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एलएसी के पास सैन्य शिविर विकसित कर रहा चीन

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Published : Dec 8, 2020, 7:55 PM IST

चीन की बदमाशी लगातार जारी है. पता चला है कि चीन एलएसी के पास सैन्य शिविर बना रहा है. कई भारतीय नागरिकों ने लगभग 20 ऐसे शिविरों को देखा है. पढ़ें रिपोर्ट.

Chinese and Indian soldiers
चीनी और भारतीय सैनिक

नई दिल्ली : भारत के साथ चल रहे संघर्ष के बीच चीन अपनी तैयारियों को बढ़ा रहा है. चीन ने एलएसी के साथ लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक अपने गहराई क्षेत्रों में कई सैन्य शिविर विकसित कर लिए हैं. चीनी और भारतीय सैनिक अप्रैल-मई की समय सीमा के बाद से गतिरोध की स्थिति में हैं और लद्दाख के ठंडे रेगिस्तानी इलाके में 18,000 फीट की ऊंचाई पर बैठे हैं.

भारतीय नागरिकों ने 20 शिविरों को देखा

सरकारी सूत्रों ने बताया कि चीन एलएसी के साथ-साथ अपने गहराई वाले क्षेत्रों में सैन्य शिविर विकसित कर रहा है. कुछ भारतीय नागरिकों ने लगभग 20 ऐसे शिविरों को देखा है. सूत्रों ने कहा कि इस तरह के शिविर चीनी सेना को एलएसी पर अपने पक्ष को बेहतर ढंग से गश्त करने के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में तेजी से प्रतिक्रिया करने की क्षमता प्रदान कर सकते हैं.

डोकलाम में चीन को मिला था जवाब

डोकलाम संकट वर्ष 2017 में हुआ था. भारत ने भूटानी क्षेत्रों में चीनी निर्माण सड़कों पर आपत्ति जताई थी. इसके जरिए चीन भारत के चिकननेक क्षेत्र के करीब पहुंचना चाह रहा था. भारत द्वारा उठाए गए रुख की वैश्विक समुदाय द्वारा सराहना की गई थी, क्योंकि संभवतः यह पहली बार था, जब भारत ने चीन को चुनौती दी थी.

पूर्वी लद्दाख में भी भारत तैयार

वर्तमान संघर्ष के दौरान भी भारतीय पक्ष ने चीनी आक्रामकता का जवाब दिया है. चीन ने भारी तोपखाने, मिसाइलों और बख्तरबंद रेजिमेंटों के साथ लगभग 60,000 सैनिकों को पूर्वी लद्दाख भेजा था. भारत ने भी दुनिया के उच्चतम युद्ध के मैदान में अपनी ताकत बढ़ाई है और फ्रंटलाइन पर तीन पूर्ण पर्वत युद्ध प्रभागों को तैनात किया है.

नई दिल्ली : भारत के साथ चल रहे संघर्ष के बीच चीन अपनी तैयारियों को बढ़ा रहा है. चीन ने एलएसी के साथ लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक अपने गहराई क्षेत्रों में कई सैन्य शिविर विकसित कर लिए हैं. चीनी और भारतीय सैनिक अप्रैल-मई की समय सीमा के बाद से गतिरोध की स्थिति में हैं और लद्दाख के ठंडे रेगिस्तानी इलाके में 18,000 फीट की ऊंचाई पर बैठे हैं.

भारतीय नागरिकों ने 20 शिविरों को देखा

सरकारी सूत्रों ने बताया कि चीन एलएसी के साथ-साथ अपने गहराई वाले क्षेत्रों में सैन्य शिविर विकसित कर रहा है. कुछ भारतीय नागरिकों ने लगभग 20 ऐसे शिविरों को देखा है. सूत्रों ने कहा कि इस तरह के शिविर चीनी सेना को एलएसी पर अपने पक्ष को बेहतर ढंग से गश्त करने के साथ-साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में तेजी से प्रतिक्रिया करने की क्षमता प्रदान कर सकते हैं.

डोकलाम में चीन को मिला था जवाब

डोकलाम संकट वर्ष 2017 में हुआ था. भारत ने भूटानी क्षेत्रों में चीनी निर्माण सड़कों पर आपत्ति जताई थी. इसके जरिए चीन भारत के चिकननेक क्षेत्र के करीब पहुंचना चाह रहा था. भारत द्वारा उठाए गए रुख की वैश्विक समुदाय द्वारा सराहना की गई थी, क्योंकि संभवतः यह पहली बार था, जब भारत ने चीन को चुनौती दी थी.

पूर्वी लद्दाख में भी भारत तैयार

वर्तमान संघर्ष के दौरान भी भारतीय पक्ष ने चीनी आक्रामकता का जवाब दिया है. चीन ने भारी तोपखाने, मिसाइलों और बख्तरबंद रेजिमेंटों के साथ लगभग 60,000 सैनिकों को पूर्वी लद्दाख भेजा था. भारत ने भी दुनिया के उच्चतम युद्ध के मैदान में अपनी ताकत बढ़ाई है और फ्रंटलाइन पर तीन पूर्ण पर्वत युद्ध प्रभागों को तैनात किया है.

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