नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी के खिलाफ 'झूठी प्राथमिकी' दर्ज कराने को लेकर असम पुलिस को राज्य की अदालत की फटकार लगने के बाद शनिवार को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा पर निशाना साधा. चिदंबरम ने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री सीबीआई को यह पता लगाने की जिम्मेदारी देंगे कि किस 'सनकी व्यक्ति' ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई. असम के बारपेटा की एक अदालत ने महिला पुलिस अधिकारी पर कथित 'हमले' के मामले में शुक्रवार को मेवानी को जमानत देते हुए 'झूठी प्राथमिकी' दर्ज करने के लिए राज्य की पुलिस को फटकार लगाई थी.
बारपेटा जिला एवं सत्र न्यायाधीश अपरेश चक्रवर्ती ने जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पिछले एक साल में हुईं पुलिस मुठभेड़ों का उल्लेख करते हुए गुवाहाटी उच्च न्यायालय से आग्रह किया कि वह राज्य पुलिस बल को 'खुद में सुधार' करने का निर्देश दे. चिदंबरम ने घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अदालत ने पाया कि कोई भी समझदार व्यक्ति दो पुरुष पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में एक महिला पुलिस अधिकारी का शील भंग करने की हिम्मत नहीं कर सकता और प्राथमिकी का कोई आधार नहीं है.
-
The court in Barpeta, Assam has granted bail to Jignesh Mevani, MLA of Gujarat
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) April 30, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
The Court found that no sane person could have intended to outrage the modesty of a lady police officer in the presence of two male police officers and held that the FIR had no merit
">The court in Barpeta, Assam has granted bail to Jignesh Mevani, MLA of Gujarat
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) April 30, 2022
The Court found that no sane person could have intended to outrage the modesty of a lady police officer in the presence of two male police officers and held that the FIR had no meritThe court in Barpeta, Assam has granted bail to Jignesh Mevani, MLA of Gujarat
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) April 30, 2022
The Court found that no sane person could have intended to outrage the modesty of a lady police officer in the presence of two male police officers and held that the FIR had no merit
पढ़ें : जमानत मिलने पर 'पुष्पा' स्टाइल में बोले जिग्नेश- 'झुकेगा नहीं'
पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा कि अदालत ने पाया कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मेवानी एक पागल व्यक्ति हैं. उन्होंने लिखा कि यदि मेवानी पागल नहीं हैं और फिर भी उनके खिलाफ झूठी प्राथमिकी दर्ज की गई थी, तो कोई तो पागल हुआ? चिदंबरम ने पूछा कि क्या असम के मुख्यमंत्री सीबीआई को यह पता लगाने के लिए मामला सौंपेंगे कि मेवानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने वाला पागल व्यक्ति कौन था?
मेवानी को पुलिस दल द्वारा गुवाहाटी से कोकराझार ले जाए जाने के दौरान महिला पुलिस अधिकारी पर 'हमला' करने के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार किया गया था. असम पुलिस के एक दल ने कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक मेवानी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कथित रूप से किये गए एक ट्वीट के लिए पिछले सप्ताह गुजरात से पकड़कर गिरफ्तार कर लिया था. ट्वीट मामले में सोमवार को जमानत पर रिहा किये जाने के बाद गुजरात के दलित नेता को कोकराझार ले जाने वाले पुलिस दल में शामिल महिला पुलिसकर्मी पर हमले के आरोप में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था, इस हमले के मामले में एक शिकायत बारपेटा में दर्ज की गई थी.