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इंडसइंड बैंक घोटाला मामले में कार्वी के सीईओ, सीएफओ गिरफ्तार

हैदराबाद पुलिस ने घोटाले के शिकार कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड के दो वरिष्ठ अधिकारियों को ग्राहकों की प्रतिभूतियों को गिरवी रखकर बैंकों से ली गई धनराशि के साथ हेराफेरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया.

सीएफओ गिरफ्तार
सीएफओ गिरफ्तार
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Published : Sep 2, 2021, 10:30 PM IST

हैदराबाद : हैदराबाद पुलिस ने बृहस्पतिवार को घोटाले के शिकार कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड के दो वरिष्ठ अधिकारियों को ग्राहकों की प्रतिभूतियों को गिरवी रखकर बैंकों से ली गई धनराशि के साथ हेराफेरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया.

एक पुलिस प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इंडसइंड बैंक की एक शिकायत के आधार पर कार्वी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजीव रंजन सिंह और मुख्य वित्तीय अधिकारी जी कृष्ण हरि को गिरफ्तार किया गया.

पुलिस ने इससे पहले कार्वी के अध्यक्ष सी पार्थसारथी को इंडसइंड बैंक को 137 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

इसे भी पढ़ें-करेंसी नोटों पर सिर्फ गांधी की तस्वीर छापने का निर्णय सही : हाईकोर्ट

नवंबर 2019 में, सेबी ने केएसबीएल को नए ब्रोकरेज क्लाइंट लेने से रोक दिया था, क्योंकि यह पाया गया कि ब्रोकरेज फर्म ने कथित तौर पर ग्राहकों की प्रतिभूतियों के 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का दुरुपयोग किया है.

नवंबर 2020 में, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग को डिफॉल्टर घोषित किया और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने भी इसी तरह की कार्रवाई शुरू करने के बाद ब्रोकरेज कंपनी से अपनी सदस्यता वापस ले ली थी.

(पीटीआई)

हैदराबाद : हैदराबाद पुलिस ने बृहस्पतिवार को घोटाले के शिकार कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग प्राइवेट लिमिटेड के दो वरिष्ठ अधिकारियों को ग्राहकों की प्रतिभूतियों को गिरवी रखकर बैंकों से ली गई धनराशि के साथ हेराफेरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया.

एक पुलिस प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इंडसइंड बैंक की एक शिकायत के आधार पर कार्वी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजीव रंजन सिंह और मुख्य वित्तीय अधिकारी जी कृष्ण हरि को गिरफ्तार किया गया.

पुलिस ने इससे पहले कार्वी के अध्यक्ष सी पार्थसारथी को इंडसइंड बैंक को 137 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

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नवंबर 2019 में, सेबी ने केएसबीएल को नए ब्रोकरेज क्लाइंट लेने से रोक दिया था, क्योंकि यह पाया गया कि ब्रोकरेज फर्म ने कथित तौर पर ग्राहकों की प्रतिभूतियों के 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का दुरुपयोग किया है.

नवंबर 2020 में, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग को डिफॉल्टर घोषित किया और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने भी इसी तरह की कार्रवाई शुरू करने के बाद ब्रोकरेज कंपनी से अपनी सदस्यता वापस ले ली थी.

(पीटीआई)

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