जियां उगाने का मन बना रहे हैं तो उनके लिए 12 से 14 इंच के गमले आदर्श होते हैं। इसके अतिरिक्त ऐसे फूल जिनकी जड़ें बहुत ज्यादा बड़ी और फैलने वाली ना हों, उन्हे इस प्रकार के गमलों में रोपा जा सकता है।
  4. 18 इंच: तुलसी, गोभी, बैंगन, टमाटर, भिंडी, डहेलिया, गुलाब, पारिजात, चंपा, रात की रानी, गेंदे और बोगनवेलिया जैसे फूलों के लिए यह गमले आदर्श हो सकते हैं।
  5. 24 इंच: बोनजाई तथा ऐसे फल, फूल या सब्जियों के पेड़ या पौधे जिनकी जड़ें काफी गहराई तक विकसित होती हैं जैसे अनार, नींबू, अमरूद, मीठा नीम और मधुमालती जैसे बेल वाले पौधों तथा फ़र्न सरीखे विभिन्न सजावटी पौधों के लिए इस आकार के गमले बेहतर होते हैं।
  6. 30 इंच: इस आकार के गमलों में पूरे पेड़ उग जाते हैं। आमतौर पर लोग अपने घरों में इस आकार के गमले में केले, सेब, खजूर (सजावटी) तथा नीम जैसे पेड़ लगाते हैं।

कैसा हो गमले का मैटीरियल

पौधे के सही विकास के लिए सिर्फ गमलों का आकार ही नहीं बल्कि गमले के मटेरियल, यानी गमला किस चीज से बना हुआ है, इस बात का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। गमले के कुछ प्रचलित प्रकार जो बाजार में सरलता से मिलते हैं इस प्रकार हैं:

  1. मिट्टी के गमले
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    मिट्टी के गमले

    मिट्टी से बने पारंपरिक गमलों को गार्डनिंग के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है लेकिन इनमें सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि समय के साथ-साथ इनकी बाहरी पपड़ी झड़ने लगती है और आसपास गंदगी करने लगती है। इंडोर प्लांट्स के लिए इस प्रकार के गमलों से परहेज करना बेहतर रहता है, क्योंकि इनके टूटने का खतरा काफी होता है। लेकिन पौधों के स्वास्थ्य की दृष्टि से मिट्टी के गमले सबसे अधिक उपयोगी होते हैं। मिट्टी के गमलों में पानी को सोखने की क्षमता के कारण मिट्टी में लंबे समय तक ठंडक और नमी बनी रहती है।
  2. सिरेमिक और सीमेंट के गमले
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    सिरेमिक के गमले

    सिरेमिक और सीमेंट दोनों की क्वालिटी एक जैसी होती है हालांकि यह अलग-अलग आकार और प्रकारों में आते हैं। यदि आपने झाड़ीनुमा बड़े पौधे जैसे बोगनविलिया, मेंडरिन, इक्जोरा, पॉम, अकेलीफा लगाना चाहते हैं तो उनके लिए सीमेंट के बड़े गमले ठीक रहते हैं। वहीं बोन्साई को ज्यादातर लोग आयताकार, चौकोर, अंडाकार, गोल नांद जैसे चपटी सतह वाले सेरामिक्स गमलो में लगाने को प्राथमिकता देते हैं। इसी प्रकार सकुलेंट व कैक्टस परिवार के पौधों के लिए अक्सर छोटे नादनुमा सेरेमिक गमलों में लगाया जा सकता है।
  3. ग्रो बैग्स
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    ग्रो बैग

    इस प्रकार के बैग्स का चलन आजकल ज्यादा ट्रेंड में है, लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि ग्रो बैग हर स्थान और हर तरह के पौधों के लिए सही नहीं होते हैं क्योंकि ज्यादातर मामलों में इनमें से पानी की निकासी सही तरह से नहीं हो पाती है और विशेष तौर पर पौधों की मिट्टी ज्यादातर गर्मियों में खराब होने लगती है।
  4. प्लास्टिक के गमले
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    प्लास्टिक का गमला

