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Reservation Amendment Bill: छत्तीसगढ़ राज्यपाल ने लौटाया आरक्षण विधेयक ! - आरक्षण संशोधन बिल

छत्तीसगढ़ में पिछले कई महीने से सियासी मुद्दा रहे आरक्षण संशोधन बिल को लेकर बड़ी खबर है. सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने आरक्षण संशोधन विधेयक विधानसभा को लौटा दिया है. सरकार की तरफ से आरक्षण संशोधन विधेयक लौटाने की पुष्टि नहीं की गई है.

Chhattisgarh Governor
छत्तीसगढ़ राज्यपाल ने लौटाया आरक्षण विधेयक
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Published : Apr 21, 2023, 2:24 PM IST

Updated : Apr 21, 2023, 6:04 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से आरक्षण मसले पर फैसला आने के बाद, भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर 2 दिसंबर को संशोधन प्रस्ताव पास किया था. बिल राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा गया था. पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके ने इस पर छत्तीसगढ़ सरकार से दस सवाल पूछे. इसके बाद इस मुद्दे पर सियासत चलती रही. अब नए राज्यपाल बिस्वभूषण ने यह बिल विधानसभा को लौटा दिया है. हालांकि छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से इस महत्वपूर्ण विधेयक को राजभवन से लौटाए जाने की पुष्टि नहीं हुई है.

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क्या है आरक्षण संशोधन विधेयक: छत्तीसगढ़ में 19 सितंबर से हाईकोर्ट के फैसले के बाद 58 प्रतिशत आरक्षण को रद्द कर दिया गया था. तब से आरक्षण को लेकर घमसान मचा हुआ है. छत्तीसगढ़ सरकार ने 76 प्रतिशत आरक्षण बढ़ाने के लिए विधानसभा में विधेयक पारित किया था. छत्तीसगढ़ विधानसभा में छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) संशोधन विधेयक 2022 को विशेष सत्र बुलाकर पास किया गया था.

इस आरक्षण संशोधन विधेयक में अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने का प्रावधान किया गया था. छत्तीसगढ़ विधानसभा में एक साथ दो विधेयक छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियो, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 तथा छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 सर्वसम्मति से पारित किया गया था.

रायपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से आरक्षण मसले पर फैसला आने के बाद, भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर 2 दिसंबर को संशोधन प्रस्ताव पास किया था. बिल राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा गया था. पूर्व राज्यपाल अनुसुइया उइके ने इस पर छत्तीसगढ़ सरकार से दस सवाल पूछे. इसके बाद इस मुद्दे पर सियासत चलती रही. अब नए राज्यपाल बिस्वभूषण ने यह बिल विधानसभा को लौटा दिया है. हालांकि छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से इस महत्वपूर्ण विधेयक को राजभवन से लौटाए जाने की पुष्टि नहीं हुई है.

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इस आरक्षण संशोधन विधेयक में अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया गया. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने का प्रावधान किया गया था. छत्तीसगढ़ विधानसभा में एक साथ दो विधेयक छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जातियो, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 तथा छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था (प्रवेश में आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2022 सर्वसम्मति से पारित किया गया था.

Last Updated : Apr 21, 2023, 6:04 PM IST
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