ETV Bharat / bharat

छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से संचालित बाल आश्रम से कैसे रिहा हुए 19 बच्चे ? जानिए

नया रायपुर में अवैध रूप से संचालित बाल आश्रम (Illegal child home raipur ) से मध्यप्रदेश के 19 बच्चों को रिहा किया गया था. बाल संरक्षण इकाई चाइल्ड लाइन (Child Protection Unit Child Line Raipur) की टीम ने छापामार कार्रवाई की थी. इस संबंध में चाइल्ड लाइन अधिकारी नवनीत स्वर्णकार (Navneet Swarnakar) ने ईटीवी भारत को जानकारी दी.

बाल आश्रम
बाल आश्रम
author img

By

Published : Jul 13, 2021, 5:33 AM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ के नया रायपुर में अवैध रूप से संचालित बाल आश्रम (Illegal child home raipur ) में बाल संरक्षण इकाई चाइल्ड लाइन (Child Protection Unit Child Line Raipur) की टीम ने छापा मारा औऱ वहां से 19 बच्चे बरामद (19 children recovered) किए . इनमें से 10 बालक हैं, जबकि 9 बालिकाएं हैं. ये सभी 7 से 10 वर्ष के हैं.

ये बच्चे मध्यप्रदेश के मंडला और बालाघाट जिले के हैं. पुलिस और महिला बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department raipur) की टीम ने एक पम्पलेट में छपी सूचना के आधार पर इन बच्चों को रिहा कराया था.

ईटीवी भारत से बात करते नवनीत स्वर्णकार

शुरुआती जांच में राखी पुलिस ने मंडला पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी है. बच्चों के परिजनों से बात करने और यह बच्चे कैसे इस संस्था के पास पहुंचे? यह पता लगाने के लिए कहा गया है. बच्चों के इस तरह मिलने पर पुलिस ने मानव तस्करी की भी आशंका जताई है. फिलहाल सभी बच्चों को सरकारी बाल गृह भेज दिया गया है. ईटीवी भारत ने इस पूरे मामले को लेकर जिला बाल संरक्षण इकाई चाइल्ड लाइन अधिकारी नवनीत स्वर्णकार (Navneet Swarnakar) से बातचीत की.

सवाल: किस तरह से रेस्क्यू किए, जानकारी कैसे मिली?

जवाब: डायरेक्ट्रेट और कलेक्टर महोदय के निर्देश में हम समय-समय पर निरीक्षण करते हैं. जिसमें देखा जाता है कि अवैध तरीके से कहीं कोई संस्थाएं संचालित तो नहीं हैं. इस बीच हमें एक पम्पलेट मिला, जिसमें नया रायपुर के सेक्टर 29 में लाइफ शो फाउंडेशन नामक एक संस्था की जानकारी मिली, जो मूलतः भिलाई की है. जिसके द्वारा अवैध रूप से बिना विभाग की अनुमति लिए जेजे एक्ट का अनुपालन नहीं करते हुए बच्चों को रखा गया था. इसमें से एक भी बच्चा छत्तीसगढ़ का नहीं था. सभी बच्चे मध्यप्रदेश के मंडला और बालाघाट के रहने वाले थे. हमने एनजीओ का उद्देश्य जानने की कोशिश की तो उनका कहना था कि हम इन्हें शिक्षा देंगे और आवासीय सुविधा देंगे, जबकि अब तक किसी भी बच्चों का स्कूल में दाखिला नहीं कराया गया है.

सवाल: मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ किस तरह से बच्चों को लाया गया, बच्चों ने पूछताछ में क्या कहा ?

