नई दिल्ली: आतंकवाद के साथ-साथ आतंकी फंडिंग (terror funding) के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की अपनी नीति को दोहराते हुए केंद्र ने सोमवार को कहा कि टेरर फंडिंग का समर्थन करने वाले सभी संगठनों और एनजीओ को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
वित्त राज्य मंत्री भरत कर्नाड ने कहा, 'हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि आतंकी फंडिंग का समर्थन करने के लिए किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. हम पहले ही आतंकी फंडिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कह चुके हैं.'
उन्होंने कहा कि एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर कार्रवाई की गई है और साथ ही एनजीओ की फंडिंग बंद कर दी गई है. कर्नाड ने कहा 'भारत में आतंकवादी गतिविधियों में बड़े पैमाने पर कमी आई है. वास्तव में, हमने आतंकवाद के वित्तपोषण के मामलों में 94 प्रतिशत सजा दर भी हासिल की है.'
वह पिछले आठ वर्षों में केंद्र सरकार की उपलब्धि पर पत्रकारों के एक चयनित समूह से बात कर रहे थे. कर्नाड ने कहा कि उनकी सरकार मेक इन इंडिया अवधारणा को प्रोत्साहित करते हुए कई उत्पादों पर विदेशी निर्भरता को कम करने की कोशिश कर रही है.
भाजपा के लद्दाख सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने भी आतंकी फंडिंग को लेकर कुछ इसी तरह की बात कही. उन्होंने कहा कि उन एनजीओ की फंडिंग रोक दी गई है जो आतंकी फंडिंग का समर्थन कर रहे थे. नामग्याल ने कहा, 'एफसीआरए जांच के जरिए हम आतंकी वित्तपोषण को रोकने की कोशिश कर रहे हैं.'
भारत-चीन सीमा मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर नामग्याल ने कहा कि 'अभी स्थिति शांतिपूर्ण है.' नामग्याल ने कहा, 'हालांकि, अचिह्नित सीमा के कारण भारत-चीन सीमा पर मनमुटाव का मुद्दा प्रचलित है.'
उनका बयान इसलिए मायने रखता है क्योंकि हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन की सेना के बीच आमना-सामना हुआ था. नामग्याल ने उल्लेख किया कि केंद्र सरकार की जीवंत ग्राम अवधारणा सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों के रहने की स्थिति में सुधार लाने के लिए एक लंबा रास्ता तय करेगी. जीवंत ग्रामीण कार्यक्रम के तहत, जैसा कि पिछले केंद्रीय बजट में घोषित किया गया था भारत चीन सीमा के साथ लगे इलाके में बुनियादी ढांचे को बढ़ाया जाएगा.
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