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विभिन्न योजनाओं के लिए जल्द साझा पोर्टल ‘जन समर्थ’ की होगी शुरुआत - single portal for govt schemes

आम लोगों को सरकार की योजनाओं का जल्द लाभ मिले, सरकार इसके लिए एक नया पोर्टल शुरू करने जा रही है. इसे साझा पोर्टल जन समर्थ नाम दिया गया है. सरकार का मानना है कि इस साझा पोर्टल से आम लोगों के जीवन को सुगम किया जा सकेगा. अभी पायलट योजना पर काम चल रहा है.

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पीएम मोदी
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Published : May 29, 2022, 1:48 PM IST

Updated : May 29, 2022, 2:12 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार जल्द विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की आपूर्ति के लिए एक साझा पोर्टल ‘जन समर्थ’ शुरू करने जा रही है. सरकार का मानना है कि इस साझा पोर्टल से आम लोगों के जीवन को सुगम किया जा सकेगा. सूत्रों ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के ‘न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन’ के दृष्टिकोण के अनुरूप नए पोर्टल पर शुरुआत में सरकार की ऋण से जुड़ी 15 योजनाओं को शामिल किया जाएगा.

सूत्रों ने बताया कि इस पोर्टल का धीरे-धीरे विस्तार किया जाएगा. यह विस्तार पोर्टल के काम करने के आधार पर होगा, क्योंकि केंद्र सरकार प्रायोजित कुछ योजनाओं में कई एजेंसियां शामिल रहती हैं. उदाहरण के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना और ऋण से जुड़ी पूंजी सब्सिडी योजना (सीएलसीएसएस) अलग-अलग मंत्रालयों के तहत आती हैं.

news portal
नया पोर्टल

सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित पोर्टल का उद्देश्य इन योजनाओं को एकल मंच पर लाना है. इससे लाभार्थियों की इन योजनाओं तक पहुंच सुगम हो सकेगी. सूत्रों ने बताया कि इस पोर्टल का प्रायोगिक (पायलट) परीक्षण चल रहा है. पोर्टल में जो कमियां हैं उन्हें दूर किया जा रहा है. उसके बाद इस पोर्टल को पेश किया जाएगा. भारतीय स्टेट बैंक और अन्य ऋणदाता पोर्टल का परीक्षण कर रहे हैं.

सूत्रों ने बताया कि इस पोर्टल का ढांचा खुला होगा. राज्य सरकारें और अन्य संस्थान भी भविष्य में इस पोर्टल पर अपनी योजनाएं डाल सकेंगे. कर्ज लेने वाले ग्राहकों को राहत के लिए सरकार ने 2018 मे विभिन्न ऋण योजनाओं के लिए एक पोर्टल शुरू किया था. इनमें एमएसएमई, आवास, वाहन और व्यक्तिगत ऋण शामिल है.

इस पोर्टल पर सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) और अन्य लोगों के लिए ऋण को विभिन्न सरकारी बैंकों द्वारा 59 मिनट में मंजूरी दी जाती है, जबकि पहले इसमें 20 से 25 दिन का समय लगता था. सैद्धान्तिक मंजूरी के बाद ऋण का वितरण सात-आठ कार्यदिवसों में किया जाता है. कर्ज की सैद्धान्तिक मंजूरी के लिए एमएसएमई को किसी तरह के दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होती. इस मंच को कर्ज लेने वालों की पात्रता की जांच के लिए एमएसई के ऋण गारंटी कोष न्यास (सीजीटीएमएसई) के साथ एकीकृत किया गया है.

इस पोर्टल की शुरुआत के दो माह में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों के 37,412 करोड़ रुपये के ऋण के 1.12 लाख ऋण आवेदनों को सैद्धान्तिक मंजूरी दी थी.

ये भी पढे़ं : अगर आप भी करते हैं पब्लिक कंप्यूटर पर आधार डाउनलोड तो यह खबर आपके लिए

नई दिल्ली : केंद्र सरकार जल्द विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की आपूर्ति के लिए एक साझा पोर्टल ‘जन समर्थ’ शुरू करने जा रही है. सरकार का मानना है कि इस साझा पोर्टल से आम लोगों के जीवन को सुगम किया जा सकेगा. सूत्रों ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के ‘न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन’ के दृष्टिकोण के अनुरूप नए पोर्टल पर शुरुआत में सरकार की ऋण से जुड़ी 15 योजनाओं को शामिल किया जाएगा.

सूत्रों ने बताया कि इस पोर्टल का धीरे-धीरे विस्तार किया जाएगा. यह विस्तार पोर्टल के काम करने के आधार पर होगा, क्योंकि केंद्र सरकार प्रायोजित कुछ योजनाओं में कई एजेंसियां शामिल रहती हैं. उदाहरण के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना और ऋण से जुड़ी पूंजी सब्सिडी योजना (सीएलसीएसएस) अलग-अलग मंत्रालयों के तहत आती हैं.

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नया पोर्टल

सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित पोर्टल का उद्देश्य इन योजनाओं को एकल मंच पर लाना है. इससे लाभार्थियों की इन योजनाओं तक पहुंच सुगम हो सकेगी. सूत्रों ने बताया कि इस पोर्टल का प्रायोगिक (पायलट) परीक्षण चल रहा है. पोर्टल में जो कमियां हैं उन्हें दूर किया जा रहा है. उसके बाद इस पोर्टल को पेश किया जाएगा. भारतीय स्टेट बैंक और अन्य ऋणदाता पोर्टल का परीक्षण कर रहे हैं.

सूत्रों ने बताया कि इस पोर्टल का ढांचा खुला होगा. राज्य सरकारें और अन्य संस्थान भी भविष्य में इस पोर्टल पर अपनी योजनाएं डाल सकेंगे. कर्ज लेने वाले ग्राहकों को राहत के लिए सरकार ने 2018 मे विभिन्न ऋण योजनाओं के लिए एक पोर्टल शुरू किया था. इनमें एमएसएमई, आवास, वाहन और व्यक्तिगत ऋण शामिल है.

इस पोर्टल पर सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) और अन्य लोगों के लिए ऋण को विभिन्न सरकारी बैंकों द्वारा 59 मिनट में मंजूरी दी जाती है, जबकि पहले इसमें 20 से 25 दिन का समय लगता था. सैद्धान्तिक मंजूरी के बाद ऋण का वितरण सात-आठ कार्यदिवसों में किया जाता है. कर्ज की सैद्धान्तिक मंजूरी के लिए एमएसएमई को किसी तरह के दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होती. इस मंच को कर्ज लेने वालों की पात्रता की जांच के लिए एमएसई के ऋण गारंटी कोष न्यास (सीजीटीएमएसई) के साथ एकीकृत किया गया है.

इस पोर्टल की शुरुआत के दो माह में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों के 37,412 करोड़ रुपये के ऋण के 1.12 लाख ऋण आवेदनों को सैद्धान्तिक मंजूरी दी थी.

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Last Updated : May 29, 2022, 2:12 PM IST
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