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न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए पूर्व कृषि सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन

केंद्र सरकार ने न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (MSP) और किसानों की अन्‍य मांगों को लेकर एक कमेटी का गठन किया है. करीब आठ माह बाद अब इस समिति का गठन कर दिया गया है.

Centre constitutes committee on MSP
किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र ने MSP पर गठित की कमेटी
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Published : Jul 18, 2022, 8:44 PM IST

Updated : Jul 18, 2022, 10:48 PM IST

नई दिल्ली : सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रणाली को मजबूत करने के उपाय सुझाने के लिए एक समिति का गठन किया है. पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल समिति के चेयरमैन होंगे. सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद इस समिति का गठन करने का वादा किया था. करीब आठ माह बाद अब इस समिति का गठन कर दिया गया है.

सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के तीन सदस्यों को इस समिति में शामिल करने का प्रावधान भी किया है. हालांकि, कृषि संगठन ने अभी तक समिति के लिए कोई नाम नहीं दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में हजारों किसानों ने एक साल तक दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन किया था. इसके बाद सरकार ने विवश होकर तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी. सरकार ने एमएसपी पर कानूनी गारंटी के लिए किसानों की मांग पर चर्चा करने को लेकर एक समिति गठित करने का वादा किया था. कृषि मंत्रालय ने इस संबंध में एक समिति के गठन की घोषणा करते हुए एक गजट अधिसूचना जारी की है. समिति में नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद, भारतीय आर्थिक विकास संस्थान से कृषि अर्थशास्त्री सीएससी शेखर और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम-अहमदाबाद) से सुखपाल सिंह और कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) के वरिष्ठ सदस्य नवीन पी सिंह को शामिल किया गया है.

किसान प्रतिनिधियों के रूप में समिति में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता किसान भारत भूषण त्यागी, एसकेएम के तीन सदस्य और अन्य किसान संगठनों के पांच सदस्यों में गुणवंत पाटिल, कृष्णवीर चौधरी, प्रमोद कुमार चौधरी, गुनी प्रकाश और सैयद पाशा पटेल शामिल होंगे. इफको के चेयरमैन दिलीप संघानी और सीएनआरआई के महासचिव विनोद आनंद भी समिति का हिस्सा हैं. कृषि विश्वविद्यालयों के वरिष्ठ सदस्य, केंद्र सरकार के पांच सचिव और कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, सिक्किम और ओडिशा के मुख्य सचिवों को भी समिति में शामिल किया गया है.

अधिसूचना के अनुसार, यह समिति व्यवस्था को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाकर किसानों को एमएसपी उपलब्ध कराने के तरीकों पर विचार करेगी. इसके अलावा यह समिति सीएसीपी को अधिक अधिकार देने की संभावनाओं पर भी सुझाव देगी. सीएसीपी दरअसल कृषि फसलों का एमएसपी को तय करता है और इसे और अधिक वैज्ञानिक बनाने के उपाय करता है.

अधिसूचना के अनुसार, एमएसपी के अलावा यह समिति प्राकृतिक खेती, फसल विविधीकरण और सूक्ष्म सिंचाई योजना को बढ़ावा देने के तरीकों पर गौर करेगी.साथ ही कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) और अन्य अनुसंधान और विकास संस्थानों को ज्ञान केंद्र बनाने के लिए रणनीति पर सुझाव देगी.

ये भी पढ़ें - संयुक्त किसान मोर्चा एमएसपी और अग्निपथ योजना को लेकर 22 अगस्त को पंचायत करेगा

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रणाली को मजबूत करने के उपाय सुझाने के लिए एक समिति का गठन किया है. पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल समिति के चेयरमैन होंगे. सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद इस समिति का गठन करने का वादा किया था. करीब आठ माह बाद अब इस समिति का गठन कर दिया गया है.

सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के तीन सदस्यों को इस समिति में शामिल करने का प्रावधान भी किया है. हालांकि, कृषि संगठन ने अभी तक समिति के लिए कोई नाम नहीं दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में हजारों किसानों ने एक साल तक दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन किया था. इसके बाद सरकार ने विवश होकर तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी. सरकार ने एमएसपी पर कानूनी गारंटी के लिए किसानों की मांग पर चर्चा करने को लेकर एक समिति गठित करने का वादा किया था. कृषि मंत्रालय ने इस संबंध में एक समिति के गठन की घोषणा करते हुए एक गजट अधिसूचना जारी की है. समिति में नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद, भारतीय आर्थिक विकास संस्थान से कृषि अर्थशास्त्री सीएससी शेखर और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम-अहमदाबाद) से सुखपाल सिंह और कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) के वरिष्ठ सदस्य नवीन पी सिंह को शामिल किया गया है.

किसान प्रतिनिधियों के रूप में समिति में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता किसान भारत भूषण त्यागी, एसकेएम के तीन सदस्य और अन्य किसान संगठनों के पांच सदस्यों में गुणवंत पाटिल, कृष्णवीर चौधरी, प्रमोद कुमार चौधरी, गुनी प्रकाश और सैयद पाशा पटेल शामिल होंगे. इफको के चेयरमैन दिलीप संघानी और सीएनआरआई के महासचिव विनोद आनंद भी समिति का हिस्सा हैं. कृषि विश्वविद्यालयों के वरिष्ठ सदस्य, केंद्र सरकार के पांच सचिव और कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, सिक्किम और ओडिशा के मुख्य सचिवों को भी समिति में शामिल किया गया है.

अधिसूचना के अनुसार, यह समिति व्यवस्था को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाकर किसानों को एमएसपी उपलब्ध कराने के तरीकों पर विचार करेगी. इसके अलावा यह समिति सीएसीपी को अधिक अधिकार देने की संभावनाओं पर भी सुझाव देगी. सीएसीपी दरअसल कृषि फसलों का एमएसपी को तय करता है और इसे और अधिक वैज्ञानिक बनाने के उपाय करता है.

अधिसूचना के अनुसार, एमएसपी के अलावा यह समिति प्राकृतिक खेती, फसल विविधीकरण और सूक्ष्म सिंचाई योजना को बढ़ावा देने के तरीकों पर गौर करेगी.साथ ही कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) और अन्य अनुसंधान और विकास संस्थानों को ज्ञान केंद्र बनाने के लिए रणनीति पर सुझाव देगी.

ये भी पढ़ें - संयुक्त किसान मोर्चा एमएसपी और अग्निपथ योजना को लेकर 22 अगस्त को पंचायत करेगा

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jul 18, 2022, 10:48 PM IST
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