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सेंट्रल विस्टा परियोजना: सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर केंद्र को हलफनामा देने का निर्देश दिया

सुर्पीम कोर्ट(Supreme court) ने सोमवार को सेंट्रल विस्टा(Central vista) परियोजना सहित निर्माण गतिविधियों से संबंधित मुद्दों पर केंद्र सरकार से अपना हलफनामा दाखिल करने को कहा है. इस मामले पर अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी.

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Published : Nov 29, 2021, 11:03 PM IST

नई दिल्ली: सुर्पीम कोर्ट(Supreme court) ने सोमवार को सेंट्रल विस्टा(Central vista) परियोजना सहित निर्माण गतिविधियों से संबंधित मुद्दों पर केंद्र सरकार से अपना हलफनामा दाखिल करने को कहा है. इसके अलावा न्यायालय ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (Ncr) के राज्यों को प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए वायु गुणवत्ता(Air Quality) पर आयोग के निर्देशों के अनुपालन दर्शाने वाले जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया है.

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण(Chief Justice NV Raman), न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने दिल्ली सहित एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण के मामलों पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया.

याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने पीठ से कहा कि सेंट्रल विस्टा जैसी बड़ी परियोजनाओं से संबंधित निर्माण गतिविधियां जोरों पर चल रही हैं और ऐसी परियोजनाओं से नागरिकों का जीवन प्रभावित हो रहा है. नागरिकों के जीवन से ज्यादा परियोजना महत्वपूर्ण नहीं हो सकती. अधिवक्ता के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने केंद्र सरकार की ओर पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से जवाब देने को कहा और इस विषय पर कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया. याचिकाकर्ता के दलीलों पर गौर करते हुए पीठ ने कहा कि हम सॉलीसिटर जनरल(Solicitor General) को एक हलफनामा दायर करने या केंद्र सरकार के दायरे में आने वाले क्षेत्रों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का निर्देश देते हैं.

पीठ ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के हलफनामे पर गौर किया और प्रदूषण पर आयोग द्वारा सुझाए गए दीर्घकालिक और अल्पकालिक उपायों का हवाला दिया और निर्देशों के अनुपालन के संबंध में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को बुधवार शाम तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. इस मामले में अब न्यायालय 2 दिसंबर बृहस्पतिवार को इस मामले की सुनवाई करेगा.

ये पढ़ें: 4 दिसंबर को होने वाली SKM की बैठक अब 1 को, आंदोलन पर हाे सकता है बड़ा फैसला

पीठ ने केंद्र, नई दिल्ली नगर परिषद के अध्यक्ष और अन्य को भी प्रदूषण पर आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन का संकेत देते हुए इसी तरह के हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया है. सुनवाई के दौरान ही पीठ ने कहा कि हम इस सवाल से जूझ रहे हैं कि प्रदूषण पर कैसे नियंत्रण पाया जाए, चाहें यह सेन्ट्रल विस्टा हो या प्रदूषण करने वाले उद्योग या राज्य, क्या आपको लगता है कि हमें कुछ नहीं मालूम है? हमें भी सबकुछ पता है. केन्द्र जवाब दाखिल कर रहा है, राज्य भी जवाब दाखिल कर रहे हैं, ऐसे मुद्दे नहीं उठायें जो अंतत: मुख्य मुद्दे को भटकाने की स्थिति पैदा कर दें.

प्रधान न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान वायु गुणवत्ता मानक का जिक्र किया और कहा कि आज यह 419 था जो खरनाक स्तर पर था. उन्होंने संक्रमण की एक और समस्या का बी जिक्र किया और इनसे कैसे निपटा जाय पर भी जवाब मांगा. इस पर तुषार मेहता ने अलग से विचार करने की बात कहीं.

नई दिल्ली: सुर्पीम कोर्ट(Supreme court) ने सोमवार को सेंट्रल विस्टा(Central vista) परियोजना सहित निर्माण गतिविधियों से संबंधित मुद्दों पर केंद्र सरकार से अपना हलफनामा दाखिल करने को कहा है. इसके अलावा न्यायालय ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (Ncr) के राज्यों को प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए वायु गुणवत्ता(Air Quality) पर आयोग के निर्देशों के अनुपालन दर्शाने वाले जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया है.

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण(Chief Justice NV Raman), न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने दिल्ली सहित एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण के मामलों पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया.

याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने पीठ से कहा कि सेंट्रल विस्टा जैसी बड़ी परियोजनाओं से संबंधित निर्माण गतिविधियां जोरों पर चल रही हैं और ऐसी परियोजनाओं से नागरिकों का जीवन प्रभावित हो रहा है. नागरिकों के जीवन से ज्यादा परियोजना महत्वपूर्ण नहीं हो सकती. अधिवक्ता के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने केंद्र सरकार की ओर पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से जवाब देने को कहा और इस विषय पर कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया. याचिकाकर्ता के दलीलों पर गौर करते हुए पीठ ने कहा कि हम सॉलीसिटर जनरल(Solicitor General) को एक हलफनामा दायर करने या केंद्र सरकार के दायरे में आने वाले क्षेत्रों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का निर्देश देते हैं.

पीठ ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के हलफनामे पर गौर किया और प्रदूषण पर आयोग द्वारा सुझाए गए दीर्घकालिक और अल्पकालिक उपायों का हवाला दिया और निर्देशों के अनुपालन के संबंध में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को बुधवार शाम तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. इस मामले में अब न्यायालय 2 दिसंबर बृहस्पतिवार को इस मामले की सुनवाई करेगा.

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पीठ ने केंद्र, नई दिल्ली नगर परिषद के अध्यक्ष और अन्य को भी प्रदूषण पर आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन का संकेत देते हुए इसी तरह के हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया है. सुनवाई के दौरान ही पीठ ने कहा कि हम इस सवाल से जूझ रहे हैं कि प्रदूषण पर कैसे नियंत्रण पाया जाए, चाहें यह सेन्ट्रल विस्टा हो या प्रदूषण करने वाले उद्योग या राज्य, क्या आपको लगता है कि हमें कुछ नहीं मालूम है? हमें भी सबकुछ पता है. केन्द्र जवाब दाखिल कर रहा है, राज्य भी जवाब दाखिल कर रहे हैं, ऐसे मुद्दे नहीं उठायें जो अंतत: मुख्य मुद्दे को भटकाने की स्थिति पैदा कर दें.

प्रधान न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान वायु गुणवत्ता मानक का जिक्र किया और कहा कि आज यह 419 था जो खरनाक स्तर पर था. उन्होंने संक्रमण की एक और समस्या का बी जिक्र किया और इनसे कैसे निपटा जाय पर भी जवाब मांगा. इस पर तुषार मेहता ने अलग से विचार करने की बात कहीं.

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