जवाब: बच्चों से पूछताछ करने से पता चला है कि एनजीओ ने अपना यूट्यूब चैनल बना रखा है. वहीं बहुत से मीडिया और पम्पलेट के माध्यम से अनुदान की भी मांग करते थे. साथ ही अलग-अलग जगहों पर एनजीओ के वालेंटियर्स भी तैनात थे. पूछताछ में एनजीओ के संचालक नरेश महानंद ने बताया कि हमारे वालेंटियर्स को सूचना मिली कि कुछ ऐसे बेसहारा बच्चे हैं जिनके पालन पोषण के लिए परिवार असमर्थ है. उन्हें वालेंटियर्स लेकर आते हैं. ऐसे में यह प्रतीत होता है कि इनके वालेंटियर्स सभी जगह तैनात हैं. चाहे वह छत्तीसगढ़ हो या मध्यप्रदेश. फिलहाल हमने नया रायपुर स्थित राखी थाने में एफआईआर दर्ज किया है. साथ ही पुलिस से अनुरोध किया गया है कि किशोर अधिनियम की धारा 32 जो जेजे एक्ट का पंजीयन नहीं कराने का उल्लंघन है, जिसमें एक वर्ष का कारावास और एक लाख रुपये का जुर्माना है. साथ ही भारतीय दंड संहिता 270 में यदि मामला फिट बैठता है तो उसे भी लगाने की पूरी कोशिश करेंगे.

पम्पलेट से नया रायपुर में अवैध बाल गृह का हुआ खुलासा, ऐसे छुड़ाए गए 19 मासूम

सवाल: ज्यादातर बच्चे आदिवासी बताए जा रहे हैं, क्या उनके माता पिता ने उन्हें छोड़ा?

जवाब: अभी बच्चों की काउंसलिंग की जा रही है. होम्स में तीन चरणों में काउंसलिंग होती है. पहले चरण में बालकों काउंसलिंग की जा रही है. इस दौरान बच्चों का कहना है कि हमें इस संस्था के बारे में सूचना मिली तो हमारे माता-पिता ने स्वेच्छा से हमें भेजा है. इसके बाद बाल संरक्षण इकाई की टीम ने जब दस्तावेज खंगाले तो केवल माता-पिता का सहमति पत्र है कि इनके शिक्षा दीक्षा के लिए हम इन्हें भेज रहे हैं, लेकिन अंदर की क्या बातें है पुलिस पूछताछ करेगी तभी सामने आएगा.

सवाल: तेलंगाना में भी मंडला के 20 बच्चे छुड़ाए गए, मानव तस्करी का मामला तो नहीं ?

जवाब: इस संबंध में हमने मंडला के डीपीओ से बात की है. उन्हें बताया गया कि रायपुर में ये बच्चे किस तरह से यहां पहुंचे हैं. उनके परिवार में जाकर होम स्टडी करें और अच्छे से पूछताछ करें. तेलंगाना में भी मंडला जिले के बच्चों की सूचना मिली है. उस मामले पर मंडला जिला ही कार्रवाई करेगा.

सवाल: मध्यप्रदेश में किसी से बातचीत हुई क्या, आगे किस तरह की कार्रवाई होगी?


जवाब: मंडला के कलेक्टर का इस पर निर्देश भी है कि ऐसा क्यों हुआ है. इस संबंध में वहां के डीपीओ और बाल संरक्षण अधिकारी की पूरी टीम उन गांवों तक पहुंच चुकी है. बच्चों के परिजनों के साथ ही आसपास के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है.

रायपुर के अवैध बाल गृह से 19 नाबालिग कराए गए रिहा, सभी बच्चे एमपी के रहने वाले


कौन है नरेश महानंद ?

इस संस्था के संचालक नरेश महानंद ने कहा कि वे भिलाई के रहने वाले हैं और चंडीगढ़ में बाइबिल कॉलेज में पढ़ाता था, लेकिन कोरोना महामारी के बाद वह जरूरतमंद बच्चों के शिक्षा देने के लिए यह आश्रम बनाया है. नरेश महानंद तेज यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं, जिसमें एक धर्म के संबंध में जानकारी दी जाती है. उनसे जब धर्म प्रचारक के तौर पर भी काम करने के बारे में पूछा तो उन्होंने इनकार किया. महानंद का दावा है कि वह किसी तरह का गलत काम नहीं कर रहे हैं. वे लोगों से मिले डोनेशन से बच्चों को शिक्षा और आवास मुहैया कराने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि इस संबंध में कुछ सरकारी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है.

