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कंझावला हिट एंड रन मामला: जल्द दाखिल होगा आरोप पत्र, फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई संभव

कंझावला हिट एंड रन मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने की संभावना है. आउटर दिल्ली के पुलिस उपायुक्त हरेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस इस मामले में जल्द से जल्द आरोप पत्र दाखिल करेगी. फिलहाल सभी आरोपियों को सोमवार को कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया है. (charge sheet will be filed soon in kanjhawala case)

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Published : Jan 9, 2023, 5:46 PM IST

नई दिल्लीः कंझावला इलाके में हुए हिट एंड रन मामले के सभी आरोपियों को सोमवार को रोहिणी कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. जानकारी के मुताबिक, इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने की संभावना है. साथ ही मामले में जल्द आरोप पत्र दाखिल करने की संभावना है. (charge sheet will be filed soon in kanjhawala case)

आउटर डिस्ट्रिक्ट के पुलिस उपायुक्त हरेंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. ऐसे में पुलिस जल्द से जल्द आरोप पत्र दाखिल कर न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाएगी. सोमवार को सभी आरोपियों को रोहिणी कोर्ट में पेश किया गया है, जहां उनके वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने को लेकर पुलिस अधिकारी स्पष्ट तौर पर कुछ भी नहीं कह रहे हैं. हालांकि, स्पेशल सीपी डॉक्टर सागर प्रीत हुड्डा ने मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई किए जाने को लेकर संकेत जरूर दिए हैं.

अंकुश ने आरोपियों से भागने को कहाः सागर प्रीत हुड्डा ने बताया कि घटना के बाद अंकुश आरोपियों को निर्देशित कर रहा था कि वह कहां जाएं, कैसे वहां से भाग निकले. इसके अलावा अंकुश ने ही आरोपियों को यह सुझाव दिया था कि वह पुलिस को यह बताएं कि गाड़ी दीपक चला रहा है, क्योंकि अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है. ऐसे में सभी आरोपियों ने तय किया कि पुलिस को गलत जानकारी दी जाएगी. हालांकि, इस मामले में पुलिस की जांच पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि पुलिस ने आरोपियों के बयान के आधार पर ही दर्ज की गई एफआईआर में दीपक को आरोपी बना दिया.

पीसीआर यूनिट की कार्यशैली पर भी सवालः वहीं, इस मामले में दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट में भी अपनी रिपोर्ट दिल्ली पुलिस आयुक्त को सौंप दी है. रिपोर्ट में सामने आया कि घटना के 13 किलोमीटर की रेंज में कुल 5 पीसीआर वैन तैनात थी. इसके अलावा चार अन्य पीसीआर वैन को भी घटना की गंभीरता को देखते हुए लगाया गया था, लेकिन किसी भी पीसीआर वैन ने आरोपियों की कार को नहीं देखा. ऐसे में पुलिस ने इंटरनेट इंक्वायरी भी शुरू कर दी है कि क्या यह केवल टेक्निकल एरर है या फिर पुलिस द्वारा जानबूझकर लापरवाही की गई है.

ये भी पढ़ेंः दिल्ली कंझावला केस में आरोपियों ने कबूला गुनाह, कहा- पता था नीचे अंजलि फंसी है

क्या है मामलाः बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी में नए साल के जश्न के बीच 23 साल की अंजलि की दर्दनाक हो गई थी. आरोप है कि स्कूटी सवार अंजलि को एक कार ने पहले टक्कर मारी, फिर उसे 12 किमी तक घसीटा, जिससे उसकी मौत हो गई. इस मामले में कार सवार पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. बाद में दो और आरोपियों का नाम सामने आया. वहीं अंजलि की सहेली निधि का भी नाम सामने आया था. पुलिस ने उससे भी पूछताछ की है. बता दें, घटना के बाद पकड़े गए सात लोगों को भी पुलिस ने आरोपी बनाया है. इसमें से एक को कोर्ट ने जमानत दे दी है.

ये भी पढ़ेंः दिल्ली बीजेपी ने सीएम केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया

नई दिल्लीः कंझावला इलाके में हुए हिट एंड रन मामले के सभी आरोपियों को सोमवार को रोहिणी कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. जानकारी के मुताबिक, इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने की संभावना है. साथ ही मामले में जल्द आरोप पत्र दाखिल करने की संभावना है. (charge sheet will be filed soon in kanjhawala case)

आउटर डिस्ट्रिक्ट के पुलिस उपायुक्त हरेंद्र कुमार ने बताया कि इस मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. ऐसे में पुलिस जल्द से जल्द आरोप पत्र दाखिल कर न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाएगी. सोमवार को सभी आरोपियों को रोहिणी कोर्ट में पेश किया गया है, जहां उनके वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने को लेकर पुलिस अधिकारी स्पष्ट तौर पर कुछ भी नहीं कह रहे हैं. हालांकि, स्पेशल सीपी डॉक्टर सागर प्रीत हुड्डा ने मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई किए जाने को लेकर संकेत जरूर दिए हैं.

अंकुश ने आरोपियों से भागने को कहाः सागर प्रीत हुड्डा ने बताया कि घटना के बाद अंकुश आरोपियों को निर्देशित कर रहा था कि वह कहां जाएं, कैसे वहां से भाग निकले. इसके अलावा अंकुश ने ही आरोपियों को यह सुझाव दिया था कि वह पुलिस को यह बताएं कि गाड़ी दीपक चला रहा है, क्योंकि अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है. ऐसे में सभी आरोपियों ने तय किया कि पुलिस को गलत जानकारी दी जाएगी. हालांकि, इस मामले में पुलिस की जांच पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि पुलिस ने आरोपियों के बयान के आधार पर ही दर्ज की गई एफआईआर में दीपक को आरोपी बना दिया.

पीसीआर यूनिट की कार्यशैली पर भी सवालः वहीं, इस मामले में दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट में भी अपनी रिपोर्ट दिल्ली पुलिस आयुक्त को सौंप दी है. रिपोर्ट में सामने आया कि घटना के 13 किलोमीटर की रेंज में कुल 5 पीसीआर वैन तैनात थी. इसके अलावा चार अन्य पीसीआर वैन को भी घटना की गंभीरता को देखते हुए लगाया गया था, लेकिन किसी भी पीसीआर वैन ने आरोपियों की कार को नहीं देखा. ऐसे में पुलिस ने इंटरनेट इंक्वायरी भी शुरू कर दी है कि क्या यह केवल टेक्निकल एरर है या फिर पुलिस द्वारा जानबूझकर लापरवाही की गई है.

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क्या है मामलाः बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी में नए साल के जश्न के बीच 23 साल की अंजलि की दर्दनाक हो गई थी. आरोप है कि स्कूटी सवार अंजलि को एक कार ने पहले टक्कर मारी, फिर उसे 12 किमी तक घसीटा, जिससे उसकी मौत हो गई. इस मामले में कार सवार पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. बाद में दो और आरोपियों का नाम सामने आया. वहीं अंजलि की सहेली निधि का भी नाम सामने आया था. पुलिस ने उससे भी पूछताछ की है. बता दें, घटना के बाद पकड़े गए सात लोगों को भी पुलिस ने आरोपी बनाया है. इसमें से एक को कोर्ट ने जमानत दे दी है.

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