दुर्गापुर: दुर्गापुर में शनिवार की सुबह एक घर से दो बहनों और उनके स्वयंसेवक भाई के जले हुए शव बरामद किए गए. जब बच्चों के पिता घर पहुंचे तो उन्होंने पाया घर में आग लगी हुई थी और दरवाजा अंदर से बंद था. मृतकों की पहचान मंगल सोरेन (33), सुमी सोरेन (35) और बहमनी सोरेन (23) के रूप में हुई है. घटना के कारणों की जांच के लिए दुर्गापुर फरीदपुर पुलिस मौके पर पहुंच गई है.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि सुमी सोरेन कोलकाता में नर्स का काम करती थी जबकि दूसरी बहन गृहिणी थी. यह भी पता चला कि मंगल सोरेन की हाल ही में सगाई हुई थी. मंगल की शादी में शामिल होने के लिए उसकी बहन सुमी सोरेन घर आई थी. उनके बुजुर्ग पिता हफना सोरेन जब घर आए तो उन्होंने दरवाजा बंद पाया और अंदर से धुआं निकलते हुए देखा. खतरे को भांपते हुए हफना ने दरवाजा तोड़ा तो देखा कि उसके बच्चे घर के अंदर जले हुए पड़े हैं. दुर्गापुर फरीदपुर पुलिस को तुरंत सूचित किया गया और बाद में उनके शव बरामद किए गए. गंभीर रूप से झुलसने के कारण मंगल सोरेन की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दोनों बहनों को दुर्गापुर उप-जिला अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
स्थानीय लोगों ने कहा कि दुल्हन के परिवार वाले अगले रविवार को उसकी शादी के बारे में बात करने के लिए मंगल के घर आने वाले थे. पड़ोसियों में से एक सुंदरी मुर्मू ने कहा, "घर पर कोई परेशानी नहीं थी. मंगल की बहन कोलकाता में काम करती है. वह अपने भाई की शादी के लिए घर वापस आई थी. उसने कहा कि उसने अपने भाई की शादी खत्म होने तक छुट्टी ली थी. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि क्या हुआ है.
मृतक के पिता हफना सोरेन ने कहा, "मैं सुबह घर से निकला था. जब मैं घर लौटा तो मैंने घर से धुआं निकलते देखा. मैंने चाकू से दरवाजा तोड़ा और उन्हें अंदर पड़ा देखा. घटना के बारे में पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी.
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