नई दिल्ली: इस साल 6 से 25 जनवरी तक जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) द्वारा 948 ग्राम रक्षा समूहों को प्रशिक्षित किया गया है, इस बात की जानकारी केंद्र सरकार ने राज्यसभा में दी है. सहायता गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी दी कि 'सीआरपीएफ ने 6 से 25 जनवरी तक राजौरी जिला पुलिस के सहयोग से 948 वीडीजी सदस्यों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया है.'
राय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में वीडीजी की स्वीकृत संख्या 4,985 है, कुल 4,153 वीडीजी का गठन किया गया है. राय ने कहा कि 'गृह मंत्रालय ने 2 मार्च, 2022 के अपने पत्र द्वारा निर्णय लिया है कि प्रत्येक वीडीजी में 15 से अधिक सदस्य नहीं होंगे. अधिक संवेदनशील क्षेत्रों में वीडीजी का नेतृत्व और समन्वय करने वाले व्यक्तियों को प्रति माह 4,500 रुपये का भुगतान किया जाएगा और स्वैच्छिक आधार पर वीडीजी के सदस्य होने वाले व्यक्तियों को प्रति माह 4,000 रुपये की एक समान दर से भुगतान किया जाएगा.'
आगे वीडीजी को परिभाषित करते हुए राय ने कहा कि 'ग्राम रक्षा रक्षक ऐसे होने चाहिए जिनके पास वैध शस्त्र लाइसेंस हो और जिन्हें जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा हथियार प्रदान किए गए हों, जिसका निर्धारण जिला मजिस्ट्रेट, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा किया गया है, स्वयंसेवकों की साख, गांव की आबादी, इसके स्थान और सुरक्षा आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए.' राय ने कहा कि वीडीजी में वैध लाइसेंस और हथियार रखने वाले या अपने दम पर हथियार खरीदने के इच्छुक व्यक्ति भी शामिल होने चाहिए.
यह कहते हुए कि जम्मू-कश्मीर में काउंटर टेरर ऑपरेशंस की संख्या में वृद्धि देखी गई है, राय ने कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में 2022 में इस क्षेत्र में 111 काउंटर टेरर ऑपरेशंस किए गए थे, ऐसे 95 ऐसे काउंटर टेरर ऑपरेशंस थे. पिछले वर्षों की संख्या 180 की तुलना में 2022 में 187 आतंकवादी मारे गए. राय ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में नागरिक हताहतों की संख्या में कमी दर्ज की गई है. पिछले वर्षों के 41 हताहतों की तुलना में 2022 में आतंकवादी घटनाओं में 30 नागरिक मारे गए.