नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने कहा है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (waqf properties surrounds central vista project) के चारों ओर स्थित वक्फ की संपत्तियों के आकार-प्रकार में कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. जस्टिस संजीव सचदेवा की बेंच ने 20 जनवरी 2022 को सुनवाई के आदेश दिए थे.
होई कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के चारों ओर स्थित (waqf properties surrounds central vista project) वक्फ की संपत्तियों के आकार-प्रकार में कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. उन्होंने इस मामले की सुनवाई तीन हफ्ते टालने की मांग की. उन्होंने कहा कि ये काफी लंबी योजना है औऱ प्रोजेक्ट वक्फ संपत्तियों तक नहीं पहुंचेगा.
21 सितंबर को कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया था. वक्फ बोर्ड ने अपनी याचिका में कहा है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट और उससे जुड़े निर्माणों के दौरान वक्फ संपत्तियों के आकार-प्रकार में कोई बदलाव नहीं करने का दिशानिर्देश जारी किये जाएं. याचिकाकर्ता की ओर से वकील वजीह शफीक ने कहा कि वक्फ बोर्ड एक संवैधानिक संस्था है जो वक्फ बोर्ड एक्ट की धारा 13 के तहत गठित की गई है. दिल्ली वक्फ बोर्ड को दिल्ली स्थित अपनी संपत्तियों के प्रबंधन और नियंत्रण का अधिकार है.
याचिका में कहा गया है कि वक्फ की संपत्तियां काफी प्राचीन और इबादत के महत्वपूर्ण स्थल हैं. इस बात की आशंका जताई गई है कि सेट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के लिए वक्फ की संपत्तियों के आकार-प्रकार में छेड़छाड़ की जाए. इस प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इसे राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट बताया था.
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