ETV Bharat / bharat

केंद्र ने कोर्ट से कहा घर-घर जाकर बुजुर्गों व दिव्यांगों का टीकाकरण करना संभव नहीं

घर-घर जाकर टीका लगाने के मुद्दे पर केंद्र सरकार ने बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि वर्तमान में ऐसा संभव नहीं है. केंद्र ने 'घर के पास' टीकाकरण केंद्र शुरू करने को उपयुक्त समाधान बताया है.

author img

By

Published : Jun 8, 2021, 6:19 PM IST

Updated : Jun 8, 2021, 7:16 PM IST

hc
hc

मुंबई : केंद्र सरकार ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि वर्तमान में वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों, बिस्तर पर पड़े और व्हीलचेयर की सहायता वाले लोगों का घर-घर जाकर कोविड-19 टीकाकरण संभव नहीं है. हालांकि, उसने ऐसे लोगों के लिए 'घर के पास' टीकाकरण केंद्र शुरू करने का निर्णय लिया है.

केंद्र सरकार ने अदालत में दाखिल अपने हलफनामे में कहा कि टीकाकरण को लेकर बनाए गए राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) की 25 मई की बैठक में ऐसे लोगों के लिए घर-घर जाकर टीका लगाने के मुद्दे पर विचार करने के बाद 'घर के पास' टीकाकरण केंद्र शुरू करने को उपयुक्त समाधान बताया है.

अदालत ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि भारत में करीब 25 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है.

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने कहा, कौन सा दूसरा ऐसा देश है जोकि भारत की तरह इतनी बड़ी संख्या में आबादी का टीकाकरण करने में समर्थ है. सरकार घर-घर जाकर टीकाकरण कर सकती है. आपको (सरकार) खुद अपना रास्ता तलाश करना होगा.

पढ़ें :- 'टीका', 'टिप्पणी' और मोदी का मास्टरस्ट्रोक, एक तीर से कई निशाने और कई सवाल

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने पिछले महीने एनईजीवीएसी को वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों, बिस्तर पर पड़े और व्हीलचेयर की सहायता वाले लोगों के लिए घर-घर जाकर कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने की संभावना पर विचार करने का निर्देश दिया था.

अदालत ने दो वकीलों द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिए थे. याचिका में कई लोगों द्वारा टीकाकरण केंद्र जाने में असमर्थ होने को लेकर चिंता जताई गई थी. अदालत इस मामले में बुधवार को सुनवाई जारी रखेगी.

मुंबई : केंद्र सरकार ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि वर्तमान में वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों, बिस्तर पर पड़े और व्हीलचेयर की सहायता वाले लोगों का घर-घर जाकर कोविड-19 टीकाकरण संभव नहीं है. हालांकि, उसने ऐसे लोगों के लिए 'घर के पास' टीकाकरण केंद्र शुरू करने का निर्णय लिया है.

केंद्र सरकार ने अदालत में दाखिल अपने हलफनामे में कहा कि टीकाकरण को लेकर बनाए गए राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) की 25 मई की बैठक में ऐसे लोगों के लिए घर-घर जाकर टीका लगाने के मुद्दे पर विचार करने के बाद 'घर के पास' टीकाकरण केंद्र शुरू करने को उपयुक्त समाधान बताया है.

अदालत ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि भारत में करीब 25 करोड़ लोगों को टीका लगाया जा चुका है.

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने कहा, कौन सा दूसरा ऐसा देश है जोकि भारत की तरह इतनी बड़ी संख्या में आबादी का टीकाकरण करने में समर्थ है. सरकार घर-घर जाकर टीकाकरण कर सकती है. आपको (सरकार) खुद अपना रास्ता तलाश करना होगा.

पढ़ें :- 'टीका', 'टिप्पणी' और मोदी का मास्टरस्ट्रोक, एक तीर से कई निशाने और कई सवाल

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने पिछले महीने एनईजीवीएसी को वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों, बिस्तर पर पड़े और व्हीलचेयर की सहायता वाले लोगों के लिए घर-घर जाकर कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने की संभावना पर विचार करने का निर्देश दिया था.

अदालत ने दो वकीलों द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिए थे. याचिका में कई लोगों द्वारा टीकाकरण केंद्र जाने में असमर्थ होने को लेकर चिंता जताई गई थी. अदालत इस मामले में बुधवार को सुनवाई जारी रखेगी.

Last Updated : Jun 8, 2021, 7:16 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.