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पंजाब-हरियाणा HC को 18 एकड़ जमीन देगा चंडीगढ़ प्रशासन, अदालत की सख्ती के बाद UT ने लिया फैसला

Punjab And Haryana High Court New Building: चंडीगढ़ प्रशासन ने पजांब-हरियाणा हाईकोर्ट को 18 एकड़ जमीन देने का फैसला लिया है. हाईकोर्ट की फटकार के बाद यूटी प्रशासन सारंगपुर गांव में 3 प्लाट देने को तैयार हो गया है.

Punjab And Haryana High Court New Building
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 22, 2023, 8:01 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को जमीन देने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन तैयार हो गया है. जिसके चलते यूटी प्रशासन ने सारंगपुर गांव में 18 एकड़ जमीन हाईकोर्ट को देने का फैसला किया है. बता दें कि हाईकोर्ट ने इस मामले में गुरुवार को ही सख्त टिप्पणी की थी. इसके अगले ही दिन यूटी प्रशासन ने जमीन देने का फैसला ले लिया. जिसके चलते हाईकोर्ट को 6-6 एकड़ के 3 प्लाट दिए जाएंगे. जहां हाईकोर्ट के प्रशासनिक स्टाफ के बैठने और रिकॉर्ड सुरक्षित रखने की व्यवस्था होगी. चंडीगढ़ प्रशासन के इस फैसले के बाद जल्द ही इस जमीन पर बिल्डिंग बनाने का काम शुरू किया जाएगा.

HC में बढ़ने लगा है बोझ: हाईकोर्ट में काम का बोझ बढ़ता जा रहा है. जिसके चलते मौजूदा बिल्डिंग छोटी पड़ने लगी थी. मौजूदा बिल्डिंग में रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने में काफी परेशानियां आने लगी है. अब सारंगपुर गांव में नई बिल्डिंग बनाकर सारा रिकॉर्ड वहां पर ट्रांसफर किया जाएगा. जिसके बाद हाईकोर्ट की इस इमारत से काफी हद तक बोझ कम हो सकेगा.

जरुरत के मुताबिक जमीन की मांग: इस सुनवाई में चंडीगढ़ के गृह सचिव कोर्ट में पेश हुए, जब हाईकोर्ट ने भूमि के बारे में पूछा तो प्रशासन ने इस संबंध में अपनी मजबूरियां बताना शुरू कर दी. इसपर हाईकोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट पर आज जो बोझ है, वह उसके लिए तैयार नहीं है. यदि अतिरिक्त इमारत मांग रहे हैं तो यह आज की जरूरत के मुताबिक नहीं. वह इसकी मांग पांच दशक बाद को देखते हुए कर रहे है.

UT प्रशासन HC को देगा 18 एकड़ जमीन: वहीं, गृह सचिव की तरफ से हाईकोर्ट को बताया गया कि हाईकोर्ट की अतिरिक्त इमारत के लिए 18 एकड़ के तीन प्लॉट उपलब्ध करवाए जाएंगे. जिसमें हाईकोर्ट की विभिन्न ब्रांचों को भेजा जा सकेगा. जिससे वर्तमान इमारत पर बोझ कम होगा.

हाईकोर्ट कर्मचारी संघ ने लगाई याचिका: बता दें कि इस मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट कर्मचारी संघ के सचिव विनोद धाटरवाल और अन्य ने याचिका दायर की थी. जिसमें बताया गया था कि रोज करीब दस हजार वकील, करीब साढ़े तीन हजार कर्मचारी, वकीलों के क्लर्क हरियाणा और पंजाब के एजी कार्यालय के कर्मचारियों के अलावा अन्य लोगों का बोझ वर्तमान हाईकोर्ट परिसर पर होता है. वहीं, दस हजार से ज्यादा वाहन यहां खड़े होते हैं. जिसके बोझ को हाईकोर्ट का मौजूदा परिसर सहन करने में सक्षम नहीं है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा के ग्रुप D के कर्मचारी को नए साल का तोहफा, एक सप्ताह में खुलेगा डिपार्टमेंट चेंज पोर्टल ,सीएम ने दी जानकारी

ये भी पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में गृह मंत्री अमित शाह ने लिया भाग, कहा गीता में हर समस्या का समाधान मौजूद

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को जमीन देने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन तैयार हो गया है. जिसके चलते यूटी प्रशासन ने सारंगपुर गांव में 18 एकड़ जमीन हाईकोर्ट को देने का फैसला किया है. बता दें कि हाईकोर्ट ने इस मामले में गुरुवार को ही सख्त टिप्पणी की थी. इसके अगले ही दिन यूटी प्रशासन ने जमीन देने का फैसला ले लिया. जिसके चलते हाईकोर्ट को 6-6 एकड़ के 3 प्लाट दिए जाएंगे. जहां हाईकोर्ट के प्रशासनिक स्टाफ के बैठने और रिकॉर्ड सुरक्षित रखने की व्यवस्था होगी. चंडीगढ़ प्रशासन के इस फैसले के बाद जल्द ही इस जमीन पर बिल्डिंग बनाने का काम शुरू किया जाएगा.

HC में बढ़ने लगा है बोझ: हाईकोर्ट में काम का बोझ बढ़ता जा रहा है. जिसके चलते मौजूदा बिल्डिंग छोटी पड़ने लगी थी. मौजूदा बिल्डिंग में रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने में काफी परेशानियां आने लगी है. अब सारंगपुर गांव में नई बिल्डिंग बनाकर सारा रिकॉर्ड वहां पर ट्रांसफर किया जाएगा. जिसके बाद हाईकोर्ट की इस इमारत से काफी हद तक बोझ कम हो सकेगा.

जरुरत के मुताबिक जमीन की मांग: इस सुनवाई में चंडीगढ़ के गृह सचिव कोर्ट में पेश हुए, जब हाईकोर्ट ने भूमि के बारे में पूछा तो प्रशासन ने इस संबंध में अपनी मजबूरियां बताना शुरू कर दी. इसपर हाईकोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट पर आज जो बोझ है, वह उसके लिए तैयार नहीं है. यदि अतिरिक्त इमारत मांग रहे हैं तो यह आज की जरूरत के मुताबिक नहीं. वह इसकी मांग पांच दशक बाद को देखते हुए कर रहे है.

UT प्रशासन HC को देगा 18 एकड़ जमीन: वहीं, गृह सचिव की तरफ से हाईकोर्ट को बताया गया कि हाईकोर्ट की अतिरिक्त इमारत के लिए 18 एकड़ के तीन प्लॉट उपलब्ध करवाए जाएंगे. जिसमें हाईकोर्ट की विभिन्न ब्रांचों को भेजा जा सकेगा. जिससे वर्तमान इमारत पर बोझ कम होगा.

हाईकोर्ट कर्मचारी संघ ने लगाई याचिका: बता दें कि इस मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट कर्मचारी संघ के सचिव विनोद धाटरवाल और अन्य ने याचिका दायर की थी. जिसमें बताया गया था कि रोज करीब दस हजार वकील, करीब साढ़े तीन हजार कर्मचारी, वकीलों के क्लर्क हरियाणा और पंजाब के एजी कार्यालय के कर्मचारियों के अलावा अन्य लोगों का बोझ वर्तमान हाईकोर्ट परिसर पर होता है. वहीं, दस हजार से ज्यादा वाहन यहां खड़े होते हैं. जिसके बोझ को हाईकोर्ट का मौजूदा परिसर सहन करने में सक्षम नहीं है.

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