नई दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) (Chief Election Commissioner) राजीव कुमार ने 'चुनाव प्रबंधन निकायों की भूमिका, रूपरेखा और क्षमता' विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि लोकतंत्र हमेशा भारतीय लोकाचार, जीवन का एक हिस्सा रहा है. सीईसी ने कहा, विविध राय, संवाद, चर्चा, आवास, गैर-आक्रामकता हमारी संस्कृति का आंतरिक हिस्सा रहा है और कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष, समावेशी, सुलभ और प्रलोभन मुक्त चुनाव लोकतांत्रिक राजनीति की आधारशिला है, शांति और विकासात्मक लाभांश के लिए एक पूर्व शर्त है.
चुनाव प्रक्रिया में वृद्ध, ट्रांसजेंडर, विकलांग व्यक्तियों और महिलाओं को शामिल करने के लिए चुनाव आयोग पिछले कुछ समय से मजबूत कदम उठा रहा है. सीईसी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि समावेशिता का अर्थ विशेष रूप से महिलाओं, विकलांग व्यक्तियों, वरिष्ठ नागरिकों, युवा मतदाताओं और हाशिए पर रहने वाली आबादी के लिए असमानताओं को समायोजित करना भी है.
चुनाव प्रबंधन निकायों पर सोशल मीडिया द्वारा पेश की गई चुनौतियों पर जोर देते हुए, सीईसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ काम कर रहे ईएमबी के प्रतिच्छेदन पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म स्व-घोषणा करते हैं कि उनके पास सामग्री प्रदर्शन नीतियां हैं, लेकिन उनके पास खेल में 'एल्गोरिदम शक्ति' भी है. उन्होंने रेखांकित किया कि ज्ञात तौर-तरीकों और शैलियों के आधार पर नकली समाचारों को अधिक जल्दी या गहरी लाल झंडी दिखाना, ईएमबी से अनुचित अपेक्षा नहीं है.
उन्होंने यह भी कहा कि नकली समाचारों का मुकाबला करने के लिए इस तरह के एक सक्रिय दृष्टिकोण से विश्वसनीय चुनावी परिणामों की सुविधा होगी जो स्वतंत्रता को संरक्षित करने में मदद करेगी, जिसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फलने-फूलने की आवश्यकता है. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यह सम्मेलन भारत के चुनाव आयोग द्वारा नई दिल्ली में ईसीआई के नेतृत्व में चुनाव अखंडता पर कोहोर्ट के तहत आयोजित किया गया था, जिसे दिसंबर, 2021 में आयोजित 'लोकतंत्र के शिखर सम्मेलन' के अनुवर्ती के रूप में स्थापित किया गया था.
इस सम्मेलन के महत्व पर जोर देते हुए, पोल पैनल प्रमुख ने अपनी टिप्पणी में कहा कि यह कोहॉर्ट एक दूसरे से सीखने का सही मंच है जैसा कि हमने कोविड के दौरान किया था. उन्होंने कहा कि COVID महामारी जैसे अशांत समय के दौरान अस्थायी रूप से भी मताधिकार से वंचित करना लोकतंत्रों के लिए एक विकल्प नहीं है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह दल प्रासंगिक चुनौतियों और अवसरों पर सहयोग करने के लिए कई और संवादों और संस्थागत तंत्रों की नींव रखेगा.
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सम्मेलन को संबोधित करते हुए, सुश्री एलिजाबेथ जोन्स, चार्ज डी'एफ़ेयर, संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा कि भारत के साथ संबंध सबसे अधिक परिणामी हैं. भारत में पोल पैनल के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों का सामना करने और दुनिया भर में शांति, सुरक्षा और समृद्धि लाने को सहयोग करने के लिए भारत-अमेरिका की साझेदारी मजबूत हो रही है.
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अमेरिका और भारत दोनों ने लोकतांत्रिक संस्थानों के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. सम्मेलन में 11 देशों के ग्यारह ईएमबी के लगभग 50 प्रतिभागियों ने भाग लिया.