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चीन की चालबाजी, सिक्किम-पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास बना रहा स्थाई कैंप

पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ पिछले एक साल से जारी गतिरोध के बीच चीनी सेना एलएसी पर अग्रिम स्थानों पर लंबे समय तक बने रहने की योजना बना रही है. सूत्रों मुताबिक, चीनी सेना न सिर्फ पूर्वी लद्दाख में, बल्कि उत्तरी सिक्किम और अरुणाचल क्षेत्र में भी एलएसी के पास कंक्रीट के स्थाई ढांचे का निर्माण कर रही है.

चीनी की नापाक मंशा
चीनी की नापाक मंशा
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Published : Jul 15, 2021, 3:34 PM IST

Updated : Jul 15, 2021, 3:54 PM IST

नई दिल्ली : भारत के साथ चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच, चीनी सेना (Chinese Army) वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास कुछ क्षेत्रों में कंक्रीट के स्थाई ढांचे का निर्माण कर रही है, जहां से चीनी सैनिक बहुत कम समय में भारत के साथ विवादित क्षेत्रों तक पहुंच सकते हैं.

वरिष्ठ सरकारी सूत्रों ने बताया कि उत्तरी सिक्किम में नाकू ला (Naku La) क्षेत्र के सामने एलएसी से कुछ किलोमीटर की दूरी पर चीनी क्षेत्र में एक स्थाई शिविर बनाया जा रहा है. यह स्थान उस इलाके से बमुश्किल चंद मिनट की दूरी पर है, जहां पिछले साल भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी.

सूत्रों ने कहा, चीन कंक्रीट के स्थाई ढांचे का निर्माण कर रहा है, जिससे उसे सीमावर्ती क्षेत्रों के पास सैनिकों की तैनाती करने में मदद मिलेगी. इस क्षेत्र में सड़क का बुनियादी ढांचा भी बहुत अच्छा है, जिससे चीनी सैनिक भारत के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में पहले की तुलना में कहीं अधिक तेजी से पहुंच सकेंगे.

भीषण सर्दियों में चीनी सैनिकों को मिलेगी मदद
सूत्रों ने कहा कि इन आधुनिक इमारतों का निर्माण पूर्वी लद्दाख के क्षेत्रों के साथ-साथ अरुणाचल क्षेत्र में भी देखा गया है. ये इमारतें चीनी सैनिकों को भीषण सर्दियों में अग्रिम इलाकों में असहज स्थिति से निपटने में मददगार होंगी.

बता दें कि भीषण सर्दियों में पूर्वी लद्दाख में अग्रिम मोर्चों पर तैनाती के दौरान चीनी सैनिक अत्यधिक असहज थे, जिससे चीन को अपने सैनिकों को वहां हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा था.

सीमावर्ती इलाकों में स्थाई ढांचे का निर्माण चीन की अग्रिम स्थानों पर लंबे समय तक रहने की मंशा को दर्शाता है.

चीनी सेना पैंगोंग झील क्षेत्र से पीछे हट गई है और सैनिकों को अपने कब्जे वाले तिब्बत क्षेत्र के रुतोग शहर (Rutog town) में वापस भेज दिया है. सूत्रों ने कहा कि चीनी सेना वहां भी बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रही है.

यह भी पढ़ें- चीन को भारत की दो टूक, एलएसी पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव स्वीकार्य नहीं

भारत और चीन के बीच गतिरोध में गत वर्ष 5 मई को पैंगोंग त्सो में शुरू हुआ था. पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी तट पर एक सीमा विवाद से शुरू हुआ गतिरोध कई दौर की सैन्य वार्ता के बाद कम हुआ है. पैंगोंग क्षेत्र में कुछ विघटन भी देखा गया है, लेकिन डेमचोक, हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा जैसे अन्य स्थानों पर गतिरोध जारी है.

पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास गलवान घाटी में पिछले साल 15/16 जून की रात भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंस झड़प हुई, जिसमें दोनों पक्षों के सैनिक हताहत हुए थे. भारत ने स्वीकार किया था कि संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए हैं, जबकि चीन ने अब तक अपने मृत सैनिकों की संख्या को स्वीकार नहीं किया है.

(ANI)

नई दिल्ली : भारत के साथ चल रहे सैन्य गतिरोध के बीच, चीनी सेना (Chinese Army) वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास कुछ क्षेत्रों में कंक्रीट के स्थाई ढांचे का निर्माण कर रही है, जहां से चीनी सैनिक बहुत कम समय में भारत के साथ विवादित क्षेत्रों तक पहुंच सकते हैं.

वरिष्ठ सरकारी सूत्रों ने बताया कि उत्तरी सिक्किम में नाकू ला (Naku La) क्षेत्र के सामने एलएसी से कुछ किलोमीटर की दूरी पर चीनी क्षेत्र में एक स्थाई शिविर बनाया जा रहा है. यह स्थान उस इलाके से बमुश्किल चंद मिनट की दूरी पर है, जहां पिछले साल भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी.

सूत्रों ने कहा, चीन कंक्रीट के स्थाई ढांचे का निर्माण कर रहा है, जिससे उसे सीमावर्ती क्षेत्रों के पास सैनिकों की तैनाती करने में मदद मिलेगी. इस क्षेत्र में सड़क का बुनियादी ढांचा भी बहुत अच्छा है, जिससे चीनी सैनिक भारत के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में पहले की तुलना में कहीं अधिक तेजी से पहुंच सकेंगे.

भीषण सर्दियों में चीनी सैनिकों को मिलेगी मदद
सूत्रों ने कहा कि इन आधुनिक इमारतों का निर्माण पूर्वी लद्दाख के क्षेत्रों के साथ-साथ अरुणाचल क्षेत्र में भी देखा गया है. ये इमारतें चीनी सैनिकों को भीषण सर्दियों में अग्रिम इलाकों में असहज स्थिति से निपटने में मददगार होंगी.

बता दें कि भीषण सर्दियों में पूर्वी लद्दाख में अग्रिम मोर्चों पर तैनाती के दौरान चीनी सैनिक अत्यधिक असहज थे, जिससे चीन को अपने सैनिकों को वहां हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा था.

सीमावर्ती इलाकों में स्थाई ढांचे का निर्माण चीन की अग्रिम स्थानों पर लंबे समय तक रहने की मंशा को दर्शाता है.

चीनी सेना पैंगोंग झील क्षेत्र से पीछे हट गई है और सैनिकों को अपने कब्जे वाले तिब्बत क्षेत्र के रुतोग शहर (Rutog town) में वापस भेज दिया है. सूत्रों ने कहा कि चीनी सेना वहां भी बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रही है.

यह भी पढ़ें- चीन को भारत की दो टूक, एलएसी पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव स्वीकार्य नहीं

भारत और चीन के बीच गतिरोध में गत वर्ष 5 मई को पैंगोंग त्सो में शुरू हुआ था. पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी तट पर एक सीमा विवाद से शुरू हुआ गतिरोध कई दौर की सैन्य वार्ता के बाद कम हुआ है. पैंगोंग क्षेत्र में कुछ विघटन भी देखा गया है, लेकिन डेमचोक, हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा जैसे अन्य स्थानों पर गतिरोध जारी है.

पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास गलवान घाटी में पिछले साल 15/16 जून की रात भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंस झड़प हुई, जिसमें दोनों पक्षों के सैनिक हताहत हुए थे. भारत ने स्वीकार किया था कि संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए हैं, जबकि चीन ने अब तक अपने मृत सैनिकों की संख्या को स्वीकार नहीं किया है.

(ANI)

Last Updated : Jul 15, 2021, 3:54 PM IST
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