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1983 में पुलिसकर्मियों पर हमले के मामले में छोटा राजन बरी

गैंगस्टर छोटा राजन को 38 साल पुराने हत्या के प्रयास के एक मामले में बरी कर दिया गया है. अक्टूबर 2015 में इंडोनेशिया से वापस भेजे जाने के बाद राजन दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.

छोटा राजन बरी
छोटा राजन बरी
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Published : Oct 28, 2021, 10:52 PM IST

मुंबई : सीबीआई की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को गैंगस्टर छोटा राजन को 38 साल पुराने हत्या के प्रयास के एक मामले में बरी कर दिया जिसमें उस पर दो पुलिसकर्मियों पर हमला करने का आरोप था.

विशेष न्यायाधीश ए टी वानखेड़े ने भादंसं की धाराओं 307 (हत्या का प्रयास) और 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत आरोपों का सामना कर रहे राजन को बरी कर दिया.

मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अधिकतर गवाहों का पता नहीं लगाया जा सका और यहां तक कि मामले का रिकॉर्ड भी गायब हो गया था. मुंबई पुलिस से जांच अपने हाथों में लेने वाली सीबीआई ने यह कहकर मामले में समापन रिपोर्ट दायर की थी कि वह प्रकरण को आगे नहीं बढ़ा सकती क्योंकि मामले के कागजात और गवाह गायब हैं. अदालत ने हालांकि केंद्रीय एजेंसी से जांच जारी रखने को कहा था.

पढ़ें- बॉम्बे हाईकोर्ट से समीर वानखेड़े को राहत, गिरफ्तारी से पहले पुलिस देगी नोटिस

अक्टूबर 2015 में इंडोनेशिया से वापस भेजे जाने के बाद राजन दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. वह लगभग 70 मामलों में मुकदमे का सामना कर रहा है और 2011 में पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : सीबीआई की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को गैंगस्टर छोटा राजन को 38 साल पुराने हत्या के प्रयास के एक मामले में बरी कर दिया जिसमें उस पर दो पुलिसकर्मियों पर हमला करने का आरोप था.

विशेष न्यायाधीश ए टी वानखेड़े ने भादंसं की धाराओं 307 (हत्या का प्रयास) और 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत आरोपों का सामना कर रहे राजन को बरी कर दिया.

मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अधिकतर गवाहों का पता नहीं लगाया जा सका और यहां तक कि मामले का रिकॉर्ड भी गायब हो गया था. मुंबई पुलिस से जांच अपने हाथों में लेने वाली सीबीआई ने यह कहकर मामले में समापन रिपोर्ट दायर की थी कि वह प्रकरण को आगे नहीं बढ़ा सकती क्योंकि मामले के कागजात और गवाह गायब हैं. अदालत ने हालांकि केंद्रीय एजेंसी से जांच जारी रखने को कहा था.

पढ़ें- बॉम्बे हाईकोर्ट से समीर वानखेड़े को राहत, गिरफ्तारी से पहले पुलिस देगी नोटिस

अक्टूबर 2015 में इंडोनेशिया से वापस भेजे जाने के बाद राजन दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है. वह लगभग 70 मामलों में मुकदमे का सामना कर रहा है और 2011 में पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.

(पीटीआई-भाषा)

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