नई दिल्ली : राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू (RS Chairman Venkaiah Naidu) ने संसद का शीतकालीन सत्र (parliament winter session) शुरू होने के बाद से उच्च सदन में अब तक उल्लेखनीय कामकाज न हो पाने को लेकर गुरुवार को चिंता जाहिर करते हुए कहा कि संविधान निर्माताओं ने जन प्रतिनिधियों को महती जिम्मेदारी दी है जिसका निर्वहन किया जाना चाहिए.
संसद के मॉनसून सत्र के दौरान 'अशोभनीय आचरण' करने के लिए वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए 12 सांसदों को निलंबित किए जाने के बाद, उनका निलंबन वापस लेने की मांग को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण राज्य सभा की कार्यवाही लगातार बाधित होती रही है.
इन 12 सदस्यों को, शीतकालीन सत्र के पहले दिन निलंबित किया गया. सोमवार को ही सदन में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए लाए गए 'कृषि विधि निरसन विधेयक 2021' को ध्वनिमत से मंजूरी दी गई. इसके अलावा अन्य कामकाज सदन में नहीं हो पाया है. हंगामे की वजह से आज भी उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया.
उच्च सदन की कार्यवाही लगातार बाधित होने को लेकर चिंता जाहिर करते हुए सभापति ने कहा 'शीतकालीन सत्र में सदन की आज चौथी बैठक है लेकिन अब तक कोई कामकाज नहीं हो पाया है. संविधान निर्माताओं ने जन प्रतिनिधियों को महती जिम्मेदारी दी है जिसका समुचित निर्वहन किया जाना चाहिए.'
उन्होंने कहा कि 12 सदस्यों के निलंबन की कार्रवाई (Rajya Sabha Members Suspension) की वजह भी बताई गई थी. उन्होंने कहा 'सोमवार को संसदीय कार्य मंत्री ने सदन में वजह बताते हुए निलंबन का प्रस्ताव रखा था. यह सब सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है. कुछ माननीय नेताओं और इस सदन के सदस्यों ने निलंबन को अलोकतांत्रिक बताया है. कुछ ने कहा कि ऐसा पहली बार किया गया है.'
सभापति ने कहा 'ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. पहले भी अशोभनीय आचरण के चलते, नियमानुसार निलंबन की कार्रवाई की गई है और सदस्यों के अफसोस जाहिर करने के बाद उनका निलंबन वापस लिया गया है. लेकिन.... सदस्यों ने कोई पछतावा जाहिर नहीं किया है. मनुष्य ही गलतियां करता है और मनुष्य ही गलतियों को सुधारता है. सुधार को न तो कोई अस्वीकार कर सकता है और न ही गलत को लेकर अड़ियल रुख अपनाया जा सकता है.'
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नायडू ने कहा कि वह पहले भी कह चुके हैं कि यदि निलंबित सदस्यों को अपनी गलती का एहसास हो तो नेता प्रतिपक्ष और सदन के नेता आपस में चर्चा कर सकते हैं और उनका निलंबन वापस लेने के विपक्ष के प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है. उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों से यह गतिरोध दूर करने का अनुरोध किया और कहा 'सदन को अपना कामकाज करने दें.'
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जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं.
(पीटीआई-भाषा)