जैसलमेर. राजस्थान के जैसलमेर में भारत-पाक सीमा से सटे थार के रेगिस्तान में भारतीय सेना के तीनों अंगों का चल रहा युद्धाभ्यास त्रिशक्ति प्रहार लगातार जारी है. इस युद्धाभ्यास के दौरान भारतीय वायु सेना, थल सेना और नौ सेना युद्ध कौशल का परिचय देते हुए अपना पराक्रम दिखा रहे हैं. शुक्रवार को थल सेनाध्यक्ष मनोज पांडे ने युद्ध स्थल पहुंच कर रेगिस्तान में भारतीय सेना की ओर से किए जा रहे त्रिशक्ति प्रहार को देखा. इस दौरान दक्षिणी पश्चिमी कमान के जीओसी इन चीफ ने उन्हें वास्तविक प्रशिक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
जवानों के साहस और सजगता की सराहना : थल सेनाध्यक्ष मनोज पांडे ने युद्धाभ्यास के दौरान परिचालन तत्परता के प्रति जवानों की व्यवसायिकता और समर्पण के साथ ही लक्ष्य के प्रति सजगता को लेकर उनकी सराहना की. साथ ही जवानों से बातचीत भी की. जवानों ने सेनाध्यक्ष की उपस्थिति में युद्धाभ्यास के दौरान अत्याधुनिक हथियारों और तकनीक के साथ साहसिक प्रदर्शन किया.
बता दें कि 13 नवंबर से थार के रेगिस्तान में शुरू हुआ यह अभ्यास 25 नवम्बर तक चलेगा. इस युद्धाभ्यास में करीब 25 हजार सैनिक हिस्सा ले रहे हैं. इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना आपसी सामंजस्य स्थापित करते हुए भारतीय सेना और नौ सेना के साथ यह अभ्यास कर रहे हैं. इस अभ्यास में युद्ध की वास्तविक परिस्थितियों का जीवंत अभ्यास भारतीय सेना के तीनों अंगों की ओर से पूर्ण सामंजस्य के साथ किया जा रहा है.
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