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मानवाधिकार आयोग को राज्यों से मांगनी चाहिए मृत्यु प्रमाण पत्रों की रिपोर्ट : चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को सुझाव दिया कि राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को सभी राज्य सरकारों से वर्ष 2020 में जारी किए गए मृत्यु प्रमाण पत्रों की कुल संख्या पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहना चाहिए. उनका कहना है कि इससे कोरोना से मौतों का सही आंकड़ा सामने आएगा.

चिदंबरम
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Published : May 15, 2021, 8:33 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को सुझाव दिया कि राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को सभी राज्य सरकारों से वर्ष 2020 में जारी किए गए मृत्यु प्रमाण पत्रों की कुल संख्या पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहना चाहिए.

उनका ये बयान अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें खुलासा किया गया है कि गुजरात सरकार ने 1 मार्च से 10 मई के बीच 1.23 लाख मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए हैं. पिछले वर्ष इसी अवधि में 58,000 प्रमाण पत्र जारी किए गए थे.

चिदंबरम ने कहा, '65,000 मृत्यु प्रमाणपत्रों की वृद्धि को मौतों की संख्या में प्राकृतिक वार्षिक वृद्धि के रूप में नहीं समझाया जा सकता है. इसे केवल एक महामारी या किसी अन्य प्राकृतिक कारण के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.'

सुनिए चिदंबरम ने क्या कहा

गुजरात सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1 मार्च, 2021 से 10 मई, 2021 की अवधि के दौरान केविड से केवल 4,218 मौतों को स्वीकार किया गया है.

'कोविड से मौत के आंकड़े छिपाए जा रहे'
मामले पर केंद्र और गुजरात सरकार दोनों से सफाई मांगते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, 'इसे 'प्राकृतिक वार्षिक वृद्धि' या 'अन्य कारणों से' के रूप में नहीं समझाया जा सकता है. हमें संदेह है कि बढ़ी हुई वृद्धि का बड़ा हिस्सा कोविड से मौतों के कारण है और राज्य सरकार COVID से संबंधित मौतों की सही संख्या दबा रही है.'

उन्होंने यह भी दावा किया कि इन संदेहों की 'पुष्टि' इस तथ्य से होती है कि सैकड़ों अज्ञात शव गंगा नदी में उतराते पाए गए और लगभग 2000 अज्ञात शव गंगा नदी के किनारे रेत में दबे हुए पाए गए हैं.
उनका कहना है कि हमें संदेह है कि केंद्र कुछ सरकारों के साथ कोरोना से मौतों के मामले छुपा रहा है. अगर हमारा संदेह सही है, तो यह राष्ट्रीय शर्म के अलावा एक गंभीर स्थिति है.

उन्होंने सुझाव दिया कि NHRC को सभी राज्यों को पिछले साल और इस साल जारी किए गए सभी मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करने के लिए कहना चाहिए. उन्होंने कहा कि 'मैं यह मानने को तैयार हूं कि मृत्यु प्रमाण पत्र की संख्या में 5-7% की वृद्धि हो सकती है, लेकिन निश्चित रूप से 100 फीसदी नहीं.'

पढ़ें- गोवा के निजी अस्पतालों का नियंत्रण अपने हाथ में लेगी राज्य सरकार : सीएम सावंत

उन्होंने सुझाव दिया कि प्रदेश कांग्रेस समितियों को तुरंत अपने मुख्यमंत्रियों और संबंधित मंत्रालयों को अपने-अपने राज्यों में हुई मौतों की ठोस संख्या प्रस्तुत करने के लिए लिखना चाहिए ताकि यह देखा जा सके कि उनकी मांगों का जवाब कौन देगा.

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को सुझाव दिया कि राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को सभी राज्य सरकारों से वर्ष 2020 में जारी किए गए मृत्यु प्रमाण पत्रों की कुल संख्या पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहना चाहिए.

उनका ये बयान अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें खुलासा किया गया है कि गुजरात सरकार ने 1 मार्च से 10 मई के बीच 1.23 लाख मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए हैं. पिछले वर्ष इसी अवधि में 58,000 प्रमाण पत्र जारी किए गए थे.

चिदंबरम ने कहा, '65,000 मृत्यु प्रमाणपत्रों की वृद्धि को मौतों की संख्या में प्राकृतिक वार्षिक वृद्धि के रूप में नहीं समझाया जा सकता है. इसे केवल एक महामारी या किसी अन्य प्राकृतिक कारण के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.'

सुनिए चिदंबरम ने क्या कहा

गुजरात सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1 मार्च, 2021 से 10 मई, 2021 की अवधि के दौरान केविड से केवल 4,218 मौतों को स्वीकार किया गया है.

'कोविड से मौत के आंकड़े छिपाए जा रहे'
मामले पर केंद्र और गुजरात सरकार दोनों से सफाई मांगते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, 'इसे 'प्राकृतिक वार्षिक वृद्धि' या 'अन्य कारणों से' के रूप में नहीं समझाया जा सकता है. हमें संदेह है कि बढ़ी हुई वृद्धि का बड़ा हिस्सा कोविड से मौतों के कारण है और राज्य सरकार COVID से संबंधित मौतों की सही संख्या दबा रही है.'

उन्होंने यह भी दावा किया कि इन संदेहों की 'पुष्टि' इस तथ्य से होती है कि सैकड़ों अज्ञात शव गंगा नदी में उतराते पाए गए और लगभग 2000 अज्ञात शव गंगा नदी के किनारे रेत में दबे हुए पाए गए हैं.
उनका कहना है कि हमें संदेह है कि केंद्र कुछ सरकारों के साथ कोरोना से मौतों के मामले छुपा रहा है. अगर हमारा संदेह सही है, तो यह राष्ट्रीय शर्म के अलावा एक गंभीर स्थिति है.

उन्होंने सुझाव दिया कि NHRC को सभी राज्यों को पिछले साल और इस साल जारी किए गए सभी मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करने के लिए कहना चाहिए. उन्होंने कहा कि 'मैं यह मानने को तैयार हूं कि मृत्यु प्रमाण पत्र की संख्या में 5-7% की वृद्धि हो सकती है, लेकिन निश्चित रूप से 100 फीसदी नहीं.'

पढ़ें- गोवा के निजी अस्पतालों का नियंत्रण अपने हाथ में लेगी राज्य सरकार : सीएम सावंत

उन्होंने सुझाव दिया कि प्रदेश कांग्रेस समितियों को तुरंत अपने मुख्यमंत्रियों और संबंधित मंत्रालयों को अपने-अपने राज्यों में हुई मौतों की ठोस संख्या प्रस्तुत करने के लिए लिखना चाहिए ताकि यह देखा जा सके कि उनकी मांगों का जवाब कौन देगा.

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