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Agniveer Scheme : अग्निपथ योजना - बढ़ सकती है भर्ती की अधिकतम उम्र सीमा, 50 फीसदी हो सकते हैं स्थायी

केंद्र सरकार अग्निपथ योजना में बड़ा बदलाव कर सकती है. भर्ती की उम्र सीमा बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. साथ ही 50 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी किया जा सकता है. अभी यह सीमा 25 फीसदी है.

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Published : Jul 9, 2023, 7:02 PM IST

नई दिल्ली : सेना में जवानों की भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निपथ योजना में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं. ये बदलाव अग्निवीरों के लिए अच्छे होंगे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 50 फीसदी अग्निवारों को स्थायी किया जा सकता है. अभी यह सीमा 25 फीसदी है. साथ ही भर्ती संबंधित उम्र सीमा भी बढ़ाई जा सकती है.

बहाली के लिए अभी न्यूनतम उम्र सीमा 17.5 साल और अधिकतम आयु 21 साल है. इस आयु सीमा को बढ़ाकर 23 साल किया जा सकता है. सेना ने इस तरह का एक प्रस्ताव सरकार के पास भेजा है.

मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक सरकार इस तरह के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रही है. अग्निपथ योजना के तहत थल सेना, नौसेना और वायु सेना में भर्ती की जाती है. 2026 तक पौने दो लाख अग्निवीरों की बहाली होनी है. पिछले साल 40 हजार अग्निवीरों की बहाली हुई थी.

कोविड के समय भर्तियां बंद कर दी गई थीं. कोविड से पहले जवानों की भर्तियां रेगुलर होती थीं. करीब 80 हजार जवानों की भर्तियां एक साल में होती थीं. अब एक बार फिर से भर्ती की संख्या बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव दिया गया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सेना में डेढ़ लाख जवानों की कमी है. साथ ही प्रत्येक साल जवान रिटायर भी हो रहे हैं. इसलिए सेना में जवानों की संख्या का बेहतर संतुलन बना रहे, इसके लिए जरूरी है कि बहाली पर्याप्त संख्या में हो. इसलिए भर्ती की संख्या बढ़ाने को कहा गया है.

जहां तक अधिकतम आयु सीमा बढ़ाने के पीछे की बात है, तो तर्क यह है कि सेना को कुछ तकनीशियंस की जरूरत होती है. उसके लिए आईटीआई या फिर डिप्लोमा जैसे कोर्स जरूरी होते हैं. 23 साल तक उम्र कर देने से इस कैटेगरी में विकल्प बढ़ जाएंगे. इसके पहले भी रेगुलर बहाली के समय अधिकतम आयु सीमा 23 साल ही थी.

पेंशन और अन्य खर्चों के कारण बढ़ते दबाव की वजह से सरकार अग्निपथ योजना का कॉन्सेप्ट लेकर आई. इस योजना के तहत जवानों की बहाली मात्र चार साल के लिए होती है. सरकार का मानना है कि इससे सेना में स्फूर्ति बनी रहती है.

कांग्रेस पार्टी अग्निपथ योजना को लेकर शुरू से ही भाजपा पर हमलावर रही है. पार्टी ने घोषणा भी की है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो वह इस योजना को खत्म करेगी. दूसरी विपक्षी पार्टियों ने भी इस योजना को देश के लिए सही नहीं बताया है.

कांग्रेस पार्टी ने अग्निपथ योजना पर रविवार को फिर से हमला किया. पार्टी ने कहा कि केंद्र सरकार ने युवाओं के सपने को चकनाचूर कर दिया है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अग्निवीर बनने से पहले ही युवा ट्रेनिंग छोड़कर भाग रहे हैं.

दरअसल, एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुछ युवा ट्रेनिंग छोड़कर चले गए. जयराम रमेश ने इन्हीं रिपोर्टों का हवाला देकर कहा कि युवाओं को बेहतर सुविधाएं नहीं दी जा रहीं हैं, और उनकी नौकरी की सुरक्षा नहीं है, इसलिए युवा छोड़ रहे हैं.

रमेश ने कहा कि अग्निपथ योजना की बुनियाद ही गलत है. युवाओं के मन में आशंकाएं पैदा हो रहीं हैं और सरकार उसे दूर नहीं कर पा रही है. युवाओं के सपने टूट गए हैं. समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी इस स्कीम की आलोचना की है.

