शिमला: हिमाचल में अडानी समूह द्वारा अपने दो सीमेंट प्लांट बंद करने पर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. एसीसी व अंबुजा सीमेंट कंपनियों को दिए गए सरकार के सप्लाई आर्डर अब अल्ट्राटेक कंपनी को दे दिए गए हैं. अब अल्ट्राटेक कंपनी राज्य सरकार को सीमेंट की सप्लाई करेगी. राज्य सरकार इसके लिए 20 रुपये प्रति बैग अधिक दाम चुकाएगी. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि राज्य में निर्माण कार्य थम न जाएं.
सरकार अडानी समूह की अंबुजा और एसीसी कंपनियों को दिए आर्डर कैंसल कर इनको अल्ट्राटेक कंपनी को दे दिए हैं. इस तरह सरकारी काम में अल्ट्राटेक सीमेंट इस्तेमाल होगा. एसीसी और अंबुजा सीमेंट कंपनी के प्लांट बंद करने के फैसले के बाद सुक्खू सरकार ने यह एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने दोनों कंपनियों से ऑर्डर वापस लेकर अल्ट्राटेक को देने के निर्देश दिए हैं. (cement crisis in himachal) (cement plant controversy) (Cement companies himachal)
1.20 लाख सीमेंट बोरियों का आर्डर: मुख्य सचिव आरडी धीमान के मुताबिक प्रदेश में विकास कार्य न थमें, इसे लेकर सरकार वैकल्पिक व्यवस्था कर रही है. इसके तहत एसीसी और अंबुजा को दिए गए 6,000 टन यानी 1.20 लाख सीमेंट बोरियों का आर्डर सोलन के बाघा स्थित अल्ट्राटेक प्लांट को डायवर्ट कर दिया गया है.
मुख्य सचिव आरडी धीमान ने कहा कि सरकारी कार्यों के लिए पिछले चार दिन से एसीसी सीमेंट बरमाणा व अंबुजा सीमेंट, दाड़लाघाट से आपूर्ति बाधित है. हालांकि अल्ट्राटेक बाघा, बघेरी व अंबुजा नालागढ़ से सीमेंट की आपूर्ति सुचारू रूप से चल रही है. उन्होंने कहा कि दोनों कंपनियों को जारी 6,000 टन यानी 1,20,000 सीमेंट की बोरियों का सप्लाई ऑर्डर अल्ट्राटेक सीमेंट बाघा को डायवर्ट कर दिया गया है.
सरकारी कार्यों के लिए अंबुजा और एसीसी से सीमेंट खरीदती है सरकार: हिमाचल में सरकार विभिन्न विभागों के तहत होने वाले निर्माण कार्यों के लिए दोनों निजी कंपनियों से सीमेंट खरीदती है. हर साल करीब 6 लाख टन सीमेंट सरकारी कार्यों के लिए खरीदा जाता है. सरकारी कार्यों के लिए सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन के माध्यम से यह सीमेंट खरादा जाता है. इस तरह एंबुजा और एसीसी कंपनियों का सीमेंट बड़े स्तर पर सरकार इस्तेमाल करती है, लेकिन जिस तरह के कंपनी ने अचानक प्लांटस बंद कर दिए हैं, उसको लेकर सरकार अब इससे उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए कदम उठा रही है.
हिमाचल में निर्माण और विकास कार्य न रुके, इसलिए सरकार ने संबंधित विभागों को अगले आदेशों तक सीमेंट की वैकल्पिक व्यवस्था करने को कह दिया है. इसके लिए सरकार ने लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, ग्रामीण विकास विभाग और अन्य विभागों को इस बारे में पत्र लिखकर सीमेंट अल्ट्राटेक कंपनी से लेने के निर्देश दिए हैं. सरकार से मिले आदेशों के बाद राज्य आपूर्ति निगम ने इन विभागों को पत्र जारी करके कंपनी से सीमेंट खरीदने की बात कही है. वहीं इसकी एवज में 20 रुपए ज्यादा देने के लिए भी कहा गया है.
हर साल 4.29 मिट्रिक टन का सीमेंट तैयार करती है अल्ट्राटेक: हिमाचल में अल्ट्राटेक कंपनी का प्लांट सोलन जिला के बागा में स्थित है. इस प्लांट की कुल क्षमता 4.29 मिट्रिक ट्रन सालाना सीमेंट तैयार करने की है. ऐेसे में निर्माण कार्यो को करवाने वाले विभाग अब इस कंपनी से सीमेंट खरीदेंगे. बताया जा रहा है कि अंबुजा और एसीसी के कंपनियों के प्लांट के बंद होने से सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन निगम के 118 गोदामों में सीमेंट का स्टॉक खत्म हो गया है. इसके चलते एसीसी और अंबुजा कंपनी को जारी सीमेंट सप्लाई के ऑर्डर अब अल्ट्राटेक को भेज दिए गए हैं.
राज्य में निर्माण कार्य सीमेंट की कमी से प्रभावित: अडानी समूह द्वारा दाड़लाघाट के अंबुजा और बरमाणा के एससीसी प्लांट को बंद करने के बाद हिमाचल में सीमेंट की कमी आने लगी है. निजी कार्यों के अलावा सरकारी कार्यों के लिए भी सीमेंट नहीं मिल रहा है. सीमेंट सप्लाई रुकने का सबसे ज्यादा असर लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग पर देखा जा रहा है. प्रदेश में निर्माणाधीन सरकारी भवनों के अलावा ग्रामीण इलाकों में अन्य विकास कार्य इससे प्रभावित हो रहे हैं. इन सभी कार्यों के लिए सीमेंट उपलब्ध करवाने का काम सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन करता है, लेकिन इसके गोदामों में सीमेंट न होने से कामकाज ठप हो गया है. इसी तरह निजी भवनों और अन्य प्रोजेक्ट भी रूक गए हैं. हालांकि सरकार ने सरकारी कार्यों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था तो कर दी है लेकिन निजी कार्यों पर सीमेंट की सप्लाई का असर देखने को मिल रहा है. इससे सीमेंट की कालाबाजारी भी बढ़ सकती है.
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