चंदौली : जिले के 3 स्थानों पर 5 हजार से लेकर 50 हजार साल पुराने मौर्य वंश के स्तूप, पुरापाषाणिक औजार, मध्यपाषाण काल के उपकरण मिले हैं. सर्वेक्षण के दौरान कोठी पहाड़ी में सम्राट अशोक काल का विलक्षण पाषाण स्तूप, भीखमपुर में बुद्ध काल के अवशेष और दाउदपुर में शैलाश्रय (चट्टानाें के घर) मिले हैं.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के प्रो. महेश प्रसाद अहिरवार के पर्यवेक्षण में 'चंद्रप्रभा नदी घाटी के विशेष संदर्भ में चंदौली जनपद का सांस्कृतिक एवं पुरातात्विक अध्ययन' विषय पर शोध कार्य कर रहे शोधार्थी परमदीप पटेल के मुताबिक सर्वेक्षण में जिले में कई पुरास्थल मिले हैं. चंदौली के चकिया तहसील के फिरोजपुर, भीखमपुर और दाउदपुर गांवों में पुरातात्विक महत्व की दृष्टि से अनेक पुरास्थल मिले हैं. इनमें फिरोजपुर ग्राम की कोठी पहाड़ी में मिला पाषाण स्तूप बेहद महत्वपूर्ण है.
परमदीप पटेल ने बताया कि इसके साथ ही यहां से बड़ी संख्या में पुरापाषाणिक औजार, मध्यपाषाण काल के उपकरण, मेगालिथिक समाधियां और चित्रित शैलाश्रय मिले हैं. इनका अनुमानित काल क्रम 5 हजार से 50 हजार वर्ष पूर्व तक का माना जा रहा है. ये सभी प्राचीन चीजें एक सप्ताह के भीतर खाेजी गईं हैं.
शोध निर्देशक प्रो. महेश प्रसाद अहिरवार ने बताया कि फिरोजपुर की कोठी पहाड़ी पर मिला स्तूप उत्तर भारत का पहला पाषाण निर्मित स्तूप है. यह मौर्य वंश का एक विलक्षण स्तूप है. सर्वेक्षण में मिले इन सभी उपकरणाें के बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है. आगे और भी प्राचीन चीजाें के मिलने का अनुमान है.
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