  • देश की सुरक्षा एक स्थायी विषय है तो सैन्यकर्मी अस्थायी कैसे हो सकते हैं।

    अग्निवीर एक घातक योजना है। इसको जितनी जल्दी वापस लिया जाएगा, उतनी जल्दी ही देश की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

    — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़ें : Old Pension Scheme : अर्धसैनिक बलों के जवानों को लगा झटका, पुरानी पेंशन पर लग गई रोक

नई दिल्ली : सेना में जवानों की भर्ती के लिए शुरू की गई अग्निपथ योजना में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं. ये बदलाव अग्निवीरों के लिए अच्छे होंगे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 50 फीसदी अग्निवारों को स्थायी किया जा सकता है. अभी यह सीमा 25 फीसदी है. साथ ही भर्ती संबंधित उम्र सीमा भी बढ़ाई जा सकती है.

बहाली के लिए अभी न्यूनतम उम्र सीमा 17.5 साल और अधिकतम आयु 21 साल है. इस आयु सीमा को बढ़ाकर 23 साल किया जा सकता है. सेना ने इस तरह का एक प्रस्ताव सरकार के पास भेजा है.

मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक सरकार इस तरह के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रही है. अग्निपथ योजना के तहत थल सेना, नौसेना और वायु सेना में भर्ती की जाती है. 2026 तक पौने दो लाख अग्निवीरों की बहाली होनी है. पिछले साल 40 हजार अग्निवीरों की बहाली हुई थी.

कोविड के समय भर्तियां बंद कर दी गई थीं. कोविड से पहले जवानों की भर्तियां रेगुलर होती थीं. करीब 80 हजार जवानों की भर्तियां एक साल में होती थीं. अब एक बार फिर से भर्ती की संख्या बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव दिया गया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सेना में डेढ़ लाख जवानों की कमी है. साथ ही प्रत्येक साल जवान रिटायर भी हो रहे हैं. इसलिए सेना में जवानों की संख्या का बेहतर संतुलन बना रहे, इसके लिए जरूरी है कि बहाली पर्याप्त संख्या में हो. इसलिए भर्ती की संख्या बढ़ाने को कहा गया है.

जहां तक अधिकतम आयु सीमा बढ़ाने के पीछे की बात है, तो तर्क यह है कि सेना को कुछ तकनीशियंस की जरूरत होती है. उसके लिए आईटीआई या फिर डिप्लोमा जैसे कोर्स जरूरी होते हैं. 23 साल तक उम्र कर देने से इस कैटेगरी में विकल्प बढ़ जाएंगे. इसके पहले भी रेगुलर बहाली के समय अधिकतम आयु सीमा 23 साल ही थी.

पेंशन और अन्य खर्चों के कारण बढ़ते दबाव की वजह से सरकार अग्निपथ योजना का कॉन्सेप्ट लेकर आई. इस योजना के तहत जवानों की बहाली मात्र चार साल के लिए होती है. सरकार का मानना है कि इससे सेना में स्फूर्ति बनी रहती है.

कांग्रेस पार्टी अग्निपथ योजना को लेकर शुरू से ही भाजपा पर हमलावर रही है. पार्टी ने घोषणा भी की है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो वह इस योजना को खत्म करेगी. दूसरी विपक्षी पार्टियों ने भी इस योजना को देश के लिए सही नहीं बताया है.

कांग्रेस पार्टी ने अग्निपथ योजना पर रविवार को फिर से हमला किया. पार्टी ने कहा कि केंद्र सरकार ने युवाओं के सपने को चकनाचूर कर दिया है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अग्निवीर बनने से पहले ही युवा ट्रेनिंग छोड़कर भाग रहे हैं.

दरअसल, एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुछ युवा ट्रेनिंग छोड़कर चले गए. जयराम रमेश ने इन्हीं रिपोर्टों का हवाला देकर कहा कि युवाओं को बेहतर सुविधाएं नहीं दी जा रहीं हैं, और उनकी नौकरी की सुरक्षा नहीं है, इसलिए युवा छोड़ रहे हैं.

रमेश ने कहा कि अग्निपथ योजना की बुनियाद ही गलत है. युवाओं के मन में आशंकाएं पैदा हो रहीं हैं और सरकार उसे दूर नहीं कर पा रही है. युवाओं के सपने टूट गए हैं. समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी इस स्कीम की आलोचना की है.

  • देश की सुरक्षा एक स्थायी विषय है तो सैन्यकर्मी अस्थायी कैसे हो सकते हैं।

    अग्निवीर एक घातक योजना है। इसको जितनी जल्दी वापस लिया जाएगा, उतनी जल्दी ही देश की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

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