सरगुजा: जनजातीय अधिकार महासम्मेलन में भाजपा जनजातीय समाज के आरक्षण को छलपूर्वक घटाने, पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा सरगुजा संभाग की स्थानीय भर्ती में तृतीय और चतुर्थ वर्ग को प्राथमिकता देने संबंधी नियम को निरस्त किये जाने, तेन्दुपत्ता और वनोपज से संबंधित खरीदी को अल्प समय कर समाज को आर्थिक रूप से वंचित करने, गिरदावरी के माध्यम से कृषि भूमि के रकबे में कटौती करने जैसे आरोपों के साथ यह सम्मेलन करने जा रही है.
बड़े आदिवासी नेता होंगे शामिल: इस कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय प्रादेशिक एवं जनजातीय समाज के वरिष्ठ नेताओं के आने की सूचना है. केन्द्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा, केन्द्रीय पंचायत मंत्री माननीय फग्गन सिंह कुलस्ते, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा अ. जा. ज. मोर्चा- माननीय राम विचार नेताम, केन्द्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा अ. जा. ज. मोर्चा समीर उरांव सहित तमाम जनजाति समाज के नेता अंबिकापुर के इस आयोजन में शिरकत कर सकते हैं.
आदिवासी वोटरों को साधने का फार्मूला: इस महासम्मेलन में पूरे संभाग से जनजाति समाज के लोगों की भीड़ एकत्र होना है. सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अन्य 12 जातियों को जनजातीय वर्ग में शामिल किए जाने के मामले से भी जनजाति समाज को अवगत कराया जायेगा. सीधे शब्दों में कहें तो भाजपा पूरी तरह आदिवासी मतदाताओं को साधने में जुट चुकी है. 82 प्रतिशत हिन्दू आदिवासियों को भाजपा पूरी तरह अपने पाले में लाने का प्रयास कर रही है. क्योंकि इसी वर्ष छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हैं और आदिवासी बाहुल्य सरगुजा में भाजपा के पास एक भी सीट नहीं हैं.
पीएम आवास का मामला: इसके अतिरिक्त केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास के लाभ से वंचित करने, रेत उत्खनन के अधिकार को पंचायत से छीन कर माफिया के हवाले करने, वन भूमि अधिकार पत्र वितरण में धांधली करने, कोयला, बाक्साइड उत्खनन को लेकर जनजातीय समाज की भूमि को अवैधानिक रूप से बल पूर्वक अधिग्रहण करने जैसे तमाम आरोपों के साथ भाजपा यह सम्मेलन कर रही है.