ETV Bharat / bharat

Dharwad child alive during cremation: दाह संस्कार के समय जीवित हुआ बच्चा, फिर...

author img

By

Published : Aug 19, 2023, 8:40 AM IST

कर्नाटक के धारवाड़ में एक अजीबोगरीब हादसा हुआ. एक डेढ़ साल का बच्चा अंतिम संस्कार से पहले सांस लेता हुआ दिखा. अफसोस की बात है कि अगले दिन अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई. पढ़ें पूरी खबर...

child presumed dead found alive during cremation in Dharwad karnataka dies next day
कर्नाटक में दाह संस्कार के दौरान जीवित हुआ बच्चा, अगले दिन हुई मौत

धारवाड़: कर्नाटक के धारवाड़ में एक बच्चे को मृत समझकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया. हालांकि, अंतिम संस्कार के दौरान उसकी सांसें चलती हुए देखी गई. इससे सभी हैरान हो गए और तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराया. हलांकि, डॉक्टर उसे बचा नहीं सके. यह घटना धारवाड़ जिले के नवलगुंडा तालुक के बसापुरा गांव में हुई.

घटना की पूरी जानकारी: बसापुरा गांव का आकाश बसवराज पुजारा नाम का डेढ़ साल का बच्चा पिछले कुछ दिनों से बीमार था. उसे हुबली के किम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टर ने बच्चे का इलाज किया. लेकिन डॉक्टर ने कहा कि बच्चे के जीवित बचने की संभावना नहीं है. इसलिए माता-पिता ने इलाज के बीच में ही बच्चे अपने घर ले आए.

जब वे घर पहुंचे तो उन्हें लगा कि बच्चे की मौत हो गई है और वे उसका अंतिम संस्कार करने के लिए बसापुरा गांव आ गए. इसके लिए उन्होंने जरूरी तैयारियां कर दी. इस बीच बच्चे ने ऐसे सांस ली मानो अंतिम संस्कार के दौरान मृत बच्चे के मुंह में पानी की दो बूंदें डाल दी गई हों. माता-पिता ने बच्चे को फिर से नवलगुंडा अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन वहां वेंटिलेटर की समस्या थी. इसके बाद उसे फिर से किम्स ले गए. डॉक्टर ने फिर वही बात कही कि बच्चे के बचने की संभावना नहीं है. इसलिए आज सुबह माता-पिता को एहसास हुआ कि उनका बच्चा जीवित नहीं बचेगा और वे उसे गांव ले आए. बच्चे की घर पर ही मौत हो गई. अंतिम संस्कार आयोजन किया गया.

ये भी पढ़ें- Karnataka News : पानी गर्म करते समय करंट की चपेट में आई बच्ची, बचाने गए दादा-दादी की भी मौत

डॉक्टर की प्रतिक्रिया: किम्स (KIMS) के निदेशक डॉ. रामलिंगप्पा अंतराथनी ने कहा, 'हमने कोई प्रमाण पत्र नहीं दिया कि बच्चे की मौत अस्पताल में हुई. रिश्तेदारों ने उसे इलाज के दौरान ही अस्पताल से ले गए. कुछ दिन पहले बच्चे के मस्तिष्क में तरल पदार्थ के कारण गडग अस्पताल में उसका इलाज किया गया था और वह आगे के इलाज के लिए हमारे पास आया था. हमारे डॉक्टर ने उसे मस्तिष्क बुखार का इलाज किया था. हालांकि, माता-पिता बच्चे को अचानक इलाज के दौरान ही ले गए. अस्पताल से ले जाने के दौरान वह जीवित था.

धारवाड़: कर्नाटक के धारवाड़ में एक बच्चे को मृत समझकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया. हालांकि, अंतिम संस्कार के दौरान उसकी सांसें चलती हुए देखी गई. इससे सभी हैरान हो गए और तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराया. हलांकि, डॉक्टर उसे बचा नहीं सके. यह घटना धारवाड़ जिले के नवलगुंडा तालुक के बसापुरा गांव में हुई.

घटना की पूरी जानकारी: बसापुरा गांव का आकाश बसवराज पुजारा नाम का डेढ़ साल का बच्चा पिछले कुछ दिनों से बीमार था. उसे हुबली के किम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. डॉक्टर ने बच्चे का इलाज किया. लेकिन डॉक्टर ने कहा कि बच्चे के जीवित बचने की संभावना नहीं है. इसलिए माता-पिता ने इलाज के बीच में ही बच्चे अपने घर ले आए.

जब वे घर पहुंचे तो उन्हें लगा कि बच्चे की मौत हो गई है और वे उसका अंतिम संस्कार करने के लिए बसापुरा गांव आ गए. इसके लिए उन्होंने जरूरी तैयारियां कर दी. इस बीच बच्चे ने ऐसे सांस ली मानो अंतिम संस्कार के दौरान मृत बच्चे के मुंह में पानी की दो बूंदें डाल दी गई हों. माता-पिता ने बच्चे को फिर से नवलगुंडा अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन वहां वेंटिलेटर की समस्या थी. इसके बाद उसे फिर से किम्स ले गए. डॉक्टर ने फिर वही बात कही कि बच्चे के बचने की संभावना नहीं है. इसलिए आज सुबह माता-पिता को एहसास हुआ कि उनका बच्चा जीवित नहीं बचेगा और वे उसे गांव ले आए. बच्चे की घर पर ही मौत हो गई. अंतिम संस्कार आयोजन किया गया.

ये भी पढ़ें- Karnataka News : पानी गर्म करते समय करंट की चपेट में आई बच्ची, बचाने गए दादा-दादी की भी मौत

डॉक्टर की प्रतिक्रिया: किम्स (KIMS) के निदेशक डॉ. रामलिंगप्पा अंतराथनी ने कहा, 'हमने कोई प्रमाण पत्र नहीं दिया कि बच्चे की मौत अस्पताल में हुई. रिश्तेदारों ने उसे इलाज के दौरान ही अस्पताल से ले गए. कुछ दिन पहले बच्चे के मस्तिष्क में तरल पदार्थ के कारण गडग अस्पताल में उसका इलाज किया गया था और वह आगे के इलाज के लिए हमारे पास आया था. हमारे डॉक्टर ने उसे मस्तिष्क बुखार का इलाज किया था. हालांकि, माता-पिता बच्चे को अचानक इलाज के दौरान ही ले गए. अस्पताल से ले जाने के दौरान वह जीवित था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.