मुंबई : बृहन्मुंबई नगर निगम ने दक्षिण मुंबई के झवेरी बाजार क्षेत्र के कालबादेवी में एक सोने और चांदी गलाने वाली इकाई की चार चिमनियों को ध्वस्त कर दिया है. नगर निगम के मुताबिक, नगर निगम के सी-वार्ड विभाग ने नगर निगम के दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने पर चार इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की है. त्योहारी सीजन में नगर पालिका की ओर से की गई कार्रवाई से सराफा कारोबारी परेशान हैं.
दीपावली के दौरान सोने की कीमत में बढ़ोतरी: इस संबंध में ईटीवी भारत से बात करते हुए ट्रेडर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुमार जैन ने कहा, 'कई दिनों के बाद दीपावली के सीजन में सोने की कीमत में बढ़ोतरी हुई है. वहीं, नगर पालिका ने यह कार्रवाई की है जिसका कारीगरों पर बड़ा असर पड़ रहा है. यहां के कारीगरों को पहले बहुत कम काम मिलता था. जहां चिमनी का इस्तेमाल होता है, वहां सोना गलाने और उससे जुड़े केमिकल का काम होता है.
नगर पालिका ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है. पहले इन कारीगरों को काम नहीं मिलता था. इसलिए उन्होंने राय व्यक्त की कि नगर पालिका की कार्रवाई से कारीगरों की दीपावली मीठी नहीं रहेगी.
जैन ने कहा, 'नगर पालिका ने कारीगरों का काम रोककर गलत कदम उठाया है. सरकार को पहले इन मजदूरों को दूसरी जगह बसाना चाहिए. इनके हाथों को काम देना जरूरी था.' उन्होंने कहा कि हालांकि प्रशासन ने ऐसा न करते हुए सीधे तौर पर काम बंद करने का आदेश दे दिया है. जैन ने कहा कि 'नगर पालिका के नोटिस के कारण फिलहाल कारीगरों को अपना गुजारा नहीं मिल पा रहा है.'
5 हजार करोड़ का होगा नुकसान : नगर पालिका ने सराफों को जो नोट भेजा है, उससे हर कोई प्रभावित होगा. कारीगरों का कारोबार बंद होने से स्वर्ण व्यवसायियों को आभूषण भी नहीं मिलेंगे. इसका असर पूरे सोने के बाजार पर पड़ेगा. जैन ने कहा कि इस दौरान 5000 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान होगा.