    यह सस्ते और वजन में हल्के होते हैं। इनडोर प्लांट के लिए यह बेहतर माने जाते हैं। यदि हम घर से बाहर खुली जगह पर, जहां सीधी धूप आती है, इन गमलों को रखेंगे तो गमलों के प्लास्टिक पर असर पड़ने लगेगा, जो पौधों की जड़ को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए धूप के सीधे संपर्क में आने वाले स्थानों पर इस प्रकार के गमलों को रखने से परहेज करना चाहिए।

पढ़ें: ऐसे करें बागवानी की शुरुआत

आमतौर पर लोगों को इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है की वह गमले का चयन कैसे करें, जिसका नतीजा यह होता है की गलत गमले के कारण या तो पौधा पनप नहीं पाता है या फिर वह ज्यादा खाद और पानी की वजह से पनपने के बाद मर जाता है। हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से आप सही गमला चुन सकते हैं और कौन सा गमला किस स्थान के लिए आदर्श होता है।

कैसे चुनें सही गमला

किसी भी पौधे के लिए गमला चुनते समय जरूरी है की इस बात का ध्यान रखा जाय की गमले में पानी की निकासी सही है या नहीं। इसके अतिरिक्त रोपे जाने वाले पौधे के विकसित आकार की जानकारी लेकर ही गमला लेना चाहिए। गमला किस जगह रखा जाने वाला है, बाहर जहां सीधी धूप आती हो या फिर कमरे के अंदर, इस बात का ध्यान रखना भी जरूरी है।

कैसे चुनें सही आकार

बाजार में छोटे-छोटे कपनुमा गमलों से लेकर बड़े गमले भी मिलते हैं, जिनमें पेड़ तक उगाए जा सकते हैं। सही पौधे के लिए सही गमले का चयन जरूरी होता है। महालक्ष्मी नगर इंदौर के नर्सरी संचालक पवन सिंह बताते हैं की किसी भी पौधे के लिए गमले का चयन उस पौधे की जड़ों के आकार के अनुसार करना चाहिए। यदि गमले में ऐसे पौधे लगाए जाये जिनकी जड़ें बहुत बड़ी हों या ज्यादा फैलती हों, तो पौधे के विकास पर असर पड़ता है। इसलिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि आपको किस तरह के पौधे के लिए गमला खरीदना है। हम आपको बताते हैं कि किस तरह के पौधों के लिए कितने इंच गहराई वाला गमला आदर्श रहता है।

  1. 4 से 10 इंच: छोटे एकल कैक्टस और सक्यूलेनट्स के लिए इस आकार के पॉटस लिए जा सकते है। लेकिन, यदि आप एक पॉट में एक से ज्यादा सक्यूलेनट्स लगाना चाहते हैं तो ध्यान रहे की पॉट की चौड़ाई ज्यादा हो हैं।
  2. 10 इंच: इस तरह के गमले छोटी जड़ों वाली हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, स्ट्रॉबेरी, फैलने वाले छोटे फूल तथा छोटे आकार के डेकोरेटिव पौधों के लिए आदर्श होते हैं।
  3. 12 से 14 इंच: यदि आप गमलों में छोटा सा किचन गार्डन तैयार करना चाह रहे हैं और गाजर, पालक, छोटे आलू, और पत्ता गोभी, हरी मिर्च जैसी सब्जियां उगाने का मन बना रहे हैं तो उनके लिए 12 से 14 इंच के गमले आदर्श होते हैं। इसके अतिरिक्त ऐसे फूल जिनकी जड़ें बहुत ज्यादा बड़ी और फैलने वाली ना हों, उन्हे इस प्रकार के गमलों में रोपा जा सकता है।
  4. 18 इंच: तुलसी, गोभी, बैंगन, टमाटर, भिंडी, डहेलिया, गुलाब, पारिजात, चंपा, रात की रानी, गेंदे और बोगनवेलिया जैसे फूलों के लिए यह गमले आदर्श हो सकते हैं।
  5. 24 इंच: बोनजाई तथा ऐसे फल, फूल या सब्जियों के पेड़ या पौधे जिनकी जड़ें काफी गहराई तक विकसित होती हैं जैसे अनार, नींबू, अमरूद, मीठा नीम और मधुमालती जैसे बेल वाले पौधों तथा फ़र्न सरीखे विभिन्न सजावटी पौधों के लिए इस आकार के गमले बेहतर होते हैं।
  6. 30 इंच: इस आकार के गमलों में पूरे पेड़ उग जाते हैं। आमतौर पर लोग अपने घरों में इस आकार के गमले में केले, सेब, खजूर (सजावटी) तथा नीम जैसे पेड़ लगाते हैं।

