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चारधाम यात्रा में मौसम डाल रहा खलल, लग सकता है ब्रेक

उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र ने 18 जुलाई तक प्रदेश के तमाम हिस्सों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. मौसम विज्ञान केंद्र ने अलर्ट जारी करने के साथ ही पर्वतीय मार्गों पर बेवजह यात्रा करने से बचने और यात्रा के दौरान तमाम सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं. दरअसल, चारधाम यात्रा मार्गों पर भारी बारिश के चलते भूस्खलन और बोडर गिरने का सिलसिला जारी है. जिसके चलते यात्रा मार्ग बाधित हो जाता है.

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Published : Jul 16, 2023, 9:33 AM IST

Updated : Jul 21, 2023, 3:23 PM IST

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चारधाम यात्रा में मौसम डाल रहा खलल

देहरादून: उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश का सिलसिला लगातार जारी है. भारी बारिश के चलते प्रदेश के कई क्षेत्रों में आपदा जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं. साथ ही चारधाम यात्रा मार्गों पर भूस्खलन होने के चलते यातायात और यात्रा बाधित हो रही है. मौसम विभाग की ओर से अगले कुछ दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी किए जाने के बाद से ही उत्तराखंड चारधाम पर ब्रेक लगता दिखाई दे रहा है. दरअसल, भारी बारिश के चलते यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर यात्रा को कुछ समय के लिए रोका जाता है.

red alert in uttarakhand
केदारनाथ धाम

शनिवार को चारधाम के 10000 भक्तों ने किए दर्शन: हालांकि, मॉनसून सीजन के दौरान चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम हो जाती है, लेकिन हजारों श्रद्धालु ऐसे भी हैं. जिन पर भारी बारिश या मौसम की बेरुखी का कोई असर नहीं होता. दरअसल, शनिवार को चारधाम के करीब 10 हज़ार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं. जिसके अनुसार, बदरीनाथ धाम के 6 हज़ार श्रद्धालु, केदारनाथ धाम के 1028 श्रद्धालु, गंगोत्री धाम के 1662 श्रद्धालु और यमुनोत्री धाम के 975 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं. साथ ही चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर 165 श्रद्धालुओं की हृदयगति रुकने से मौत हो गई है.

red alert in uttarakhand
बाबा केदार दरबार
मॉनसून आने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या होती है कम: उत्तराखंड चारधाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए हर साल अप्रैल-मई में अगले 6 महीने के लिए खोले जाते है, लेकिन लगभग 15 जून से चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या घटनी शुरू हो जाती है. दरअसल, मॉनसून के चलते प्रदेश में भारी बारिश का सिलसिला शुरू हो जाता है. जिसके चलते 15 जून से करीब 15 अगस्त तक यानी दो महीने चारधाम की यात्रा बहुत ही धीमी रहती है.लेकिन मॉनसून के बाद चारधाम यात्रा फिर तेजी से रफ्तार पकड़ती है.

ये भी पढ़ें: अमरनाथ यात्रा 2023 : दो लाख से अधिक श्रद्धालु कर चुके हैं बाबा बर्फानी के दर्शन

श्रद्धालुओं मौसम की ले जानकारी: सीएम धामी भी लगातार श्रद्धालुओं से अपील करते नजर आ रहे हैं कि यात्रा शुरू करने से पहले मौसम की पूरी जानकारी ले ले , तभी अपनी यात्रा शुरू करें. क्योंकि राज्य सरकार ये नही चाहती कि कोई भी जनहानि हो. उन्होंने कहा कि मौसम की जानकारी लेकर यात्रा शुरू करने पर यात्रियों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि कई बार भूस्खलन के चलते यात्रियों को घंटों जाम में फंसना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: Harela 2023: उत्तराखंड में लोकपर्व हरेला कल, जानें क्यों मनाया जाता है यह त्योहार

चारधाम यात्रा में मौसम डाल रहा खलल

देहरादून: उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश का सिलसिला लगातार जारी है. भारी बारिश के चलते प्रदेश के कई क्षेत्रों में आपदा जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं. साथ ही चारधाम यात्रा मार्गों पर भूस्खलन होने के चलते यातायात और यात्रा बाधित हो रही है. मौसम विभाग की ओर से अगले कुछ दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी किए जाने के बाद से ही उत्तराखंड चारधाम पर ब्रेक लगता दिखाई दे रहा है. दरअसल, भारी बारिश के चलते यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर यात्रा को कुछ समय के लिए रोका जाता है.

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केदारनाथ धाम

शनिवार को चारधाम के 10000 भक्तों ने किए दर्शन: हालांकि, मॉनसून सीजन के दौरान चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम हो जाती है, लेकिन हजारों श्रद्धालु ऐसे भी हैं. जिन पर भारी बारिश या मौसम की बेरुखी का कोई असर नहीं होता. दरअसल, शनिवार को चारधाम के करीब 10 हज़ार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं. जिसके अनुसार, बदरीनाथ धाम के 6 हज़ार श्रद्धालु, केदारनाथ धाम के 1028 श्रद्धालु, गंगोत्री धाम के 1662 श्रद्धालु और यमुनोत्री धाम के 975 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं. साथ ही चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर 165 श्रद्धालुओं की हृदयगति रुकने से मौत हो गई है.

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बाबा केदार दरबार
मॉनसून आने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या होती है कम: उत्तराखंड चारधाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए हर साल अप्रैल-मई में अगले 6 महीने के लिए खोले जाते है, लेकिन लगभग 15 जून से चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या घटनी शुरू हो जाती है. दरअसल, मॉनसून के चलते प्रदेश में भारी बारिश का सिलसिला शुरू हो जाता है. जिसके चलते 15 जून से करीब 15 अगस्त तक यानी दो महीने चारधाम की यात्रा बहुत ही धीमी रहती है.लेकिन मॉनसून के बाद चारधाम यात्रा फिर तेजी से रफ्तार पकड़ती है.

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श्रद्धालुओं मौसम की ले जानकारी: सीएम धामी भी लगातार श्रद्धालुओं से अपील करते नजर आ रहे हैं कि यात्रा शुरू करने से पहले मौसम की पूरी जानकारी ले ले , तभी अपनी यात्रा शुरू करें. क्योंकि राज्य सरकार ये नही चाहती कि कोई भी जनहानि हो. उन्होंने कहा कि मौसम की जानकारी लेकर यात्रा शुरू करने पर यात्रियों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि कई बार भूस्खलन के चलते यात्रियों को घंटों जाम में फंसना पड़ता है.

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Last Updated : Jul 21, 2023, 3:23 PM IST
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