श्रीनगर : लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने एक बार फिर स्थानीय लोगों को इलाके में मवेशी चराने से रोक दिया है. ये दावा न्योमा क्षेत्र की पूर्व भाजपा पार्षद उर्गैन चोडोन (BDC Urgain Chodon) ने शुक्रवार को किया.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें कथित तौर पर चीनी सैनिकों को पशुओं के झुंड के पीछे भागते हुए देखा जा सकता है. चोडोन सिंधु नदी की एक सहायक नदी सेंगे जंगबू के तट पर स्थित एक गांव कोयल में रहती हैं, जो भारत और चीन के बीच लद्दाख के हिमालयी क्षेत्र को विभाजित करता है.
चोडोन ने ट्वीट किया कि जनवरी में, पीएलए के सैनिक भारतीय क्षेत्र में आए और वे हमारे पशुओं के झुंड को हमारे अपने क्षेत्र में ही नहीं चरने दे रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि जब यह हो रहा था, भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई.
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि जब एक चरवाहे ने अपनी आजीविका (याक) वापस पाने के लिए अनिर्धारित सीमा पार करने की कोशिश की, तो भारतीय सेना ने उसे हमारे ही क्षेत्र से पकड़ लिया और उसे एक पुलिस स्टेशन भेज दिया.
भारत और चीन पिछले 22 महीनों से सीमा विवाद में उलझे हुए हैं. इस मुद्दे को सुलझाने के लिए भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधियों ने 14 दौर की बातचीत की है.
चीन को एक स्पष्ट संदेश देते हुए, भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने पिछले महीने जोर देकर कहा था कि सेना देश की सीमाओं पर यथास्थिति को एकतरफा बदलने के किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने देगी.
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भारत का दावा है कि चीन ने पूर्वी लद्दाख की सीमा से लगे अक्साई चिन में भारत के लगभग 38,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ने 1963 में चीन को उसके द्वारा अवैध रूप से कब्जे में लिए गए भारतीय क्षेत्र से लगभग 5,180 वर्ग किमी को सौंप दिया है.
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