नई दिल्ली : देश में चावल, गेहूं और आटे के खुदरा मूल्य को नियंत्रित करने के लिए 3.46 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 13,164 मीट्रिक टन चावल की बिक्री की गई है. केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मुताबिक यह बिक्री 26वीं ई-नीलामी में की गई है.
केंद्रीय मंत्रालय का कहना है कि भारत सरकार की बाजार में मूल्य नियंत्रण की पहल के एक हिस्से के रूप में, गेहूं और चावल दोनों की साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित की जाती है. 26वीं ई-नीलामी 20 दिसंबर को आयोजित की गई, जिसमें 4 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गेहूं और 1.93 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) चावल की बोली लगाई गई थी.
ई-नीलामी में, 2178.24 रुपये क्विंटल के हिसाब से 3.46 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गेहूं और 2905.40 रुपये क्विंटल के औसत मूल्य के हिसाब से 13,164 मीट्रिक टन चावल बेचा गया। इसके अलावा, 1 जनवरी 2019 से ई-नीलामी दिनांक 20 दिसंबर 2023 में एलटी बिजली कनेक्शन वाले बोली दाताओं के लिए केवल 50 मीट्रिक टन गेहूं और एचटी बिजली कनेक्शन वाले बोली दाताओं के लिए 250 मीट्रिक टन गेहूं की अनुमति दी जा रही है.
यह कदम भंडार की जमाखोरी को रोकने और यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि मुक्त बाज़ार बिक्री योजना (ओएमएसएस) घरेलू (डी) के अंतर्गत बेचे गए गेहूं को संसाधित किया जा रहा है और सफल बोलीदाता द्वारा खुले बाजार में जारी किया जा रहा है.
मंत्रालय का कहना है कि उपरोक्त के अलावा, एक बोलीदाता द्वारा बोली लगाने वाले चावल की न्यूनतम मात्रा 1 मीट्रिक टन और अधिकतम मात्रा 2,000 मीट्रिक टन निर्धारित की गई है. ई-नीलामी दिनांक 20 दिसंबर 2023 को बोलीदाता चावल के संदर्भ में मुक्त बाज़ार बिक्री योजना (ओएमएसएस) घरेलू (डी) के अंतर्गत 1 मीट्रिक टन के गुणकों में बोली लगा सकते हैं.
केंद्र सरकार का कहना है कि मुक्त बाज़ार बिक्री योजना (ओएमएसएस) घरेलू (डी) के अंतर्गत चावल की बिक्री बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है और वर्तमान ई-नीलामी में चावल की बिक्री पिछली ई-नीलामी में बेचे गए 3,300 मीट्रिक टन से बढ़कर 13,164 मीट्रिक टन हो गई है.
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