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Use of Technology and Elections Integrity conference : मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनावों में फर्जी खबरों के खतरों के प्रति किया आगाह

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनावों में फर्जी खबरों को लेकर आगाह करते हुए कहा कि सोशल मीडिया में सत्यापित सामग्री को ही प्रमुखता से दिखाना चाहिए. उन्होंने यह बातें प्रौद्योगिकी और चुनाव अखंडता का उपयोग' विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर कहीं. Use of Technology and Elections Integrity conference

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Published : Jan 23, 2023, 5:06 PM IST

Chief Election Commissioner Rajiv Kumar
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार

नई दिल्ली : मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को दुनिया भर के चुनावों में फर्जी खबरों से होने वाले खतरों के प्रति आगाह किया. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को अपनी एल्गोरिथम शक्ति और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करना चाहिए. चुनाव प्रबंधन निकायों के सामने गंभीर चुनौतियों पर सीईसी कुमार ने ईएमबी के कामकाज के साथ प्रौद्योगिकी के प्रतिच्छेदन पर नए मीडिया, विशेष रूप से सोशल मीडिया के प्रभाव पर जोर दिया.

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में चुनावों में गहरे नकली आख्यानों की एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति एक आम विशेषता बन गई है, जहां विघटनकारी तत्व सार्वजनिक धारणा को बदलने का प्रयास करते हैं और उपयोगकर्ता को भ्रमित करते हैं. सीईसी ने चुनाव आयुक्त के अनूप चंद्र पांडे और अरुण गोयल के साथ सोमवार सुबह 'प्रौद्योगिकी और चुनाव अखंडता का उपयोग' विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया. भारत के चुनाव आयोग द्वारा आयोजित किए जाने वाले तीन सम्मेलनों की श्रृंखला में दूसरा सम्मेलन ईसीआई के नेतृत्व में कोहोर्ट ऑन इलेक्शन इंटीग्रिटी के तहत आयोजित किया जा रहा है. नौ चुनाव प्राधिकरणों के प्रमुखों, उप प्रमुखों सहित कुल 16 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.

कुमार ने प्लेटफॉर्म सर्च रिजल्ट में लेवल प्लेइंग फील्ड इनबिल्ट नहीं होने पर भी चिंता जताई ताकि कम से कम आधिकारिक रूप से सत्यापित वर्जन को नकली सामग्री के समान प्रमुखता से दिखाया जा सके. उन्होंने कहा कि यह कल्पना करना कठिन है कि यदि प्रवर्तन एजेंसियां कहें कि वे तब तक कार्रवाई नहीं करेंगी जब तक उन्हें अपराध की सूचना नहीं दी जाती, खुफिया रोकथाम उनकी जिम्मेदारी नहीं है. अपने मुख्य भाषण में सीईसी ने इस बात पर जोर दिया कि चुनावों में समावेशिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने और इस प्रकार लोकतांत्रिक चुनावी कवायद के प्रति विश्वास बढ़ाने में प्रौद्योगिकी की भागीदारी महत्वपूर्ण हो गई है.

चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने कहा कि बुनियादी प्रक्रियाओं को स्वचालित करने से लेकर परिष्कृत चुनावी डेटाबेस के प्रबंधन तक चुनाव प्रशासन में प्रौद्योगिकी का उपयोग अपरिहार्य हो गया है. गोयल ने 94.5 करोड़ से अधिक मतदाताओं के डेटाबेस के प्रबंधन और मतदान केंद्रों के युक्तिकरण जैसे चुनाव संबंधी निर्णय लेने की सुविधा के लिए ईसीआई द्वारा उपयोग की जा रही विभिन्न प्रौद्योगिकी पहलों पर प्रकाश डाला.

ये भी पढ़ें - EC on JK Assembly Election : चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने के दिए संकेत

नई दिल्ली : मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को दुनिया भर के चुनावों में फर्जी खबरों से होने वाले खतरों के प्रति आगाह किया. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को अपनी एल्गोरिथम शक्ति और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करना चाहिए. चुनाव प्रबंधन निकायों के सामने गंभीर चुनौतियों पर सीईसी कुमार ने ईएमबी के कामकाज के साथ प्रौद्योगिकी के प्रतिच्छेदन पर नए मीडिया, विशेष रूप से सोशल मीडिया के प्रभाव पर जोर दिया.

उन्होंने कहा कि दुनिया भर में चुनावों में गहरे नकली आख्यानों की एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति एक आम विशेषता बन गई है, जहां विघटनकारी तत्व सार्वजनिक धारणा को बदलने का प्रयास करते हैं और उपयोगकर्ता को भ्रमित करते हैं. सीईसी ने चुनाव आयुक्त के अनूप चंद्र पांडे और अरुण गोयल के साथ सोमवार सुबह 'प्रौद्योगिकी और चुनाव अखंडता का उपयोग' विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया. भारत के चुनाव आयोग द्वारा आयोजित किए जाने वाले तीन सम्मेलनों की श्रृंखला में दूसरा सम्मेलन ईसीआई के नेतृत्व में कोहोर्ट ऑन इलेक्शन इंटीग्रिटी के तहत आयोजित किया जा रहा है. नौ चुनाव प्राधिकरणों के प्रमुखों, उप प्रमुखों सहित कुल 16 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.

कुमार ने प्लेटफॉर्म सर्च रिजल्ट में लेवल प्लेइंग फील्ड इनबिल्ट नहीं होने पर भी चिंता जताई ताकि कम से कम आधिकारिक रूप से सत्यापित वर्जन को नकली सामग्री के समान प्रमुखता से दिखाया जा सके. उन्होंने कहा कि यह कल्पना करना कठिन है कि यदि प्रवर्तन एजेंसियां कहें कि वे तब तक कार्रवाई नहीं करेंगी जब तक उन्हें अपराध की सूचना नहीं दी जाती, खुफिया रोकथाम उनकी जिम्मेदारी नहीं है. अपने मुख्य भाषण में सीईसी ने इस बात पर जोर दिया कि चुनावों में समावेशिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने और इस प्रकार लोकतांत्रिक चुनावी कवायद के प्रति विश्वास बढ़ाने में प्रौद्योगिकी की भागीदारी महत्वपूर्ण हो गई है.

चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने कहा कि बुनियादी प्रक्रियाओं को स्वचालित करने से लेकर परिष्कृत चुनावी डेटाबेस के प्रबंधन तक चुनाव प्रशासन में प्रौद्योगिकी का उपयोग अपरिहार्य हो गया है. गोयल ने 94.5 करोड़ से अधिक मतदाताओं के डेटाबेस के प्रबंधन और मतदान केंद्रों के युक्तिकरण जैसे चुनाव संबंधी निर्णय लेने की सुविधा के लिए ईसीआई द्वारा उपयोग की जा रही विभिन्न प्रौद्योगिकी पहलों पर प्रकाश डाला.

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