सुकमा : पोटाकेबिन में नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी को पुलिस ने अरेस्ट किया है. आरोपी आश्रम में काम करने वाली महिला कर्मचारी (चपरासी) का पति है. इस मामले में पुलिस ने आश्रम की अधीक्षिका को भी सहआरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया है. यह घटना 22 जुलाई की रात को हुई जब छह वर्षीय आदिवासी लड़की पोटाकेबिन के छात्रावास में थी.
पोटाकेबिन में स्टूडेंट से दुष्कर्म की जांच के बाद आरोपी गिरफ्तार : आवासीय विद्यालय पोटाकेबिन में छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था. 24 जुलाई को पुलिस शिकायत दर्ज होने के बाद विभिन्न धाराओं के तहत अज्ञात आरोपी के खिलाफ एर्राबोर थाने में केस दर्ज कर जांच की जा रही थी. अतिरिक्त पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में 8 सदस्य विशेष टीम भी बनाई गई थी. 8 सदस्यीय टीम ने लगभग 50 संदिग्ध लोगों से पूछताछ की. जिसके बाद आरोपी की गिरफ्तारी की गई है.
''आरोपी आश्रम को भलीभांति जानता था. घटना के दिन आश्रम में काम करने वाली महिला कर्मचारी का पति भी वहां मौजूद था. संदेह के आधार पर पुलिस ने उससे पूछताछ की. पूछताछ में महिला चपरासी के पति ने अपना जुर्म कबूल किया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.'' -किरण चव्हाण, एसपी सुकमा
आश्रम अधीक्षिका भी पॉस्को एक्ट के तहत अरेस्ट : जांच में यह भी पता चला कि छात्रावास अधीक्षिका ने इस पूरे केस में घटना के बारे में पता होने के बाद भी अपने उच्च अधिकारियों को जानकारी नहीं दी.आश्रम अधीक्षिका को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है. अधीक्षिका पर पॉक्सो एक्ट के तहत पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई की है. दोनों ही आरोपियों को कोर्ट में पेश कर न्यायिक रिमांड मांगी गई है.
रेप की घटना के बाद राजनीति हुई थी गर्म : आपको बता दें कि रेप की घटना सामने आने के बाद से ही आदिवासी समाज आक्रोशित हो गया था. मंगलवार को सर्व आदिवासी समाज ने प्रदर्शन कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी. वहीं इसके अगले दिन बीजेपी संगठन ने विधायक रंजना साहू के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम गठित कर एर्राबोर भेजा था. जहां पर टीम ने आश्रम में पढ़ने वाली बच्चियों से बात करके मौजूदा स्थिति की जानकारी ली थी.इस दौरान बीजेपी ने घटना के दो दिन बाद एफआईआर दर्ज होने को लेकर प्रदेश सरकार और स्थानीय विधायक कवासी लखमा पर हमला बोला था.