कैसा हो गमले का मैटीरियल

पौधे के सही विकास के लिए सिर्फ गमलों का आकार ही नहीं बल्कि गमले के मटेरियल, यानी गमला किस चीज से बना हुआ है, इस बात का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। गमले के कुछ प्रचलित प्रकार जो बाजार में सरलता से मिलते हैं इस प्रकार हैं:

  1. मिट्टी के गमले
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    मिट्टी के गमले

    मिट्टी से बने पारंपरिक गमलों को गार्डनिंग के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है लेकिन इनमें सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि समय के साथ-साथ इनकी बाहरी पपड़ी झड़ने लगती है और आसपास गंदगी करने लगती है। इंडोर प्लांट्स के लिए इस प्रकार के गमलों से परहेज करना बेहतर रहता है, क्योंकि इनके टूटने का खतरा काफी होता है। लेकिन पौधों के स्वास्थ्य की दृष्टि से मिट्टी के गमले सबसे अधिक उपयोगी होते हैं। मिट्टी के गमलों में पानी को सोखने की क्षमता के कारण मिट्टी में लंबे समय तक ठंडक और नमी बनी रहती है।
  2. सिरेमिक और सीमेंट के गमले
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    सिरेमिक के गमले

    सिरेमिक और सीमेंट दोनों की क्वालिटी एक जैसी होती है हालांकि यह अलग-अलग आकार और प्रकारों में आते हैं। यदि आपने झाड़ीनुमा बड़े पौधे जैसे बोगनविलिया, मेंडरिन, इक्जोरा, पॉम, अकेलीफा लगाना चाहते हैं तो उनके लिए सीमेंट के बड़े गमले ठीक रहते हैं। वहीं बोन्साई को ज्यादातर लोग आयताकार, चौकोर, अंडाकार, गोल नांद जैसे चपटी सतह वाले सेरामिक्स गमलो में लगाने को प्राथमिकता देते हैं। इसी प्रकार सकुलेंट व कैक्टस परिवार के पौधों के लिए अक्सर छोटे नादनुमा सेरेमिक गमलों में लगाया जा सकता है।
  3. ग्रो बैग्स
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    ग्रो बैग

    इस प्रकार के बैग्स का चलन आजकल ज्यादा ट्रेंड में है, लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि ग्रो बैग हर स्थान और हर तरह के पौधों के लिए सही नहीं होते हैं क्योंकि ज्यादातर मामलों में इनमें से पानी की निकासी सही तरह से नहीं हो पाती है और विशेष तौर पर पौधों की मिट्टी ज्यादातर गर्मियों में खराब होने लगती है।
  4. प्लास्टिक के गमले
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    प्लास्टिक का गमला

    यह सस्ते और वजन में हल्के होते हैं। इनडोर प्लांट के लिए यह बेहतर माने जाते हैं। यदि हम घर से बाहर खुली जगह पर, जहां सीधी धूप आती है, इन गमलों को रखेंगे तो गमलों के प्लास्टिक पर असर पड़ने लगेगा, जो पौधों की जड़ को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए धूप के सीधे संपर्क में आने वाले स्थानों पर इस प्रकार के गमलों को रखने से परहेज करना चाहिए।

पढ़ें: ऐसे करें बागवानी की शुरुआत

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