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Chandrayaan 3 : लैंडर से सौ मीटर दूर हुआ रोवर, दोनों को निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू होगी - Rover 100 meters away from the lander

द्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) के रोवर और लैंडर ठीक से काम कर रहे हैं. इसरो ने नया अपडेट जारी किया है, जिसके मुताबिक लैंडर से रोवर कम से कम 100 मीटर दूर हो गया है.

Rover 100 meters away from the lander
लैंडर से सौ मीटर दूर हुआ रोवर
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 2, 2023, 3:07 PM IST

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस सोमनाथ ने शनिवार को कहा कि चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर ठीक से काम कर रहे हैं और चूंकि चंद्रमा पर अब रात हो जाएगी इसलिए इन्हें 'निष्क्रिय' किया जाएगा.

सोमनाथ ने कहा कि लैंडर 'विक्रम' और रोवर 'प्रज्ञान' अब भी काम कर रहे हैं और 'हमारी टीम अब वैज्ञानिक साजो-सामान के साथ ढेर सारा काम कर रही है.'

उन्होंने कहा, 'अच्छी खबर यह है कि लैंडर से रोवर कम से कम 100 मीटर दूर हो गया है और हम आने वाले एक या दो दिन में इन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं, क्योंकि वहां (चांद पर) रात होने वाली वाली है.' (Rover 100 meters away from the lander)

इसरो प्रमुख ने पहले सूर्य मिशन 'आदित्य एल1' का आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण होने के बाद मिशन नियंत्रण केंद्र से अपने संबोधन में यह जानकारी दी.

दिलचस्प बात यह है कि इसरो ने अपने मून लैंडर का नाम विक्रम और रोवर का नाम प्रज्ञान रखा है. पहले भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने इन्हें सिर्फ लैंडर और रोवर करार दिया था.

गौरतलब है कि चंद्रमा पर मानव जाति की बड़ी छलांग के लगभग 50 साल बाद चंद्रमा की सतह पर लौटने के लिए नए सिरे से रुचि पैदा हुई है. पानी और ऑक्सीजन, लोहा, सिलिकॉन, हाइड्रोजन और टाइटेनियम जैसे तत्वों की बढ़ी हुई उपलब्धता चंद्रमा पर लौटने का लक्ष्य रखने वाले वैज्ञानिकों के लिए प्रमुख आकर्षण रहे हैं.

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(PTI)

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सोमनाथ ने कहा कि लैंडर 'विक्रम' और रोवर 'प्रज्ञान' अब भी काम कर रहे हैं और 'हमारी टीम अब वैज्ञानिक साजो-सामान के साथ ढेर सारा काम कर रही है.'

उन्होंने कहा, 'अच्छी खबर यह है कि लैंडर से रोवर कम से कम 100 मीटर दूर हो गया है और हम आने वाले एक या दो दिन में इन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं, क्योंकि वहां (चांद पर) रात होने वाली वाली है.' (Rover 100 meters away from the lander)

इसरो प्रमुख ने पहले सूर्य मिशन 'आदित्य एल1' का आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण होने के बाद मिशन नियंत्रण केंद्र से अपने संबोधन में यह जानकारी दी.

दिलचस्प बात यह है कि इसरो ने अपने मून लैंडर का नाम विक्रम और रोवर का नाम प्रज्ञान रखा है. पहले भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने इन्हें सिर्फ लैंडर और रोवर करार दिया था.

गौरतलब है कि चंद्रमा पर मानव जाति की बड़ी छलांग के लगभग 50 साल बाद चंद्रमा की सतह पर लौटने के लिए नए सिरे से रुचि पैदा हुई है. पानी और ऑक्सीजन, लोहा, सिलिकॉन, हाइड्रोजन और टाइटेनियम जैसे तत्वों की बढ़ी हुई उपलब्धता चंद्रमा पर लौटने का लक्ष्य रखने वाले वैज्ञानिकों के लिए प्रमुख आकर्षण रहे हैं.

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