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महाराष्ट्र सदन घोटाला: मंत्री छगन भुजबल और उनके परिजन बरी - छगन भुजबल

महाराष्ट्र सदन भ्रष्टाचार मामले में एसीबी कोर्ट ने एनसीपी नेता और मंत्री छगन भुजबल को बरी कर दिया है. भुजबल परिवार ने इस आधार पर आरोपमुक्त करने की मांग की थी कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कोई सबूत नहीं है और एसीबी मामले में उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप गलत गणना और धारणाओं के आधार पर फर्जी थे.

Chhagan Bhujbal
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Published : Sep 9, 2021, 2:30 PM IST

Updated : Sep 9, 2021, 7:05 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, उनके बेटे पंकज और भतीजे समीर, और पांच अन्य को गुरुवार को एक विशेष अदालत ने नई दिल्ली में महाराष्ट्र सदन और अन्य परियोजनाओं से संबंधित कथित भ्रष्टाचार के मामलों में 'सबूतों की कमी' के लिए आरोपमुक्त कर दिया है.

विशेष न्यायाधीश एच.एस. सतभाई ने अपने जुलाई के आदेश में पूर्व पीडब्ल्यूडी इंजीनियर अरुण देवधर, निर्माण कंपनी के.एस. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दायर मामले में चमनकर एंट के अधिकारी प्रसन्ना चमनकर, कृष्णा चमनकर, प्रवीना चमनकर और प्रणीता चमनकर को भी बरी कर दिया है.

छगन भुजबल का बयान

2005 के सौदे से संबंधित एसीबी का मामला फर्म के.एस. चमनकर एंट, बिना टेंडर मांगे जब छगन भुजबल राज्य में तत्कालीन कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन डेमोक्रेटिक फ्रंट सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे.

पढ़ें - राजस्व घाटा अनुदान : 17 राज्यों को ₹ 9,871 करोड़ जारी

भुजबल परिवार ने इस आधार पर आरोपमुक्त करने की मांग की थी कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कोई सबूत नहीं है और एसीबी मामले में उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप गलत गणना और धारणाओं के आधार पर फर्जी थे.

मुंबई : महाराष्ट्र के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल, उनके बेटे पंकज और भतीजे समीर, और पांच अन्य को गुरुवार को एक विशेष अदालत ने नई दिल्ली में महाराष्ट्र सदन और अन्य परियोजनाओं से संबंधित कथित भ्रष्टाचार के मामलों में 'सबूतों की कमी' के लिए आरोपमुक्त कर दिया है.

विशेष न्यायाधीश एच.एस. सतभाई ने अपने जुलाई के आदेश में पूर्व पीडब्ल्यूडी इंजीनियर अरुण देवधर, निर्माण कंपनी के.एस. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा दायर मामले में चमनकर एंट के अधिकारी प्रसन्ना चमनकर, कृष्णा चमनकर, प्रवीना चमनकर और प्रणीता चमनकर को भी बरी कर दिया है.

छगन भुजबल का बयान

2005 के सौदे से संबंधित एसीबी का मामला फर्म के.एस. चमनकर एंट, बिना टेंडर मांगे जब छगन भुजबल राज्य में तत्कालीन कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गठबंधन डेमोक्रेटिक फ्रंट सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे.

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भुजबल परिवार ने इस आधार पर आरोपमुक्त करने की मांग की थी कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कोई सबूत नहीं है और एसीबी मामले में उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप गलत गणना और धारणाओं के आधार पर फर्जी थे.

Last Updated : Sep 9, 2021, 7:05 PM IST
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