रायपुर : छत्तीसगढ़ के नया रायपुर में अवैध रूप से संचालित बाल आश्रम (Illegal child home raipur ) में बाल संरक्षण इकाई चाइल्ड लाइन (Child Protection Unit Child Line Raipur) की टीम ने छापा मारा औऱ वहां से 19 बच्चे बरामद (19 children recovered) किए . इनमें से 10 बालक हैं, जबकि 9 बालिकाएं हैं. ये सभी 7 से 10 वर्ष के हैं.

ये बच्चे मध्यप्रदेश के मंडला और बालाघाट जिले के हैं. पुलिस और महिला बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department raipur) की टीम ने एक पम्पलेट में छपी सूचना के आधार पर इन बच्चों को रिहा कराया था.

ईटीवी भारत से बात करते नवनीत स्वर्णकार

शुरुआती जांच में राखी पुलिस ने मंडला पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी है. बच्चों के परिजनों से बात करने और यह बच्चे कैसे इस संस्था के पास पहुंचे? यह पता लगाने के लिए कहा गया है. बच्चों के इस तरह मिलने पर पुलिस ने मानव तस्करी की भी आशंका जताई है. फिलहाल सभी बच्चों को सरकारी बाल गृह भेज दिया गया है. ईटीवी भारत ने इस पूरे मामले को लेकर जिला बाल संरक्षण इकाई चाइल्ड लाइन अधिकारी नवनीत स्वर्णकार (Navneet Swarnakar) से बातचीत की.

सवाल: किस तरह से रेस्क्यू किए, जानकारी कैसे मिली?

जवाब: डायरेक्ट्रेट और कलेक्टर महोदय के निर्देश में हम समय-समय पर निरीक्षण करते हैं. जिसमें देखा जाता है कि अवैध तरीके से कहीं कोई संस्थाएं संचालित तो नहीं हैं. इस बीच हमें एक पम्पलेट मिला, जिसमें नया रायपुर के सेक्टर 29 में लाइफ शो फाउंडेशन नामक एक संस्था की जानकारी मिली, जो मूलतः भिलाई की है. जिसके द्वारा अवैध रूप से बिना विभाग की अनुमति लिए जेजे एक्ट का अनुपालन नहीं करते हुए बच्चों को रखा गया था. इसमें से एक भी बच्चा छत्तीसगढ़ का नहीं था. सभी बच्चे मध्यप्रदेश के मंडला और बालाघाट के रहने वाले थे. हमने एनजीओ का उद्देश्य जानने की कोशिश की तो उनका कहना था कि हम इन्हें शिक्षा देंगे और आवासीय सुविधा देंगे, जबकि अब तक किसी भी बच्चों का स्कूल में दाखिला नहीं कराया गया है.

सवाल: मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ किस तरह से बच्चों को लाया गया, बच्चों ने पूछताछ में क्या कहा ?

