गोरखपुर : भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चौरी चौरा कांड के शहीदों के स्मारक स्थल और संग्राहलय का पुनरूद्धार किया है. वहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. जिला प्रशासन वीडियो अपलोड के माध्यम से वन्दे मातरम गीत की पहली पंक्ति को एक साथ गाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बनाने के लिये पूरी तरह से तैयार है. पीएम मोदी ने आज इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, आज इस मौके पर हमें संकल्प लेना है, देश की एकता हमारे लिए सबसे पहले है. उन्होंने कहा, देश का सम्मान हमारे लिए सबसे बड़ा है. इसी भावना के साथ हमें हर एक देशवसी को साथ लेकर आगे बढ़ना है.
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, चौरी चौरा की पवित्र भूमि पर देश के लिए बलिदान होने वाले, देश के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा देने वाले वीर शहीदों के चरणों में मैं प्रणाम करता हूं, आदरपूर्वक श्रद्धाजंलि देता हूं. उन्होंने कहा, 100 वर्ष पहले चौरी चौरा में जो हुआ वो सिर्फ एक आगजनी की घटना, एक थाने में आग लगा देने की घटना नहीं थी, चौरी चौरा का संदेश बहुत बड़ा था, बहुत व्यापक था.
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पीएम ने कहा कि आग थाने में नहीं लगी थी, आग जन-जन के दिलों में प्रज्ज्वलित हो चुकी थी. उन्होंने कहा, चौरी-चौरा के ऐतिहासिक संग्राम को आज देश के इतिहास में जो स्थान दिया जा रहा है, उससे जो जुड़ा हुआ प्रयास हो रहा है वो प्रशंसनीय है. आज से शुरू हो रहे ये कार्यक्रम पूरे साल आयोजित किए जाएंगे.
इस दौरान चौरी-चौरा के साथ ही हर गांव, हर क्षेत्र के वीर बलिदानियों को भी याद किया जाएगा चौरी चौरा शताब्दी के इन कार्यक्रमों को लोकल कला, संस्कृति और आत्मनिर्भरता से जोड़ने का प्रयास किया गया है.
ये प्रयास भी हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति हमारी श्रद्धांजलि होगी. सामूहिकता की जिस शक्ति ने गुलामी के बेड़ियों को तोड़ा था, वही शक्ति भारत को दुनिया की बड़ी ताकत भी बनाएगी.
सामूहिकता की यही शक्ति आत्मनिर्भर भारत अभियान का मूलभूत आधार है. कोरोना काल में भारत ने दुनिया के 150 से ज्यादा देशों के नागरिकों की मदद के लिए दवाइयां भेजी.
बिंदुवार पढ़ें पीएम मोदी का संबोधन
- भारत ने दुनिया के अलग अलग देशों से अपने 50 लाख से अधिक नागरिकों को स्वदेश लाने का काम किया. जब भारत ने अनेकों देशों के हजारों नागरिकों को सुरक्षित उनके देश भेजा. आज भारत खुद कोरोना की वैक्सीन बना रहा है.
- दुनिया के बड़े-बड़े देशों से भी तेज गति से टीकाकरण कर रहा है. भारत मानव जीवन की रक्षा के लिए दुनिया भर को वैक्सीन पहुंचा रहा है.
- हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की आत्मा को गर्व महसूस होता होगा. कई दिग्गज ये कह रहे थे कि देश ने बड़े संकट का सामना किया है इसलिए सरकार को टैक्स बढ़ाना ही पड़ेगा.
- इस बजट में देशवासियों पर कोई बोझ नहीं बढ़ाया गया, बल्कि देश को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने ज्यादा से ज्यादा खर्च करने का फैसला लिया है.
- महामारी की चुनौतियों के बीच भी हमारा कृषि क्षेत्र मजबूती से आगे बढ़ा और किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन करके दिखाया. हमारा किसान अगर और सशक्त होगा, तो कृषि क्षेत्र की प्रगति और तेज होगी.
- किसानों को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. मंडियां किसानों के फायदे का बाजार बनें, इसके लिए 1000 और मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जाएगा.
- अब देश का प्रयास है कि हर गांव, कस्बे में भी इलाज की ऐसी व्यवस्था हो कि हर छोटी मोटी बीमारी के लिए शहर की तरफ न भागना पड़े.
- इतना ही नहीं शहरों में भी इलाज कराने में तकलीफ न हो, इसके लिए भी बड़े फैंसले लिए गए हैं. ग्रामीण क्षेत्र के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर फंड को बढ़ाकर ₹ 40,000 करोड़ किया गया है.
- इसका सीधा लाभ देश के किसान हो होगा. ये सभी फैसले हमारे किसान को आत्मनिर्भर बनाएंगे, कृषि को लाभ का व्यापार बनाएंगे.
इससे पहले गोरखपुर पहुंचे चीफ पोस्ट मास्टर जनरल कौशलेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि यह ऐसा पोस्टल डाक टिकट होगा, जो लोगों को गौरवान्वित होने का अवसर प्रदान करेगा. उन्होंने कहा कि यह सौभाग्यशाली क्षण है. जब देश की आजादी के लिए बलिदान होने वाले नायकों के याद में भव्य आयोजन के साथ प्रधानमंत्री डाक टिकट जारी करेंगे.
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गोरखपुर जिले के अपर जिला अधिकारी वित्त राजेश कुमार सिंह ने बताया, हम बुधवार को दोपहर तक 50 हजार वीडियो अपलोड कर चुके हैं और उम्मीद है कि यह आंकड़ा एक लाख को पार कर जाएगा जिसमें राष्ट्र गीत वन्दे मातरम की पहली पंक्ति है. हमें उम्मीद है कि हमें गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिलेगा. यह वीडियो गुरुवार को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा.
जिला प्रशासन ने मुंडेरा नजर नगर पंचायत का नाम बदलकर चौरी चौरा नगर पंचायत करने का प्रस्ताव पहले ही सरकार को भेज दिया है और उम्मीद है कि शताब्दी समारोह के दौरान मुख्यमंत्री इसकी घोषणा कर सकते हैं.
महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन वापस लिया
इतिहास बताता है कि चार फरवरी को स्थानीय लोग चौरी-चौरा कस्बे में, महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए असहयोग आंदोलन के समर्थन में जुलूस निकाल रहे थे तभी स्थानीय पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई. पुलिस की गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. इससे प्रदर्शनकारियों का आक्रोश भड़क गया. तब पुलिस वाले थाने में छिप गए, लेकिन लोगों ने बाहर से कुंडी लगाकर थाने में आग लगा दी. इस घटना में 22 पुलिसकर्मी मारे गये. घटना की प्रतिक्रिया में अहिंसा के पैरोकार महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया.
क्या है पृष्ठभूमि
चौरी-चौरा काण्ड में 172 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई थी. बतौर वकील पंडित मदन मोहन मालवीय की पैरवी से इनमें से 151 लोग फांसी की सजा से बच गये. बाकी 19 लोगों को दो से 11 जुलाई, 1923 के दौरान फांसी दे दी गई. इस घटना में 14 लोगों को उम्र कैद और 10 लोगों को आठ साल सश्रम कारावास की सजा हुई. जिन लोगों को फांसी दी गई, उनकी याद में एक स्मारक बनाया गया.