नई दिल्ली : मद्रास और इलाहाबाद उच्च न्यायालयों में गुरुवार को चार वकीलों को अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया. कानून मंत्रालय में न्याय विभाग द्वारा जारी अलग-अलग अधिसूचनाओं के अनुसार, अधिवक्ता प्रशांत कुमार, मंजिवे शुक्ला और अरुण कुमार सिंह देशवाल को दो साल की अवधि के लिए वरिष्ठता के क्रम में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है (Judges In Allahabad And Madras HC).
अतिरिक्त न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए छह अन्य अधिवक्ताओं के साथ 17 जनवरी को उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने उनके नामों की सिफारिश की थी. अन्य छह को हाल ही में पदोन्नत किया गया था.
मंत्रालय ने एक अन्य अधिसूचना में कहा कि अधिवक्ता वेंकटचारी लक्ष्मीनारायणन को दो साल के लिए मद्रास उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया जाता है. शीर्ष अदालत के कॉलेजियम ने 17 जनवरी को विक्टोरिया गौरी और वकीलों तथा न्यायिक अधिकारियों सहित अन्य के साथ उनके नाम की सिफारिश की थी. इसके बाद उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. अतिरिक्त न्यायाधीशों को आमतौर पर स्थायी न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत होने से पहले दो साल की अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है.
गौरतलब है कि हाल ही में संसद सत्र के दौरान कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद को बताया था कि सरकार समयबद्ध तरीके से रिक्त पदों को तेजी से भरने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने संसद को यह भी बताया कि उच्च न्यायालयों में रिक्तियों को भरना एक सतत, एकीकृत और सहयोगात्मक प्रक्रिया है जिसके लिए विभिन्न संवैधानिक प्राधिकरणों से परामर्श और अनुमोदन की आवश्यकता होती है. सेवानिवृत्ति, इस्तीफे या न्यायाधीशों की पदोन्नति के कारण रिक्तियां होती रहती हैं.
(पीटीआई-भाषा)