जवाब: बच्चों से पूछताछ करने से पता चला है कि एनजीओ ने अपना यूट्यूब चैनल बना रखा है. वहीं बहुत से मीडिया और पम्पलेट के माध्यम से अनुदान की भी मांग करते थे. साथ ही अलग-अलग जगहों पर एनजीओ के वालेंटियर्स भी तैनात थे. पूछताछ में एनजीओ के संचालक नरेश महानंद ने बताया कि हमारे वालेंटियर्स को सूचना मिली कि कुछ ऐसे बेसहारा बच्चे हैं जिनके पालन पोषण के लिए परिवार असमर्थ है. उन्हें वालेंटियर्स लेकर आते हैं. ऐसे में यह प्रतीत होता है कि इनके वालेंटियर्स सभी जगह तैनात हैं. चाहे वह छत्तीसगढ़ हो या मध्यप्रदेश. फिलहाल हमने नया रायपुर स्थित राखी थाने में एफआईआर दर्ज किया है. साथ ही पुलिस से अनुरोध किया गया है कि किशोर अधिनियम की धारा 32 जो जेजे एक्ट का पंजीयन नहीं कराने का उल्लंघन है, जिसमें एक वर्ष का कारावास और एक लाख रुपये का जुर्माना है. साथ ही भारतीय दंड संहिता 270 में यदि मामला फिट बैठता है तो उसे भी लगाने की पूरी कोशिश करेंगे.

पम्पलेट से नया रायपुर में अवैध बाल गृह का हुआ खुलासा, ऐसे छुड़ाए गए 19 मासूम

सवाल: ज्यादातर बच्चे आदिवासी बताए जा रहे हैं, क्या उनके माता पिता ने उन्हें छोड़ा?

जवाब: अभी बच्चों की काउंसलिंग की जा रही है. होम्स में तीन चरणों में काउंसलिंग होती है. पहले चरण में बालकों काउंसलिंग की जा रही है. इस दौरान बच्चों का कहना है कि हमें इस संस्था के बारे में सूचना मिली तो हमारे माता-पिता ने स्वेच्छा से हमें भेजा है. इसके बाद बाल संरक्षण इकाई की टीम ने जब दस्तावेज खंगाले तो केवल माता-पिता का सहमति पत्र है कि इनके शिक्षा दीक्षा के लिए हम इन्हें भेज रहे हैं, लेकिन अंदर की क्या बातें है पुलिस पूछताछ करेगी तभी सामने आएगा.

सवाल: तेलंगाना में भी मंडला के 20 बच्चे छुड़ाए गए, मानव तस्करी का मामला तो नहीं ?

जवाब: इस संबंध में हमने मंडला के डीपीओ से बात की है. उन्हें बताया गया कि रायपुर में ये बच्चे किस तरह से यहां पहुंचे हैं. उनके परिवार में जाकर होम स्टडी करें और अच्छे से पूछताछ करें. तेलंगाना में भी मंडला जिले के बच्चों की सूचना मिली है. उस मामले पर मंडला जिला ही कार्रवाई करेगा.

सवाल: मध्यप्रदेश में किसी से बातचीत हुई क्या, आगे किस तरह की कार्रवाई होगी?


जवाब: मंडला के कलेक्टर का इस पर निर्देश भी है कि ऐसा क्यों हुआ है. इस संबंध में वहां के डीपीओ और बाल संरक्षण अधिकारी की पूरी टीम उन गांवों तक पहुंच चुकी है. बच्चों के परिजनों के साथ ही आसपास के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है.

रायपुर के अवैध बाल गृह से 19 नाबालिग कराए गए रिहा, सभी बच्चे एमपी के रहने वाले


कौन है नरेश महानंद ?

इस संस्था के संचालक नरेश महानंद ने कहा कि वे भिलाई के रहने वाले हैं और चंडीगढ़ में बाइबिल कॉलेज में पढ़ाता था, लेकिन कोरोना महामारी के बाद वह जरूरतमंद बच्चों के शिक्षा देने के लिए यह आश्रम बनाया है. नरेश महानंद तेज यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं, जिसमें एक धर्म के संबंध में जानकारी दी जाती है. उनसे जब धर्म प्रचारक के तौर पर भी काम करने के बारे में पूछा तो उन्होंने इनकार किया. महानंद का दावा है कि वह किसी तरह का गलत काम नहीं कर रहे हैं. वे लोगों से मिले डोनेशन से बच्चों को शिक्षा और आवास मुहैया कराने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि इस संबंध में कुछ सरकारी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.