रांचीः बहुचर्चित नेशनल शूटर तारा शाहदेव मामले में कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया है. रकीबुल उर्फ रंजीत कोहली, उसकी मां कौशल रानी और मुश्ताक अहमद को सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुना दी है. इससे पहले 30 सितंबर को तीनों को अदालत ने दोषी करार दिया था.
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किसको कितनी मिली सजाः नेशनल शूटर तारा शाहदेव से जुड़े 8 साल पुराने यौन उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना और जबरन धर्म परिवर्तन मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. सीबीआई की विशेष अदालत ने रकीबुल हसन को आजीवन कारावास की सजा, मां कौशल रानी को 10 साल, मुश्ताक अहमद को 15 साल की सजा सुनाई है.
2015 से जांच कर रही थी सीबीआईः 30 सितंबर को सीबीआई की विशेष अदालत में रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल, मुस्ताक अहमद और कौशल रानी को आपराधिक साजिश रचने के साथ-साथ उत्पीड़न की घटना को अंजाम देने, धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने एवं यह जानते हुए यह शादी विधि सम्मत नहीं है फिर भी शादी का गलत तरीके से आयोजन करने में, इन सभी मामलों में दोनों को दोषी ठहराया गया है. झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने साल 2015 में तारा शाहदेव केस को टेकओवर किया था.
सीबीआई ने 12 मई 2017 को तीनों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी, लंबी सुनवाई के बाद 30 सितंबर 2023 को सीबीआई की विशेष अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया. अदालत में तीनों को अलग-अलग धाराओं में दोषी पाया, तीनों को 120 बी, 376 (2) एन (एक ही महिला से बार बार रेप की साजिश) 298 धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना और 496 (जबरदस्ती या कपटपूर्ण तरीके से विवाह करवाना) में दोषी पाया है.
2014 में हुई थी शादीः पूरा मामला साल 2014 का है, इसी साल रंजीत कोहली ने तारा शाहदेव से छलपूर्वक और झूठ बोल कर शादी की थी. शादी के बाद से ही तारा शाहदेव के साथ मारपीट और उत्पीड़न की घटनाएं होने लगी. जिसके बाद तारा ने मामले को लेकर रांची के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज करवाई. मामला सामने आने के बाद रंजीत कोहली को रांची पुलिस के द्वारा दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था. जांच में सब रजिस्टार मुश्ताक अहमद जैसे लोगों के नाम सामने आने लगे. इसके बाद तारा के द्वारा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की गयी. झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2015 में मामले को टेकओवर किया.