दुमकाः उपराजधानी दुमका में पहली बार इंटर कंट्री एडोप्शन हुआ है. इटली की दंपती ने पिछले चार सालों से दत्तक ग्रहण संस्थान (एसएए) में रह रहे बालक को गोद लिया है. साउथ इटली के कोजेथा इलाके में रहनेवाले इटली का यह दंपती पिछले सात वर्षों से बच्चे का इंतजार कर रहा था. दुमका पहुंचने पर जब बालक को उनके गोद में दिया गया तो दंपती की आंखों में खुशी के आंसू छलक गए. श्रीअमड़ा गांव में संचालित दत्तक ग्रहण संस्थान (एसएए) में बाल कल्याण समिति के चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, उपाध्याय डॉ राज कुमार, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र ने इस दंपती के गोद में बच्चे को सौंप दिया.
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बच्चे के नए पिता इटली में हैं पुलिस अधिकारीः हम आपको बता दें कि पांच माह पूर्व तात्कालीन उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने 04 मार्च 2023 को इस बालक को इटली के दंपती को देने के आदेश पर अपनी मुहर लगा दी थी. बच्चा गोद लेनेवाले उसके पिता इटली में पुलिस पदाधिकारी हैं और उनकी पत्नी गृहिणी हैं. दोनों न तो अंग्रेजी जानते हैं और न ही हिन्दी. इसलिए वह अपने साथ दिल्ली से एक इंटरप्रेटर को लेकर यहां आये थे. उन्होंने बताया कि दोनों ने 2008 में शादी की थी. उन्हें अब तक कोई संतान नहीं है. उनकी पत्नी मां नहीं बन सकती हैं. दो साल पूर्व उन्होंने बच्चा गोद लेने का निर्णय लिया और अधिकृत साइट पर अपना निबंधन करवाया. पूरी प्रक्रिया के बाद आज दुमका में उन्हें बच्चा मिल गया है.
बेटे को पाकर काफी खुश नजर आए इटली के दंपतीः दोनों पति-पत्नी बेटे को गोद में उठाकर काफी खुश नजर आए. वे बच्चे के लिए इटली से ढेर सारे खिलौने लेकर आए थे. उन्होंने बताया कि उनका संयुक्त परिवार है और परिवार के सभी सदस्य बेसब्री से बच्चे का इंतजार कर रहे हैं. बच्चे का पासपोर्ट पूर्व में ही बनाया जा चुका है. दुमका से दंपती बच्चे को लेकर कोलकाता जाएंगे और वहां बच्चा का वीजा बनवाने के बाद दिल्ली जाएंगे. आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर वे 09 या 10 सितंबर को बच्चा को लेकर इटली लौट जाएंगे. दुमका से दिया गया यह पहला इंटर कंट्री एडोप्शन है.
दिल्ली के सफरदगंज अस्पताल में मिला था बच्चाः दुमका के इस बालक के जन्म से लेकर उसके एडोप्शन की कहानी बहुत ही मार्मिक है. दरअसल, दुमका जिले के सरैयाहाट थाना क्षेत्र की एक महिला अपने पति के साथ काम करने के लिए दिल्ली गई थी. एक साल बाद उसने सफदरगंज अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था, लेकिन जब उसे पता चला कि नवजात में थोड़ी मेडिकल समस्या है तो वह उसे अस्पताल के बेड पर छोड़कर भाग गई थी. उसने अपना पता दुमका का लिखाया था. लिहाजा दिल्ली सीडब्ल्यूसी ने दुमका सीडब्ल्यूसी से संपर्क किया. बच्चे की मेडिकल स्थिति जानने पर दुमका सीडब्ल्यूसी ने इलाज करवाने के बाद ही बच्चे को दुमका ट्रांसफर करने का आग्रह किया, बच्चे का ऑपरेशन करवा कर उसे दुमका भेज दिया गया.
जन्म देने वाले ने अपनाने से किया था इनकारः इधर दुमका बाल कल्याण समिति ( CWC) ने जब बालक के परिवार से संपर्क किया तो उन्होंने अपने बच्चे को अपनाने से इनकार कर दिया. बाद में दुमका सीडब्ल्यूसी ने एक बार फिर रिम्स में बच्चे का इलाज और चेकअप करवाया और 30 दिसंबर 2019 को इस बच्चे को एडोप्शन के लिए लीगली फ्री घोषित कर दिया. जिन्हें इटली के इस दंपती ने बच्चे का फोटो और मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद बच्चे को एडोप्ट करने की इच्छा जतायी.