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सीडीएस की नियुक्ति के लिए नियमों में किया गया बड़ा बदलाव

सरकार जल्द ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति कर सकती है. इसकी प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. रक्षा मंत्रालय ने तीनों रक्षा बलों के नियमों में संशोधन के लिए गजट अधिसूचना जारी कर दी है. वैसे अधिकारी जो लेफ्टिनेंट जनरल या उनके समकक्ष हैं, उनके नामों पर विचार किया जा सकता है. पहले इसका दायरा सीमित था.

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रक्षा मंत्रालय की बैठक
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Published : Jun 7, 2022, 5:15 PM IST

Updated : Jun 7, 2022, 8:02 PM IST

नई दिल्ली : चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति को लेकर रक्षा मंत्रालय ने एक बड़ा बदलाव किया है. मंत्रालय ने इस संबंध में नए दिशा निर्देश जारी किए हैं. इसके लिए सरकार ने पात्र अधिकारियों के दायरे को विस्तृत किया है. नए नियम के अनुसार अब वायुसेना और नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी (लेफ्टिनेंट जनरल या उनके समकक्ष स्तर) भी सीडीएस बन सकते हैं.

नई अधिसूचना के मुताबिक हाल ही में रिटायर सेना प्रमुख और उप प्रमुख भी पात्र हो सकते हैं. आपको बता दें कि जनरल बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस थे. वह जनवरी 2020 में इस पद पर नियुक्त किए गए थे. लेकिन एक विमान दुर्घटना में उनके निधन के बाद से यह पद खाली है. रावत का निधन पिछले साल दिसंबर में तमिलनाडु में हुआ था. इस दुर्घटना में बिपिन रावत की पत्नी का भी निधन हो गया था.

सरकार ने किसी भी सेवारत या सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल या वाइस एडमिरल को सीडीएस के रूप में नियुक्त करने के वास्ते प्रावधान करने के लिए वायु सेना अधिनियम, सेना अधिनियम और नौसेना अधिनियम के तहत सोमवार को अलग-अलग अधिसूचना जारी की.

  • Ministry of Defence issues gazette notifications to amend regulations of 3 defence forces related to appointment of Chief of Defence Staff. For appointing CDS the govt may consider officers who are serving as Lt Gen equivalent or General equivalent ...(1/2) pic.twitter.com/3leGJB4SD4

    — ANI (@ANI) June 7, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वायु सेना अधिनियम 1950 के तहत जारी अधिसूचना में कहा गया है, 'केंद्र सरकार, यदि आवश्यक हो, जनहित में, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के रूप में एक ऐसे अधिकारी को नियुक्त कर सकती है, जो एयर मार्शल या एयर चीफ मार्शल के रूप में सेवा कर रहे हैं या एक अधिकारी जो एयर मार्शल या एयर चीफ मार्शल के पद से सेवानिवृत्त हो गये हैं, लेकिन नियुक्ति की तारीख को 62 वर्ष के नहीं हुए है.' अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार प्रमुख रक्षा अध्यक्ष की सेवा को इतनी अवधि के लिए बढ़ा सकती है जितनी वह आवश्यक समझे, अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक.

सेना अधिनियम 1950 और नौसेना अधिनियम 1957 के तहत इसी तरह की अधिसूचनाएं जारी की गईं. तीनों सेनाओं के प्रमुखों का कार्यकाल तीन साल की सेवा या जब वे 62 वर्ष के हो जाते हैं, जो भी पहले हो, तब तक होता है. वास्तव में सेना, नौसेना और वायु सेना के सेवानिवृत्त प्रमुखों के सीडीएस के पद के लिए विचार किए जाने की संभावना नहीं है क्योंकि पद के लिए पात्रता आयु 62 वर्ष रखी गई है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को तीनों सेनाओं के प्रमुख संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं. चर्चा है कि इस कॉंफ्रेंस में नीतिगत फैसलों की जानकारी दी जा सकती है. इसके तहत नई भर्तियों में चार साल की नौकरी के बाद तीन चौथाई जवान नौकरी छोड़ेंगे, जबकि एक चौथाई जवान आगे फौज में नौकरी कर पाएंगे. पिछले ढाई साल से सेना में कोई भर्ती नहीं हुई है.

