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Chhattisgarh liquor scam: मनी लाॅड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ED को दी नोटिस - धन शोधन निवारण अधिनियम

ईडी की कार्रवाई के विरोध में विपक्षी खेमे के तमाम नेता लामबंद हैं तो वहीं मनी लाॅड्रिंग को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है. इस पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया है.

Chhattisgarh liquor scam
सुप्रीम कोर्ट ने ED को दी नोटिस
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Published : May 25, 2023, 6:39 PM IST

दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले में प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया है. पिंकी सिंह की याचिका पर जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की वेकेशन पीठ ने नोटिस जारी किया है. पिंकी सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे और अधिवक्ता आकाशी लोधी ने पक्ष रखा था.

पीएमएलए के प्रावधानों को दी गई है चुनौती: सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के कुछ प्रावधानों को भी चुनौती दी गई है. हालांकि याचिकाकर्ता नें जांच एजेंसी के खिलाफ कोई कठोर न उठाने की भी मांग की है. सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनावाई 29 मई को होगी.

शराब घोटाले को लेकर अरुण पति त्रिपाठी पर बड़ा खुलासा: ईडी 2019 से 2022 के बीच चले शराब घोटाले की जांच कर रहा है, जिसमें कई तरह से भ्रष्टाचार किए जाने का दावा किया गया. सीएसएमसीएल की ओर से डिस्टिलरों से बड़े पैमाने पर रिश्वत ली गई. ईडी की जांच में दावा किया गया कि CSMCL के पूर्व एमडी अरुणपति त्रिपाठी ने अनवर ढेबर के कहने पर पूरे छत्तीसगढ़ में शराब व्यवास्था को मनमाने तरीके से चलाया. उसने अपने अन्य सहयोगियों के साथ साजिशन नीतिगत बदलाव किए और अनवर ढेबर के सहयोगियों को टेंडर दिए, ताकि अधिक से अधिक लाभ लिया जा सके. एक वरिष्ठ आईटीएस अधिकारी और सीएसएमसीएल के एमडी होने के बावजूद राज्य आबकारी विभाग की नीतियों के खिलाफ जाकर बेहिसाब कच्ची शराब बेचने के लिए सरकारी दुकानों तक का इस्तेमाल किया.

यह भी पढ़ें-

  1. Chhattisgarh Liquor Scam: जानिए ईडी ने एपी त्रिपाठी को क्यों कहा भ्रष्टाचार का पितामह ?
  2. Chhattisgarh ED Raid : अनवर ढेबर और नितेश पुरोहित की मुश्किलें बढ़ीं, 14 दिन की न्यायिक रिमांड
  3. Raipur: CSMCL के पूर्व एमडी एपी त्रिपाठी गिरफ्तार, कोर्ट ने 3 दिन की रिमांड पर भेजा

दो हजार करोड़ के घोटाले का दावा: ईडी की ओर से दावा किया गया कि अरुणपति त्रिपाठी की मिलीभगत से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ. वहीं शराब सिंडिकेट से जुड़े लोगों की जेबों में 2000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि गई. इसमें अरुण पति त्रिपाठी को भी बड़ा हिस्सा मिला.

अब तक 180 करोड़ की संपत्ति हुई है जब्त: शराब घोटाले को लेकर ईडी कार्रवाई भी कर रही है. चल रही जांच में अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, अरविंद सिंह और विकास अग्रवाल की 121.87 करोड़ रुपए की 119 अचल संपत्ति कुर्क की है. मामले में ईडी की कार्रवाई अभी चल रही है,

(स्त्रोत-एएनआई)

दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले में प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया है. पिंकी सिंह की याचिका पर जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की वेकेशन पीठ ने नोटिस जारी किया है. पिंकी सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे और अधिवक्ता आकाशी लोधी ने पक्ष रखा था.

पीएमएलए के प्रावधानों को दी गई है चुनौती: सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के कुछ प्रावधानों को भी चुनौती दी गई है. हालांकि याचिकाकर्ता नें जांच एजेंसी के खिलाफ कोई कठोर न उठाने की भी मांग की है. सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनावाई 29 मई को होगी.

शराब घोटाले को लेकर अरुण पति त्रिपाठी पर बड़ा खुलासा: ईडी 2019 से 2022 के बीच चले शराब घोटाले की जांच कर रहा है, जिसमें कई तरह से भ्रष्टाचार किए जाने का दावा किया गया. सीएसएमसीएल की ओर से डिस्टिलरों से बड़े पैमाने पर रिश्वत ली गई. ईडी की जांच में दावा किया गया कि CSMCL के पूर्व एमडी अरुणपति त्रिपाठी ने अनवर ढेबर के कहने पर पूरे छत्तीसगढ़ में शराब व्यवास्था को मनमाने तरीके से चलाया. उसने अपने अन्य सहयोगियों के साथ साजिशन नीतिगत बदलाव किए और अनवर ढेबर के सहयोगियों को टेंडर दिए, ताकि अधिक से अधिक लाभ लिया जा सके. एक वरिष्ठ आईटीएस अधिकारी और सीएसएमसीएल के एमडी होने के बावजूद राज्य आबकारी विभाग की नीतियों के खिलाफ जाकर बेहिसाब कच्ची शराब बेचने के लिए सरकारी दुकानों तक का इस्तेमाल किया.

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दो हजार करोड़ के घोटाले का दावा: ईडी की ओर से दावा किया गया कि अरुणपति त्रिपाठी की मिलीभगत से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ. वहीं शराब सिंडिकेट से जुड़े लोगों की जेबों में 2000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि गई. इसमें अरुण पति त्रिपाठी को भी बड़ा हिस्सा मिला.

अब तक 180 करोड़ की संपत्ति हुई है जब्त: शराब घोटाले को लेकर ईडी कार्रवाई भी कर रही है. चल रही जांच में अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, अरविंद सिंह और विकास अग्रवाल की 121.87 करोड़ रुपए की 119 अचल संपत्ति कुर्क की है. मामले में ईडी की कार्रवाई अभी चल रही है,

(स्त्रोत-एएनआई)

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