भोपाल। भारत में अब चीतों का कुनबा बढ़ने लगा है. मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बहार आ गई है. पालपुर कूनो के पीसीसीएफ उत्तम शर्मा के मुताबिक नामीबिया से आई मादा चीता सियाया ने चार शावकों को जन्म दिया है. सियाया की उम्र तीन साल है. बाड़े मे मादा सियासा को नर चीते के साथ छोड़ा गया था. शर्मा के मुताबिक आमतौर पर चीता प्रजाति का प्रेग्नेंसी पीरियड 95 दिन का होता है. नर और मादा चीजों के बीच मेटिंग भी यहीं हुई. इस लिहाज से ये कहा जा सकता है कि सियाया यहीं गर्भवती हुई और उसने शावकों को जन्म दिया है.
बाड़े में शावक जन्में, इसकी ठोस प्लानिंग की : चीता प्रोजेक्ट के तहत इसकी तैयारी बहुत पहले शुरू हो गई थी. जो मादा लाई गईं थी वे प्रजनन के योग्य थीं. इनमें खासतौर पर आशा, सवा और सियाया तीन मादा चीता हैं. इन्हें नर चीता के साथ छोड़ा गया था. जिससे भारत में चीतों की रौनक फिर लौटे और इनका कुनबा बढ़ाया जा सके. लेकिन बहुत वक्त नहीं लगा और चीतों के भारत आने के सात महीने बाद ही ये खुशखबरी मिल गई.
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Congratulations 🇮🇳
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) March 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
A momentous event in our wildlife conservation history during Amrit Kaal!
I am delighted to share that four cubs have been born to one of the cheetahs translocated to India on 17th September 2022, under the visionary leadership of PM Shri @narendramodi ji. pic.twitter.com/a1YXqi7kTt
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— Bhupender Yadav (@byadavbjp) March 29, 2023
A momentous event in our wildlife conservation history during Amrit Kaal!
I am delighted to share that four cubs have been born to one of the cheetahs translocated to India on 17th September 2022, under the visionary leadership of PM Shri @narendramodi ji. pic.twitter.com/a1YXqi7kTtCongratulations 🇮🇳
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) March 29, 2023
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पीएम मोदी ने सितंबर में छोड़े थे कूनो में चीते : बता दें कि भारत में पूरे 75 साल बाद नामीबिया से चीते 17 सितम्बर 2022 को भारत लाए गए थे. पालपूर कूनो मे पीएम मोदी ने इन चीतो को बाड़े में छोड़ा था. शुरुआत में नामीबिया से 5 मादा और तीन नर चीते लाए गए थे. शुरुआती कुछ दिन तक नर और मादा चीतों को अलग-अलग बाड़े मे रखा गया था. इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे. इनमें पांच मादा और सात नर चीते थे.
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भारत के लिए ये बड़ी उपलब्धि : वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने पालपुर कूनो में चीतों के शावकों के जन्म को ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है. उन्होंने कहा कि बड़ी बात है ये यहां कैप्टिव चीतों में बच्चो का जन्म आ है जो दुर्लभतम माना जाता है. अजय दुबे का कहना है कि अब बड़ी चुनौती ये है कि इन शावकों की सुरक्षा उसी तरह से सुनिश्चित हो सके.