गुवाहाटी : सीडीएस जनरल रावत ने यहां प्रथम रविकांत सिंह स्मृति व्याख्यान देते हुए कहा कि चीन दक्षिण एशिया तथा हिंद महासागर क्षेत्र में अंदर तक सेंध लगा रहा है ताकि उभरती वैश्विक महाशक्ति के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत कर सके. उन्होंने कहा कि हाल में हम चीन द्वारा क्षेत्र में भू-रणनीतिक स्पर्धा और भारी निवेश देख रहे हैं.
उन्होंने कहा कि म्यांमा तथा बांग्लादेश पर चीन की प्रतिकूल कार्रवाई भी भारत के राष्ट्रीय हित में नहीं हैं क्योंकि ये ‘भारत पर नियंत्रण’ की कोशिश हैं. रावत ने कहा कि क्षेत्रीय रणनीतिक अस्थिरता का सर्वव्यापी खतरा बना हुआ है. उन्होंने कहा कि इससे भारत की क्षेत्रीय अखंडता और रणनीतिक महत्व को खतरा हो सकता है.
सीडीएस ने भारत-पाक संबंधों पर कहा कि पाकिस्तान का सरकार प्रायोजित आतंकवाद तथा सरकार से इतर तत्वों की आतंकवादी गतिविधियां दोनों देशों के बीच शांति प्रक्रिया में अवरोधक हैं.
उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर पाकिस्तान तथा चीन के बीच साझेदारी को ‘भारत विरोधी सांठगांठ’ कहा, जिसमें चीन द्वारा पाकिस्तान को सैन्य उपकरण प्रदान करना और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसका समर्थन करना शामिल है. सीडीएस ने बाद में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीन के साथ सीमा संबंधी मुद्दों को समग्रता से देखना होगा और यह लद्दाख सेक्टर या पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़े विषय नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि 2020 में थोड़ी दिक्कत (भारत और चीन के बीच) थी. सेना से लेकर राजनीतिक स्तर तक विभिन्न स्तरों पर बातचीत के साथ मुद्दों को सुलझाया जा रहा है. जनरल रावत ने कहा कि पहले भी दोनों पड़ोसियों के बीच ऐसे मुद्दे उठ चुके हैं, लेकिन सुलझा लिये गये हैं. उन्हाेंने कहा कि दोनों देशों के बीच संशय हैं और इसलिए मुद्दों के समाधान में समय लगता है. लोगों को प्रणाली और सशस्त्र बलों में भरोसा होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि क्षेत्र में चीन के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए भारत ने पड़ोसी देशों के साथ सहभागिता बढ़ा दी है. सीडीएस ने कहा कि चीनियों की किसी देश में लोकप्रियता हासिल करने के लिए धनबल का इस्तेमाल करने की आदत रही है। लेकिन जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री ने आह्वान किया है, हम सभी के लिए सुरक्षा और प्रगति में भरोसा करते हैं. हमें अपने पड़ोसियों को बताना होगा कि हम यहां स्थायी मित्रों के रूप में हैं.
रावत ने संबंधों को मजबूत करने के लिए पड़ोसी देशों के साथ सांस्कृतिक संपर्कों की संभावना खोजने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने देश की रक्षा तैयारियों पर कहा कि भारत के पास पर्याप्त रक्षा और सशस्त्र प्रणालियां हैं और सरकार ने सशस्त्र बलों को आपात अधिकारों का इस्तेमाल कर सशस्त्र बलों को आवश्यक शस्त्र प्राप्त करने की अनुमति दी है.
जनरल रावत ने कहा कि जहां तक हमारी सुरक्षा प्रणाली में सुधार की बात है तो कोई सवाल (सरकार द्वारा) नहीं उठाया जा रहा. जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों तथा असैन्य नागरिकों के खिलाफ हिंसा की हालिया घटना पर रावत ने कहा, हमारा पश्चिमी बैरी (पाकिस्तान) हमारे साथ छद्म युद्ध छेड़ रहा है। वे जम्मू कश्मीर में शांति बाधित करने के लिए कुछ भी करेंगे.
उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर में हत्याएं जनता के बीच डर पैदा करने की पड़ोसी देश की कोशिश हैं. उन्होंने कहा कि हमें डरना नहीं चाहिए या ऐसे जाल में नहीं फंसना चाहिए. जनरल रावत ने कहा कि जम्मू कश्मीर से लोगों के संभावित पलायन को रोका जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सोच का जवाब देने के लिए खुफिया तंत्र को मजबूत किया जा रहा है.
रावत ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों को आवाजाही की जो आजादी मिलनी शुरू हुई है वह मौजूदा हालात की वजह से बाधित हो सकती है. उन्होंने हालात से निपटने में जनता के सहयोग की जरूरत बताई.
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