अबकी बार चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 22 मार्च को शुरू हो रहा है. इस दौरान मां को प्रसन्न करने के लिए भक्त विशेष तौर पर तैयारी करते हैं. तो हम आपको आज उन तौर-तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जिनका नवरात्रि के दिनों में पालन करने से धन-धान्य से परिपूर्ण हो सकते हैं और मां की पूजा का बेहतर लाभ पा सकते हैं.
अगर आप चैत्र नवरात्रि के लिए तैयारी कर रहे हैं तो इन बातों का ध्यान रख सकते हैं और उसी के हिसाब से पूजन व प्रसाद की व्यवस्था कर सकते हैं.
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1. चैत्र नवरात्रि की 9 दिनों तक चलने वाली विशेष पूजा के लिए अपने घर के मंदिर वाले स्थान पर या घर के किसी कोने में पूजा के लिए एक विशेष स्थान का चयन करें और वहां की साफ-सफाई करके पूजा की चौकी स्थापित करें.
2. चैत्र नवरात्रि की पूजा वाले स्थान पर मां दुर्गा, मां लक्ष्मी और मां सरस्वती की तस्वीरों या उनकी मूर्ति को स्थापित करके उसे पूजा घर के जैसा एक नया स्वरूप दें.
3. चैत्र नवरात्रि में अगर संभव हो तो 9 दिनों तक व्रत रखें और अगर ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, तो पहले और आठवें दिन का व्रत अवश्य करें.
4. चैत्र नवरात्रि में मां भगवती की कृपा पाने के लिए घर परिवार में 9 दिनों तक अखंड ज्योति जलाएं. ज्योति जलाने की परंपरा को उत्तम माना जाता है. इसका एक खास महत्व है. अगर आप 9 दिनों तक एक अखंड ज्योति जलाते हैं तो आपको इसका फर्क देखने को मिलेगा.
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5. चैत्र नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के पाठ का विशेष महत्व है. संभव हो तो आप पूरा पाठ करने के बाद ही प्रसाद ग्रहण करें. अगर कोई साधक 9 दिनों तक दुर्गा सप्तशती के पाठ को खुद नहीं कर सकता तो वह ऑनलाइन दुर्गा सप्तशती के पाठ का श्रवण कर सकता है. अगर उसके लिए भी समय नहीं निकल पा रहा है, तो आप किसी ऐसे व्यक्ति को संकल्प दे सकते हैं, जो आपके लिए 9 दिनों तक दुर्गा सप्तशती का पाठ करे.
6. नवरात्रि के दिनों में पूजा और उससे जुड़ी सामग्री में लाल रंग का विशेष महत्व होता है. मां दुर्गा को लाल रंग से अत्यधिक लगाव है. उनकी चुनरी लाल होनी चाहिए. उनको लाल रंग के फूल चढ़ाने चाहिए. लाल रंग के फलों का भोग लगाना चाहिए.
7. मां के सिंहासन व आसन का रंग लाल होना चाहिए. अगर लाल सिंहासन नहीं हो तो उस पर लाल रंग की चुनरी या कपड़े को बिछाकर पूजा करें.
8. चैत्र नवरात्रि में आपको अपने बैठने के लिए भी लाल रंग के आसान का चयन करना चाहिए. साथ ही नवरात्रि के दिनों में साधक को भी लाल रंग के वस्त्रों धारण करने की कोशिश करनी चाहिए.
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9. देवी मां को लाल रंग की रोली से तिलक लगाना अत्यधिक शुभ माना जाता है और उनके पूजन के बाद भक्तों को भी रोली का तिलक लगाना चाहिए.
10. देवी मां को नवरात्रि के दिनों में 9 दिनों तक शहद मिला हुआ दूध का भोग लगाएं और पूजन के बाद इसे प्रसाद स्वरूप व्रत रखने वाले लोगों को में वितरित करें, जिससे व्रत रखने वाले साधक और प्रसाद ग्रहण करने वाले भक्तों को विशेष रुप से लाभ मिलता है.
11. नवरात्रि के दिनों में कई तरह के साधनों का भी विधान है. अगर आप गीत संगीत की साधना नहीं करते हैं तो भी आपको अपनी पुस्तक, वाद्य यंत्रों और कलम की पूजा अवश्य करनी चाहिए.
12. नवरात्रि के आखिरी दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है. कन्या पूजन के बिना नवरात्रि की पूजा अधूरी मानी जाती है. कन्या पूजन के लिए अपनी श्रद्धा और क्षमता के अनुसार कन्याओं का चयन करें और उनको वस्त्र, भोजन तथा उपहार देकर उनकी चरण वंदना करें और आशीर्वाद ग्रहण करें.
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