रायपुर: छत्तीसगढ़ कोयला लेवी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा मामला सामने आया था. जिसके बाद रायपुर की विशेष अदालत ने इस कथित कोल लेवी स्कैम में कुल 9 लोगों को नोटिस जारी किया है. जिसमें दो कांग्रेस विधायक शामिल हैं. अदालत ने सभी 9 कथित आरोपियों को 25 अक्टूबर तक रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश होने को कहा है.
ईडी की दूसरी चार्जशीट में 11 लोगों को बनाया गया आरोपी: ईडी ने बीते महीने इस केस में दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी. यह आरोप पत्र रायपुर की विशेष कोर्ट में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में दायर की गई थी. जिसमें कांग्रेस विधायक देवेंद्र सिंह यादव और चंद्रदेव प्रसाद राय के नाम शामिल थे. ईडी ने कुल 11 लोगों के नाम आरोप पत्र में आरोपी के तौर पर शामिल किया था.
"ईडी ने दूसरा आरोप पत्र दर्ज किया था. जिसमें 11 आरोपियों के नाम शामिल थे. इनमें से 9 लोगों को कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. इस मामले में आईएएस रानू साहू और एक अन्य आरोपी निखिल चंद्राकर पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इन नौ आरोपियों में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, कांग्रेस विधायक चंद्रदेव प्रसाद राय, कांग्रेस नेता आरपी सिंह और कांग्रेस नेता विनोद तिवारी शामिल हैं. इस मामले में लगाए गए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 3 और 4 संज्ञेय और गैर-जमानती हैं. नौ आरोपियों को जिन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है. उन्हें इस केस में अग्रिम जमानत प्राप्त करना जरूरी होगा. अगर ये सभी लोग सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं होते हैं तो अदालत उनके खिलाफ जमानती या गैर-जमानती वारंट जारी कर सकती है": सौरभ पांडेय, वकील, ईडी
क्या है छत्तीसगढ़ कोल लेवी स्कैम (CG Coal Levy Scam Raipur Court Notice): ईडी ने छत्तीसगढ़ में कोयले के ऊपर कथित तौर पर लेवी लेने का खुलासा किया था. ईडी की जांच के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कथित कोयला लेवी स्कैम वो घोटाला है. जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों ने कार्टेल बनाया. इसके जरिए छत्तीसगढ़ में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये प्रति टन की अवैध लेवी वसूली जा रही थी.
"रानू साहू और कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी में थी सांठगांठ": ईडी ने दावा किया है कि कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी और आईएएस रानू साहू के बीच आपसी तालमेल था.दोनों की तरफ से कोयला ट्रांसपोर्टरों और जिला खनिज निधि (डीएमएफ) अनुबंधों से अवैध लेवी राशि के वसूली की सुविधा प्रदान की गई थी. इसके लिए भारी रिश्वत लेने का खेल चलता रहा.
विधायक देवेंद्र यादव को लेकर ईडी का दावा: जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि" भिलाई नगर से विधायक देवेंद्र यादव को भी कोयला कार्टेल की तरफ से तीन करोड़ रूपये दिए गए. जिसका इस्तेमाल खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव के लिए किया गया." यह उपचुनाव अप्रैल 2022 में संपन्न हुआ था.
अन्य कांग्रेसी नेताओं को लेकर ईडी का खुलासा: ईडी के दावे के मुताबिक "बिलाईगढ़ विधायक चंद्रदेव प्रसाद राय को कथित तौर पर चुनावी फंडिंग और राजनीतिक खर्च के लिए इसी कोयला कार्टेल की तरफ से रकम मुहैया कराई गई. उन्हें व्यक्तिगत उपहारों के लिए 46 लाख रुपये मिले थे. जबकि कांग्रेस नेता विनोद तिवारी और आरपी सिंह को राजनीतिक और व्यक्तिगत खर्चों के लिए क्रमशः लगभग 1.87 करोड़ रुपये और 2.01 करोड़ रुपये मिले थे."
छत्तीसगढ़ कोल लेवी स्कैम में पहली चार्जशीट पिछले साल 9 दिसंबर को दायर की गई थी. इसमें आईएएस समीर विश्नोई, बिजनेसमैन सुनील अग्रवाल, कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी और उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी को आरोपी बनाया गया था. इससे पहले ईडी ने इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
सोर्स: पीटीआई