तेजपुर : चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने शनिवार को भारतीय सेना के तेजपुर स्थित गजराज कोर का दौरा किया. उन्हें मौजूदा परिचालन स्थिति और तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई. रक्षा अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने पूर्वी कमान के भारतीय सेना और वायु सेना के अधिकारियों को संबोधित किया और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए संयुक्तता और एकीकरण की आवश्यकता और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के महत्व पर जोर दिया.
गजराज कोर उत्तरी सीमाओं पर कामेंग सेक्टर की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है. गजराज कोर की स्थापना 4 अक्टूबर, 1962 को भारत-चीन संघर्ष के बीच हुई थी. कोर ने पूर्वी डायस्पोरा में पारंपरिक और आतंकवाद विरोधी दोनों अभियानों में सराहनीय रणनीतिक भूमिका निभाई. 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान बांग्लादेश की मुक्ति के दौरान गजराज कोर ने ढाका तक प्रसिद्ध प्रगति की. इसने मेघना हेली ब्रिगेड ऑपरेशन में भी भाग लिया.
वहीं, हाल में अरुणाचल प्रदेश में चीनी घुसपैठ की खबरों के बीच सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने पूर्वोत्तर में सीमा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. अधिकारियों ने गजराज कोर का भी दौरा किया और कई विषयों पर चर्चा की. सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने हाल में कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक और तकनीकी परिवर्तन दुनिया में अनिश्चितता का माहौल पैदा कर रहा है. उन्होंने कहा कि दुनिया के अनिश्चित भविष्य को देखते हुए स्वयं को तैयार रहने की आवश्यकता है. उन्होंने कई देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतियों के पुनर्जीवित होने के बारे में कहा.