ये भी पढ़ें : CDS Bipin Rawat : यूं ही नहीं बनाया गया था देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस

नई दिल्ली : चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति को लेकर रक्षा मंत्रालय ने एक बड़ा बदलाव किया है. मंत्रालय ने इस संबंध में नए दिशा निर्देश जारी किए हैं. इसके लिए सरकार ने पात्र अधिकारियों के दायरे को विस्तृत किया है. नए नियम के अनुसार अब वायुसेना और नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी (लेफ्टिनेंट जनरल या उनके समकक्ष स्तर) भी सीडीएस बन सकते हैं.

नई अधिसूचना के मुताबिक हाल ही में रिटायर सेना प्रमुख और उप प्रमुख भी पात्र हो सकते हैं. आपको बता दें कि जनरल बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस थे. वह जनवरी 2020 में इस पद पर नियुक्त किए गए थे. लेकिन एक विमान दुर्घटना में उनके निधन के बाद से यह पद खाली है. रावत का निधन पिछले साल दिसंबर में तमिलनाडु में हुआ था. इस दुर्घटना में बिपिन रावत की पत्नी का भी निधन हो गया था.

सरकार ने किसी भी सेवारत या सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल या वाइस एडमिरल को सीडीएस के रूप में नियुक्त करने के वास्ते प्रावधान करने के लिए वायु सेना अधिनियम, सेना अधिनियम और नौसेना अधिनियम के तहत सोमवार को अलग-अलग अधिसूचना जारी की.

  • Ministry of Defence issues gazette notifications to amend regulations of 3 defence forces related to appointment of Chief of Defence Staff. For appointing CDS the govt may consider officers who are serving as Lt Gen equivalent or General equivalent ...(1/2) pic.twitter.com/3leGJB4SD4

    — ANI (@ANI) June 7, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वायु सेना अधिनियम 1950 के तहत जारी अधिसूचना में कहा गया है, 'केंद्र सरकार, यदि आवश्यक हो, जनहित में, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष के रूप में एक ऐसे अधिकारी को नियुक्त कर सकती है, जो एयर मार्शल या एयर चीफ मार्शल के रूप में सेवा कर रहे हैं या एक अधिकारी जो एयर मार्शल या एयर चीफ मार्शल के पद से सेवानिवृत्त हो गये हैं, लेकिन नियुक्ति की तारीख को 62 वर्ष के नहीं हुए है.' अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार प्रमुख रक्षा अध्यक्ष की सेवा को इतनी अवधि के लिए बढ़ा सकती है जितनी वह आवश्यक समझे, अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक.

सेना अधिनियम 1950 और नौसेना अधिनियम 1957 के तहत इसी तरह की अधिसूचनाएं जारी की गईं. तीनों सेनाओं के प्रमुखों का कार्यकाल तीन साल की सेवा या जब वे 62 वर्ष के हो जाते हैं, जो भी पहले हो, तब तक होता है. वास्तव में सेना, नौसेना और वायु सेना के सेवानिवृत्त प्रमुखों के सीडीएस के पद के लिए विचार किए जाने की संभावना नहीं है क्योंकि पद के लिए पात्रता आयु 62 वर्ष रखी गई है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को तीनों सेनाओं के प्रमुख संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं. चर्चा है कि इस कॉंफ्रेंस में नीतिगत फैसलों की जानकारी दी जा सकती है. इसके तहत नई भर्तियों में चार साल की नौकरी के बाद तीन चौथाई जवान नौकरी छोड़ेंगे, जबकि एक चौथाई जवान आगे फौज में नौकरी कर पाएंगे. पिछले ढाई साल से सेना में कोई भर्ती नहीं हुई है.

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Last Updated : Jun 7, 2022, 8:02 PM IST
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