नई दिल्ली : चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने आखिरकार पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर फिंगर 4 क्षेत्र को खाली करना शुरू कर दिया है, जिस पर उसने पिछले साल कब्जा कर लिया था और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति में बदलाव किया था.
अब चीनी सैनिक अपने रहने के लिए बनाए गए शेल्टर (आश्रय) को नष्ट कर रहे हैं और अन्य संरचनाओं को भी हटा रहे हैं, जो उन्होंने कब्जे के दौरान स्थापित की थी. यह भारत और चीन के बीच एलएसी के पास कई बिंदुओं पर चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए सैनिकों के पीछे हटने संबंधी समझौते के अनुसार हो रहा है.
समझौते में कहा गया है कि चीनी सैनिक फिंगर 8 पर वापस चले जाएंगे और भारतीय सेना पैंगोंग झील के उत्तरी तट के फिंगर 2 और 3 के बीच धन सिंह थापा पोस्ट पर वापस आ जाएगी. इसके अलावा, पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त सहित सैन्य गतिविधियों पर अस्थाई रोक होगी.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि फिंगर 4 क्षेत्र में सैनिकों की संख्या में काफी कमी हो गई है. अधिकारी ने यह भी कहा कि चीनी सेना अपनी नौकाओं को झील से निकाल रही है.
चीन ने एलएसी पर यथास्थिति को बदलने के लिए फिंगर 4 पर और झील के दक्षिणी क्षेत्र में सेना के साथ अन्य सुविधाओं में इजाफा किया था. झील के पास फिंगर 8 क्षेत्र से परे नावों को तैनात किया गया था. एक बार जब सैनिकों की वापसी सुनिश्चित हो जाएगी, तब दोनों पक्षों की ओर से गश्त फिर से शुरू की जाएगी.
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इसके अलावा भारतीय और चीनी सेना झील के दक्षिणी किनारे से भी पीछे हटने लगी है, जहां दोनों देशों के जवान आमने-सामने थे. यही नहीं, झील के दक्षिणी तट पर तैनात किए गए टैंक भी दोनों देशों की सेनाओं द्वारा वापस बुला लिए गए हैं.
भारत और चीनी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लगभग 10 महीने से आमने-सामने है और दोनों देश फिलहाल गतिरोध को समाप्त करने के लिए कदम उठा रहे हैं.
पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर आठ किलोमीटर की दूरी पर फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच दो सेनाओं के बीच नियमित रूप से आमने-सामने वाली स्थिति बनती आई है.
पैंगोंग क्षेत्र में किसे कहते हैं फिंगर्स
झील में पास स्थित पर्वत को कई सैन्य क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जिसे फिंगर्स कहा जाता है. झील के उत्तरी किनारे को आठ फिंगर्स में बांटा गया है. भारत ने फिंगर 8 तक अपने क्षेत्र का दावा किया है और चीन फिंगर 4 तक अपने दावों पर अड़ा है.
यही वजह है कि दोनों देशों की सेना कई बार इन क्षेत्रों में आमने-सामने आ जाती है और पिछले कुछ महीनों से तो दोनों सेनाएं कई स्थानों पर आमने-सामनेकी स्थिति में बनी हुई है.