रायपुर: छत्तीसगढ़ में कथित कोयला घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री की पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया को 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था. शुक्रवार को मामले की सुनवाई में रायपुर कोर्ट ने जेल में बंद निलंबित राज्य सेवा अधिकारी सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. शुक्रवार को जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी ने जमानत पर विरोध करते हुए कहा कि "सौम्या चौरसिया प्रभावशाली महिला हैं, जमानत मिलने से जांच प्रभावित होगी."
जिन धाराओं में गिरफ्तारी हुई, उन पर केस बनता ही नहीं: बचाव पक्ष की ओर से कोर्ट में कहा गया कि "जिन धाराओं में सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी हुई है वह केस उन पर बनता ही नहीं है. मनी लांड्रिंग केस में एक महिला को इतने लंबे समय तक जेल में नहीं रखी जा सकता. पूर्व में भी उनका अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और उनके घर में छोटे छोटे बच्चे हैं जिनकी देखभाल प्रभावित हो रही है." हालांकि बचाव पक्ष की सभी दलीलों को खारिज करते हुए कोर्ट ने जमानत आवेदन को खारिज कर दिया.
हाई कोर्ट में दाखिल करेंगे जमानत याचिका: बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि "कोर्ट में हुए फैसले की सर्टिफाइड कॉपी मिलने के बाद वे हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल करेंगे. वहां अपने पक्ष को मजबूती से रखेंगे." सौम्या चौरसिया को 2 दिसंबर 2022 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था और बाद में अदालत में पेश किया गया.
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ईडी का दावा, दो साल में 540 करोड़ की हुई उगाही: ईडी ने दावा किया था कि पिछले दो साल में कम से कम 540 करोड़ की उगाही की गई थी. कथित कोयला घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चौरसिया सहित अभियुक्तों की 152.31 करोड़ की चल अचल संपत्ति कुर्क की. ईडी ने कोरबा और रायगढ़ के कलेक्टर कार्यालयों में खनन विभागों सहित 75 से अधिक जगहों पर तलाशी लेकर साक्ष्य जुटाए थे.
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सौम्या से जुड़ी 21 संपत्तियां अटैच: अटैच की गई संपत्तियों में से सबसे अधिक 65 संपत्तियां कारोबारी सूर्यकांत तिवारी से जुड़ी हैं. वहीं सौम्या चौरसिया से जुड़ी 21 संपत्तियां और निलंबित आईएएस समीर विश्नोई से जुड़ी 5 संपत्तियां भी अटैच की गई हैं. बाकी संपत्तियां सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी से जुड़ी हैं, जिनमें कैश, आभूषण, फ्लैट, कोलवाशरी सहित भूखंड शामिल हैं.
11 अक्टूबर 2022 से चल रही है ईडी की कार्रवाई: ईडी ने 11 अक्टूबर को प्रदेश के कई अफसरों और कारोबारियों के 75 ठिकानों पर छापे मारे थे. शुरुआती जांच और पूछताछ के बाद 13 अक्टूबर को मामले में छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी-चिप्स के तत्कालीन सीईओ समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और वकील-कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया. 14 दिन की रिमांड में पूछताछ के बाद सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. 29 अक्टूबर को इसी मामले में एक अन्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया. 10 दिन की पूछताछ के बाद सूर्यकांत को भी न्यायिक हिरासत में भेजा गया. तब से चारों आरोपी जेल में हैं. इनमें से दो के जमानत आवेदन कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है.