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Centre On Article 370: अनुच्छेद 370 पर केंद्र ने SC से कहा- जम्मू कश्मीर मे जल्द होंगे चुनाव, आयोग लेगा फैसला

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 31, 2023, 11:49 AM IST

Updated : Sep 12, 2023, 1:58 PM IST

देश की सर्वोच्च अदालत में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर में किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार है.

central govt comments on jammu kashmir election
जम्मू कश्मीर चुनाव पर केंद्र सरकार की टिप्पणी

नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव किसी भी समय हो सकते हैं और इस मुद्दे पर निर्वाचन आयोग को निर्णय लेना है. केंद्र ने यह बातें केंद्रशासित प्रदेश में चुनावी लोकतंत्र और पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली पर एक प्रारूप प्रस्तुत करते हुए कहीं. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पांच जजों की पीठ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव 2023 पर फैसला चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयोग को करना है.

तुषार मेहता ने पीठ को जानकारी दी कि जम्मू-कश्मीर में यह चुनाव तीन स्तर पर होंगे- पहला पंचायत चुनाव, दूसरा नगर निकाय चुनाव और तीसरा विधानसभा स्तर पर चुनाव होगा. मोदी सरकार ने 29 अगस्त को उच्चतम अदालत से कहा था कि जम्मू-कश्मीर की केंद्रशासित प्रदेश की स्थिति 'स्थायी' नहीं हैं और वह 31 अगस्त को अदालत में इस जटिल राजनीतिक मुद्दे पर एक विस्तृत बयान देगा. अनुच्छेद 370 को खत्म करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पांच जजों की संविधान पीठ ने केंद्र से जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली के लिए एक निर्धारित समयसीमा को कहा था.

मेहता ने कहा कि राज्य की मतदाता सूची को अपडेट करने का काम निरंतर चल रहा है और काफी काम पूरा भी हो चुका है. मेहता ने बताया कि जिला विकास परिषद के चुनाव पहले ही कराए जा चुके हैं और अब बहुत जल्द ही पंचायत चुनाव होंगे. इसके आगे सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि लेह हिल डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव खत्म हो गए हैं और कारगिल के चुनाव सितंबर में होंगे.

सॉलिसिटर जनरल चुषार मेहता ने कहा कि इन चुनावों के बाद नगर पालिका चुनाव होने हैं और तीसरा चुनाव विधानसभा के लिए होगा. हालांकि, केंद्र सरकार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को एक राज्य में वापस लाने के कदम पहले ही लागू किए जा चुके हैं, लेकिन वह जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई सटीक समय सीमा नहीं बता सकता.

तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र में सत्ता आने के बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में 45% की कमी आई है. वहीं, घुसपैठ में 90.2% की कमी आई है, सुरक्षाकर्मियों के हताहत होने में 65.9% की कमी आई है और पथराव में 97% की कमी आई है. मेहता ने कहा, चुनाव कराने के लिए ये महत्वपूर्ण मानदंड हैं. तुषार मेहता ने कहा कि 2018 में 1767 में पथराव हुआ था और अब यह बिल्कुल भी नहीं है, और यह केवल प्रभावी पुलिसिंग और सुरक्षाकर्मियों के कारण नहीं है बल्कि युवाओं के लाभकारी रोजगार आदि जैसे विभिन्न कदमों के कारण हैं. उन्होंने कहा कि युवाओं को अलगाववादी ताकतें गुमराह कर रही थीं.

एकस्ट्रा इनपुट-एजेंसी

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तुषार मेहता ने पीठ को जानकारी दी कि जम्मू-कश्मीर में यह चुनाव तीन स्तर पर होंगे- पहला पंचायत चुनाव, दूसरा नगर निकाय चुनाव और तीसरा विधानसभा स्तर पर चुनाव होगा. मोदी सरकार ने 29 अगस्त को उच्चतम अदालत से कहा था कि जम्मू-कश्मीर की केंद्रशासित प्रदेश की स्थिति 'स्थायी' नहीं हैं और वह 31 अगस्त को अदालत में इस जटिल राजनीतिक मुद्दे पर एक विस्तृत बयान देगा. अनुच्छेद 370 को खत्म करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पांच जजों की संविधान पीठ ने केंद्र से जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली के लिए एक निर्धारित समयसीमा को कहा था.

मेहता ने कहा कि राज्य की मतदाता सूची को अपडेट करने का काम निरंतर चल रहा है और काफी काम पूरा भी हो चुका है. मेहता ने बताया कि जिला विकास परिषद के चुनाव पहले ही कराए जा चुके हैं और अब बहुत जल्द ही पंचायत चुनाव होंगे. इसके आगे सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि लेह हिल डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव खत्म हो गए हैं और कारगिल के चुनाव सितंबर में होंगे.

सॉलिसिटर जनरल चुषार मेहता ने कहा कि इन चुनावों के बाद नगर पालिका चुनाव होने हैं और तीसरा चुनाव विधानसभा के लिए होगा. हालांकि, केंद्र सरकार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को एक राज्य में वापस लाने के कदम पहले ही लागू किए जा चुके हैं, लेकिन वह जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई सटीक समय सीमा नहीं बता सकता.

तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र में सत्ता आने के बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में 45% की कमी आई है. वहीं, घुसपैठ में 90.2% की कमी आई है, सुरक्षाकर्मियों के हताहत होने में 65.9% की कमी आई है और पथराव में 97% की कमी आई है. मेहता ने कहा, चुनाव कराने के लिए ये महत्वपूर्ण मानदंड हैं. तुषार मेहता ने कहा कि 2018 में 1767 में पथराव हुआ था और अब यह बिल्कुल भी नहीं है, और यह केवल प्रभावी पुलिसिंग और सुरक्षाकर्मियों के कारण नहीं है बल्कि युवाओं के लाभकारी रोजगार आदि जैसे विभिन्न कदमों के कारण हैं. उन्होंने कहा कि युवाओं को अलगाववादी ताकतें गुमराह कर रही थीं.

एकस्ट्रा इनपुट-एजेंसी

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Last Updated : Sep 12, 2023, 1:58 PM IST
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