नई दिल्ली : केंद्र ने हाल ही में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) का नाम बदलकर प्रधान मंत्री संग्रहालय और सोसायटी करने का फैसला किया है. इसके बाद, कांग्रेस ने शुक्रवार को नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदलने के केंद्र के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा.
केंद्र की आलोचना करते हुए वरिष्ठ नेता और कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है. 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों एवं अभिलेखों का खजाना घर रहा है. अब से इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसायटी कहा जाएगा. पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के शिल्पकार के नाम और विरासत को विकृत करने, नीचा दिखाने और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे. अपनी असुरक्षाओं के बोझ तले दबा एक छोटे कद का व्यक्ति स्वघोषित विश्वगुरु बना फिर रहा है.
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संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों एवं अभिलेखों का ख़ज़ाना घर रहा है। अब से इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसायटी कहा जाएगा। पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के…
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— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 16, 2023
यह नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी की एक विशेष बैठक के बाद नाम बदलने के फैसले पर मुहर लगाई गई. विशेष बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी जो सोसायटी के उपाध्यक्ष भी हैं. एनएमएमएलए के उपाध्यक्ष और कार्यकारी परिषद के सदस्य सूर्य प्रकाश ने कहा कि इस सोसायटी के जेनरल बॉडी द्वारा संकल्प का पारित होना कोई छोटा कदम नहीं है. यह लोकतंत्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने के लिए एक बहुत बड़ा कदम है.
उन्होंने कहा कि माननीय रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह, सोसायटी के उपाध्यक्ष ने अपने संबोधन में नाम में परिवर्तन के प्रस्ताव का स्वागत किया. क्योंकि अपने नए रूप में संस्था जवाहरलाल नेहरू से लेकर नरेंद्र मोदी तक सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान और उनकी प्रतिक्रियाओं को प्रदर्शित करती है. प्रधानमंत्री को एक संस्था के रूप में बताते हुए और विभिन्न प्रधानमंत्रियों की यात्रा की इंद्रधनुष के विभिन्न रंगों से तुलना करते हुए राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि इसे सुंदर बनाने के लिए इंद्रधनुष के सभी रंगों का आनुपातिक रूप से प्रतिनिधित्व किया जाना चाहिए.
2016 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन मूर्ति परिसर में भारत के सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित एक संग्रहालय स्थापित करने का विचार प्रस्तावित किया था. इस परियोजना को 25-11-2016 को आयोजित अपनी 162 वीं बैठक में कार्यकारी परिषद, एनएमएमएल द्वारा अनुमोदित किया गया था. पिछले साल 21 अप्रैल को प्रधानमंत्री संग्रहालय को जनता के लिए खोल दिया गया था.
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दिलचस्प बात यह है कि उद्घाटन के दौरान सरकार से निमंत्रण मिलने के बावजूद नेहरू-गांधी परिवार का कोई भी सदस्य समारोह में शामिल नहीं हुआ. पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सहित नेहरू-गांधी परिवार के तीन सदस्यों ने अतीत में भारतीय प्रधानमंत्रियों के रूप में कार्य किया है.
भाजपा ने कांग्रेस से पूछा सवाल, इंदिरा और राजीव गांधी से कांग्रेस को दिक्कत है क्या?
नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने को लेकर कांग्रेस के तीखे हमलों का सामना कर रही भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा है कि वहां देश के सभी पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यकाल और उनकी उपलब्धियों का जिक्र किया गया है, लेकिन कांग्रेस को अपने ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी से दिक्कत है क्या? भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने पार्टी मुख्यालय में मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए पूछा कि कांग्रेस के कितने नेताओं ने जाकर अंदर से नेहरू मेमोरियल को देखा है. पहले इसकी कितनी बुरी हालत थी, यह धूल फांक रहा था। मोदी सरकार ने इसे पूरी तरह व्यवस्थित कर, जवाहर लाल नेहरू से जुड़ी चीजों को भी व्यवस्थित कर, मॉडर्न तरीके से डिजिटल स्वरूप में रखने का कार्य किया.
त्रिवेदी ने कहा कि यहां पर सभी पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यकाल और उनकी उपलब्धियों का जिक्र किया गया है. कांग्रेस को लाल बहादुर शास्त्री, नरसिम्हा राव और अटल बिहारी वाजपेयी से दिक्कत हो सकती है, लेकिन कांग्रेस को अपने ही पूर्व प्रधानमंत्री, परिवार से जुड़े पूर्व प्रधानमंत्री- इंदिरा गांधी और राजीव गांधी से दिक्कत है क्या? वहां पर तो इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह समेत सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों की उपलब्धि का जिक्र किया गया है.
भाजपा प्रवक्ता ने कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस की अब यह हालत हो गई है कि मोदी का विरोध करते-करते वो अब अपने ही नेताओं का विरोध और अपमान करने में लग गई है. 'मोदिया बिंद' की वजह से कांग्रेस अपने पराए का ही भेद नहीं कर पा रही है.
(इनपुट-एजेंसी)